September 17, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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दिल्ली-NCR का वायरल सिलीगुड़ी में भी दस्तक देने लगा है!

सितंबर का महीना और पूजा की भीड़ भाड़. यह महीना लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है. एक तो बरसात, उमस, कभी धूप की तल्खी, पूजा भी इसी महीने. और ऊपर से वायरल का भी खतरा बना हुआ है. अगर किसी को सर्दी खांसी बुखार जुकाम आदि होता है तो कम से कम ठीक होने में एक हफ्ता तो लग ही जाता है. इन दिनों सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में ऐसे लक्षणो के अनेक मरीज देखे जा रहे हैं.

मरीज सरकारी अस्पताल अथवा घर पर ही इलाज करा रहे हैं. मेडिकल स्टोर से पेरासिटामोल और एंटीबायोटिक दवाइयां लेकर काम चला रहे हैं. कुछ लोग सरकारी अस्पतालों में अथवा निजी डॉक्टर को भी दिखा रहे हैं. लेकिन फिर भी यह बुखार एक हफ्ते से पहले उतरता नहीं है. डॉक्टर को दिखाने जाएं तो आमतौर पर डॉक्टर की भाषा में यह वायरल ही माना जाता है. डॉक्टरों का मानना है कि सितंबर के महीने में वायरल का प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में आपको पूरी सावधानी रखनी चाहिए.

सिलीगुड़ी के बस्ती इलाकों जैसे नौकाघाट, फुलबारी,डाबग्राम, तीन बत्ती, साउथ कॉलोनी ,माटीगाड़ा, चंपासारी आदि इलाकों में लोगों को बुखार, खांसी या गले में खराश हो रही है. इससे निबटने में मरीज को कम से कम एक हफ्ता लग रहा है. सिलीगुड़ी में तो वायरल ज्यादा प्रभावी नहीं हुआ है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में वायरल तेजी से फैल रहा है. वहां लगभग हर घर में कोई ना कोई इस बीमारी से जूझ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार H3N2 फ्लू के केसों में तेजी आई है. जिसमें 37% घरों में चार या अधिक सदस्य प्रभावित है.

सवाल है कि सितंबर के महीने में ही वायरल संक्रमण का खतरा क्यों बढ़ जाता है? सिलीगुड़ी तो पहले से ही डेंगू का सामना कर रहा है. अब पूजा के ऐन मौके पर वायरल संक्रमण बढ़ जाने से समस्या भी बढ़ गई है. बीमारी के उपचार में पैसे भी लगते हैं. ऊपर से त्यौहार का खर्च भी बढ़ेगा. साधारण लोगों के लिए यह सब झेलना बड़ा कठिन होता है. इसलिए यह जरूरी है कि ऐसे मौसम में वायरल से बचाव करें.

विशेषज्ञों के अनुसार मानसून के बाद नमी का स्तर बढ़ जाता है जो वायरस की स्थिरता को बढ़ाता है. तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच होने से फ्लू और राइनो वायरस को अनुकूल माहौल मिलता है. इस मौसम में त्योहारों की भीड़ बढ़ने पर संक्रमण भी तेजी से फैलता है. इसलिए अगर आपको संक्रमण से बचाव करना है तो सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहने. हाथ धोते रहे और फ्लू वैक्सीन जरूर लगवाएं.

अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आपको ज्यादा सावधानी की जरूरत है. अपना खान-पान संतुलित रखें.अगर घर का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उसे घर पर ही रहना चाहिए, जब तक कि वह पूरी तरह ठीक ना हो जाए. अगर आप बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल ना भेजें. अगर घर पर प्राथमिक उपचार से लाभ नहीं मिले अथवा तेज बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो,तब डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि खुद को आइसोलेट करने से 70% रोगियों को लाभ होता है.

सिलीगुड़ी और बस्ती इलाकों में फैल रहा वायरल अभी प्राथमिक चरण में है और नियंत्रण में है. इसलिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है. जैसे कि दिल्ली, नोएडा,गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि शहरों में वायरल आतंक का पर्याय बन चुका है. वहां अस्पतालों के ओपीडी में 30 से लेकर 40% मरीज वायरल से संबंधित रोग लेकर आते हैं. दिल्ली एनसीआर में तो लगभग हर घर में कोई ना कोई एक वायरल का मरीज मिल जाएगा. यह स्थिति सिलीगुड़ी में उत्पन्न ना हो, इसके लिए सिलीगुड़ी के लोगों को पूरी सावधानी रखने की जरूरत है. इसके साथ ही सिलीगुड़ी नगर प्रशासन को भी स्थिति पर नजर बनाए रखनी चाहिए.

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