आपको याद होगा, जब पिछले महीने सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने शहर में लगातार बढ़ती जाम की समस्या के समाधान के लिए सिलीगुड़ी में चल रहे टोटो पर नकेल कसने का फैसला लिया था और यह भी कहा गया था कि छठ पूजा के बाद प्रशासन टोटो वालों की मनमानी पर रोक लगाएगा और अवैध टोटो को चलने नहीं दिया जाएगा. आदि-आदि.
बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं. राज्य परिवहन निगम ने तो बाकायदा नोटिस ही जारी कर दिया था. ऐसा नहीं है कि काम नहीं हो रहा है. काम तो चल रहा है. लेकिन बहुत ही धीमी गति से और यह गति इतनी धीमी है कि टोटो वाले भी समझ रहे हैं कि प्रशासन ने उन्हें डराने के लिए ही ऐसा किया है! अगर उन्हें प्रशासन का खौफ होता तो आज टोटो वालों की मनमानियां इस कदर बढी नहीं होतीं!
सिलीगुड़ी की कोई भी सड़क ले लीजिए. वहां बिना नंबर के भी टोटो चल रहे नजर आएंगे. लेकिन ट्रैफिक पुलिस का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. बहुत से टोटो पर पुराने नंबर भी हैं. उनके रूट भी अलग-अलग हैं. लेकिन इस समय टोटो वालों को कोई खौफ नहीं है. जब आरंभ में प्रशासन सख्त था तो पंजीकृत टोटो के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित कर दिए गए और उनकी पहचान के लिए अलग-अलग रंग का बारकोड भी लगा दिया गया था. क्या टोटो वाले नियमों का पालन कर रहे हैं? आपका जवाब होगा, नहीं.
सिलीगुड़ी प्रशासन की यह विडंबना है कि कोई भी फरमान जारी होता है तो कुछ दिनों तक पूरा प्रशासन सक्रिय नजर आता है. लेकिन बाद में सब कुछ ठंडा हो जाता है. इस समय सिलीगुड़ी और राज्य भर में SIR की गहमागहमी देखी जा रही है और प्रशासन इसी में उलझा हुआ है. इसका फायदा सिलीगुड़ी के टोटो वाले उठा रहे हैं. राज्य परिवहन निगम के फरमान के अनुसार टोटो रजिस्ट्रेशन और रूट निर्धारण प्रक्रिया आरंभ भी हुई है. लेकिन उसके बावजूद भी स्थिति में कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है.
टोटो वाले भी बड़े शातिर हैं और प्रशासन की कमजोरी को भी अच्छी तरह समझते हैं. उन्हें लगता है कि आगामी विधानसभा चुनाव तक सिलीगुड़ी नगर प्रशासन और और पुलिस प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा. इसलिए वे नियम पता होने के बावजूद अलग-अलग रूट में चल रहे हैं. जबकि उन्हें निर्धारित रूट में ही चलना चाहिए. बिना नंबर के टोटो वाले भी बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं.
वे भी नियमों को ताक पर रखकर सड़क पर चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में सिलीगुड़ी की रफ्तार क्यों नहीं धीमी होगी! भोग रहे हैं सिलीगुड़ी के लोग. बहुत बार शिकायत आने के बाद कुछ ट्रेफिक गार्ड की ओर से ऐसे अवैध टोटो की धर पकड़ शुरू तो कर दी जाती है, लेकिन इसका भी हस्र वही होता है, जो पहले से होता रहा है.
इन दिनों जंक्शन ट्रेफिक गार्ड के द्वारा बिना नंबर और गलत रूट पर चलने वाले टोटो के खिलाफ धर पकड़ अभियान शुरू किया गया है. पर सवाल यह है कि जब प्रशासन ही सख्त नहीं है तो ऐसा कब तक चलेगा! एक दिन खुद ही ट्रैफिक गार्ड ठंडे हो जाएंगे और फिर से टोटो वाले अपनी मनमानियां सिलीगुड़ी पर लादने के लिए तैयार नजर आएंगे!
