राज्य में ममता बनर्जी के लिए सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दार्जिलिंग पहाड़ में अपनी पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत बनाने में जुटी ममता बनर्जी को पहाड़ से झटका मिला है. दार्जिलिंग पहाड़ ने बंगाल सरकार के उस आदेश को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राज्य गीत बांग्लार माटी बांग्लार जल गाना अनिवार्य किया गया था. जीटीए के कार्यकारी अध्यक्ष अनित थापा ने साफ कर दिया है कि बंगाल सरकार का यह नियम पहाड़ के किसी भी स्कूल पर लागू नहीं होगा.
दूसरी तरफ बंगाल में एस आई आर चल रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी SIR का विरोध कर रही है. कई जगह एस आई आर के डर से लोगों द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या की भी खबरें सामने आ रही है. अब तक राज्य में 8 से अधिक लोगों द्वारा कथित तौर पर SIR के डर से खुद को मिटाने और हाल ही में जलपाईगुड़ी के सदर ब्लाक के खड़िया ग्राम पंचायत की जगन्नाथ कॉलोनी इलाके में एक व्यक्ति के द्वारा 2002 की वोटर लिस्ट में पत्नी का नाम नहीं होने से चिंतित होकर खुदकुशी करने की खबर ने जरूर उन्हें परेशान किया होगा.
ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक बार फिर से उत्तर बंगाल दौरा मुख्यमंत्री की परेशानी और संभावनाओं के बीच अपने आप में महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री सोमवार को सिलीगुड़ी आ रही है. यह उनका एक डेढ़ महीने में तीसरा उत्तर बंगाल दौरा होगा. 2026 के विधानसभा चुनाव में उत्तर बंगाल में अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री अपनी रणनीति को नए सिरे से अंजाम दे सकती हैं. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को सिलीगुड़ी के उत्तर कन्या में उत्तर बंगाल के पांच जिलों के जिला अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय इमरजेंसी मीटिंग करने वाली हैं.
इस पर सभी की निगाह टिकी हुई है कि मुख्यमंत्री बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा करेंगी और बदली स्थितियों में उनकी रणनीति क्या होगी. क्योंकि SIR, लोगों में व्याप्त डर, खुदकुशी, पहाड़ में सरकारी फरमान का उल्लंघन इत्यादि बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर मुख्यमंत्री को विचार करना होगा और नए सिरे से अपनी रणनीति को अंजाम देना होगा. मुख्यमंत्री पहाड़ में अपनी पार्टी का जनाधार बढाना चाहती है. इसके लिए उन्हें GTA प्रमुख अनित थापा का साथ चाहिए. अनित थापा ने पहले ही उनके सरकारी फरमान को ठुकरा कर यह संदेश दे दिया है कि पहाड़ की संस्कृति और परंपरा अलग है और उसे बनाए रखने के लिए वे राज्य सरकार के गुलाम नहीं हैं.
दरअसल राज्य सरकार ने बंगाल के सभी सरकारी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राज्य गीत बांग्लार माटी बांग्लार जल गाना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को यह मंजूर नहीं है. अनित थापा का साफ कहना है कि जीटीए एक स्वायत्त प्रशासनिक व्यवस्था है. पहाड़ की अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान, परंपरा और भाषाई विविधता है. यहां के लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी है. इसलिए पहाड़ के स्कूलों में पहले से चली आ रही परंपरा ही लागू होगी. राज्य सरकार ने 6 नवंबर को आदेश जारी किया था.
बहरहाल मुख्यमंत्री सोमवार को बागडोगरा हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सीधे उत्तर कन्या जाएंगी. जहां वह अधिकारियों के साथ बैठक करने वाली है. इस बैठक में सभी पांचों जिलों के डीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. प्रशासनिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जिलाधिकारियों को इस बैठक में शामिल होने के लिए बता दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूं तो आपदा प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने आ रही हैं. वे अपनी यात्रा के दौरान पीड़ित परिवारों को ₹500000 की आर्थिक सहायता देंगी. यह सहायता उन परिवारों को दी जाएगी, जिन्होंने प्राकृतिक आपदा में अपने परिजनों को खोया है. लेकिन जिला अधिकारियों के साथ उनकी आपात बैठक कुछ और ही इशारा कर रही है. आपको बता दें कि दार्जिलिंग और उत्तर बंगाल में 4 अक्टूबर को भीषण आपदा आई थी. उसके बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां दो बार आ चुकी हैं.
