पति और पत्नी के बीच जब तीसरा आ जाता है, तो असामान्य घटनाएं जन्म लेने लगती हैं. पति पत्नी के रिश्ते में कड़वाहट और तूफान खड़ा हो जाता है, जो धीरे-धीरे उनकी गृहस्थी की गाड़ी को जलाकर भस्म कर देता है. आपके आसपास ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे, पर बंगाल की यह एक अनोखी और रिश्तो की मर्यादा और लोक परंपरा को तार तार करने वाली यह घटना काफी दिलचस्प है. और यही कारण है कि सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो रहा है. क्या ऐसा भी होता है!
यह घटना पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले से जुड़ी है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी का विवाह अपने दोस्त से कराकर काफी राहत महसूस की है. मजे की बात तो यह भी है कि पति-पत्नी दोनों का वैवाहिक संबंध पूरे 9 वर्षों तक चलता रहा. उनका 7 साल का एक बेटा भी है. फिर ऐसा क्या हुआ कि पति पत्नी दोनों एक छत के नीचे नहीं रह सके और उनके बीच ऐसी दूरियां बढ़ी कि पत्नी किसी और की हो गई.
लेकिन पति को इसका कोई मलाल नहीं है. हां, सीने में दर्द तो है पर वह जबरन मुस्कुराते हुए गांव वालों से कहता फिर रहा कि मैं आजाद हो गया हूं. मैंने अपनी पत्नी की शादी अपने दोस्त से करा दी है. अच्छा किया या बुरा, नहीं जानता. परंतु मेरी पत्नी मेरे दोस्त के साथ खुश है. मैं भी अपने बेटे के साथ खुश हूं.
बीरभूम जिले के सैंथिया के वार्ड नंबर आठ के रहने वाले बापी मंडल और तारापीठ की रहने वाली पंचमी मंडल की शादी लगभग 9 साल पहले हुई थी. उनका 7 साल का एक बच्चा भी है. शादी के आरंभिक दिनों में पति-पत्नी का रिश्ता ठीक ठाक था. लेकिन बेटे के जन्म के बाद धीरे-धीरे परिवार में कलह उत्पन्न होने लगी, जो उत्तरोत्तर बढ़ती चली गई. इस कलह का कारण क्या था?
वापी मंडल का एक दोस्त था.नाम था जीत कुमार मिर्धा. वह अक्सर वापी मंडल के घर आता था. इसी आने जाने के क्रम में जीत कुमार और पंचमी दोनों करीब आ गये. आरंभ में वापी मंडल ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. लेकिन जल्द ही उसे महसूस होने लगा कि जीत कुमार के घर आने पर उसकी पत्नी उसकी विशेष खातिरदारी करती है और खुश रहती है. एक दिन उसकी अनुपस्थिति में अपने दोस्त और पत्नी की महकी महकी बातें करते देख उसका माथा ठनका. उसने पत्नी को जीत कुमार से दूर रहने की सलाह दी और जीत कुमार से कहा कि वह उसके घर नहीं आए.
बताया जाता है कि इसी बात से लेकर पति-पत्नी के रिश्ते में दरार पड़ती चली गई. एक दिन बापी ने पत्नी पर हाथ उठा दिया. पंचमी अपने बेटे को ससुराल में ही छोड़कर अपने पिता के घर चली गई. और पति के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया. उन दिनों पंचमी मंडल अपने पति से लड़ झगड़ कर अपने पिता के घर रह रही थी. यह पंचमी मंडल और जीत कुमार के मिलन पर कोई रोक नहीं थी गांव का मामला था वापी मंडल की काफी बदनामी हो रही थी लेकिन उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करे उ
सने अंतिम बार पंचमी को समझने की कोशिश की लेकिन तब तक पत्नी ने पत्नी फैसला ले चुकी थी वह जीत कुमार मिर्धा से हर हाल में शादी करना चाहती थी उसने यह बात बापी मंडल को भी बता दी और कहा कि मेरे और जीत कुमार के बीच दीवार बनने की कोशिश मत करो अगर हमारी शादी हो जाती है तो मैं तुम्हारे खिलाफ मुकदमा भी वापस ले लूंगी और गुजर भाटा भी तुमसे नहीं लिया करूंगी बापी मंडल समझ चुका था कि अब पत्नी को समझाना बेकार था
सोमवार का दिन था ना चाहते हुए भी वापी मंडल अपने दिल के दर्द को मन ही मन छोटे हुए घर से निकला और अचानक ही पंचमी ससुराल पहुंच गया वहां उसने पंचमी को तैयार कराया फिर उसने अपने दोस्त जीत कुमार मिर्धा को भी फोन पर तैयार होकर नंद केसरी सटीपित मंदिर पहुंचने को कहा उधर पंचमी को लेकर बाकी मंडल संख्या के नंद केसरी नदी केसरी सटीपित मंदिर पहुंचा तब तक वहां जीत कुमार मिर्धा भी पहुंच गया था भाभी ने अपने दोस्त और पत्नी की भगवान को साक्षी मानकर शादी कर दी और भारी मन से घर लौट आया पंचमी ने भी अपना वादा निभाना उसने बापी मंडल के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा वापस ले लिया.
यह अपने तरीके की ऐसी घटना है जो हैरान कर देती है. क्या ऐसा भी होता है? आज जब पत्नी पर किसी तीसरे मर्द का अश्लील कमेंट सुनने के बाद पति उसके खून का प्यास बन जाता है वही इस घटना में पति पत्नी पर बुरी नजर रखने वाले दोस्त के साथ ही उसकी शादी कर देता है वाकई यह अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाली जिसकी जो सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों की सुर्खियों में है लोग इस घटना पर दांतों तले उंगलियां दबाने लगते हैं. कहानी है अपने दोस्त की नियत में 9 साल पहले वापी और पंचमी का विवाह हुआ था अभी अधूरा है…
