बिहार से बहती हुई गंगा बंगाल में प्रवेश करती है… बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत ने बंगाल में विजय का रास्ता दिखाया है. मैं पश्चिम बंगाल के भाइयों एवं बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भाजपा आपके साथ मिलकर बंगाल से टीएमसी का जंगल राज उखाड़ फेंकेगी… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान समाचार पत्रों से लेकर टीवी चैनल और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसका असर बंगाल में देखा भी जा रहा है.
बिहार में भाजपा की प्रचंड जीत ने बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में दुगुना जोश भर दिया है. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित भाजपा मुख्यालय में बोलते हुए पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरा है, वह सिलीगुड़ी और बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं के बयान से झलकता भी है. सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक भाजपा नेता और कार्यकर्ता पूरे जोश में दिखाई दे रहे हैं.
दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने कहा है कि बिहार में भाजपा की जीत तो एक सेमीफाइनल है. बंगाल में फाइनल होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में बिहार की जनता ने भाजपा को जिताया. उसी तरह से बंगाल में बंगाल की जनता भाजपा को दीदी के जंगल राज से मुक्ति दिलाएगी. राजू विष्ट पूरे जोश में नजर आ रहे थे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे 15 साल बंगाल को लूटा है. उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार किया और बंगाल की महिलाओं पर अत्याचार किया है. 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में बंगाल की जनता हिसाब लेने जा रही है.
सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने बिहार में भाजपा की प्रचंड जीत से उत्साहित होकर कहा कि पश्चिम बंगाल में भी बिहार का इतिहास दोहराया जाएगा और भाजपा की यहां सरकार बनेगी. उन्होंने ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने भ्रष्टाचार, अराजकता, हिंसा ,महिलाओं पर अत्याचार आदि के अलावा बंगाल को कुछ नहीं दिया है. अब बंगाल की जनता दीदी को विदाई देने वाली है.
आज कोलकाता से सिलीगुड़ी पहुंचे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि 2026 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आखिरी चुनाव होगा. उधर तृणमूल कांग्रेस भी बिहार में भाजपा की प्रचंड जीत से घबराई हुई है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के जिला स्तरीय नेता बयान दे रहे हैं कि बिहार में भाजपा की जीत का बंगाल में कोई असर नहीं होगा. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने अपने बयान में कहा कि बिहार और बंगाल की राजनीतिक परिस्थितियों में बड़ा अंतर है. पश्चिम बंगाल की जनता सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों से संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा 50 सीटों के भीतर ही सिमट कर रह जाएगी.
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के चेयरमैन संजय टिबड़ेवाल ने कहा है कि बिहार के परिणाम का बंगाल की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने याद दिलाया कि 2020 में भी एनडीए बिहार में सत्ता में लौटा था. लेकिन इसके बावजूद तृणमूल ने बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीती थीं. उन्होंने दावा किया कि 2026 में तृणमूल कांग्रेस 250 से अधिक सीटें जीतेगी. माकपा के दार्जिलिंग जिला सचिव समन पाठक ने कहा कि बंगाल में चुनावी मुद्दे अलग होते हैं. जहां बिहार में जाति का समीकरण खास भूमिका निभाता है, वही बंगाल में लोगों का झुकाव मुद्दों और नीतियों पर आधारित मतदान की ओर रहता है.
सूत्र बता रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस को लगता है कि बिहार में एस आई आर के कारण ही भाजपा को प्रचंड जीत मिली है. इसलिए बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता एस आई आर का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में SIR के विरोध में याचिका भी डाल रखी है. और अब चर्चा है कि अभिषेक बनर्जी पूरे बंगाल में एस आई आर को जनता विरोधी मुद्दे के रूप में उठाने के लिए उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी को अपने अभियान के केंद्र के रूप में स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे की तैयारी शुरू हो गई है. वह संभवत: 25 नवंबर को कूचबिहार से दौरा शुरू कर सकते हैं. हालांकि उनके अभियान का केंद्र सिलीगुड़ी ही होगा. तृणमूल कांग्रेस एस आईआर को बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है. बंगाल में SIR चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि राज्य के BLO पर काम का भारी दबाव है. BLO इस काम से मुक्ति चाहते हैं.
आज दीनबंधु मंच में भी आयोजित प्रशिक्षण शिविर में BLO का गुस्सा फूटा और उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि उन्हें फार्म वितरण करना और लोगों से फॉर्म लेने तक का ही काम करने दिया जाए. वे डिजिटल काम से छुट्टी चाहते हैं.उधर एस आई आर को लेकर जगह-जगह विरोध भी हो रहा है और कई लोगों के आत्महत्या की भी खबरें आ रही है. तृणमूल कांग्रेस इसे मुद्दा बन सकती है और जनता में SIR को जनता विरोधी मुद्दे के रूप में उठा सकती है. अभिषेक बनर्जी उत्तर बंगाल दौरे पर सिलीगुड़ी से लेकर दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार और पूरे उत्तर बंगाल में SIR मुद्दे पर सभाएं और रैलियां कर सकते हैं.
अभिषेक बनर्जी की इस तैयारी पर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल में चाहे SIR हो या ना हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. इतना तय है कि 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का सफाया हो जाएगा. जो भी हो, पड़ोसी राज्य बिहार में भाजपा की प्रचंड जीत ने बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी है. अंदर से घबराई तृणमूल कांग्रेस भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए एस आई आर को प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है. तृणमूल कांग्रेस की भरसक कोशिश होगी कि चुनाव से पहले बंगाल में SIR को रोक दिया जाए.
