अरुणाचल प्रदेश की एक महिला ने आरोप लगाया है कि चीनी अधिकारियों ने शांघाई एयरपोर्ट पर उसे रोक लिया. क्योंकि अधिकारियों ने उसके भारतीय पासपोर्ट को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर कई पोस्ट में पेमा वांग थोंगडोक नामक महिला ने कहा कि शंघाई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने 21 नवंबर को उसे 18 घंटे तक रोके रखा. उन्होंने कहा कि उसका जन्म स्थान अरुणाचल प्रदेश था, इसलिए उसका पासपोर्ट इनवैलिड था…
सिलीगुड़ी गलियारे पर खतरा मंडरा रहा है. बांग्लादेश के जरिए चीन की कब से इस पर नजर टिकी है. यह गलियारा इतना महत्वपूर्ण है कि अगर यहां कुछ होता है तो पूर्वोत्तर के राज्य भारत के नक्शे से विलुप्त हो सकते हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों का रास्ता इसी से होकर जाता है. लगभग 22-23 किलोमीटर चौड़ा यह गलियारा सामरिक व रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा में बीएसएफ से लेकर अर्धसैनिक बल व खुफिया एजेंसियां सभी सक्रिय हैं और जैसे परिंदा पर नहीं मार सके, इस तरह की सुरक्षा तैयारी है.
बांग्लादेश इस समय कट्टरपंथी ताकतों की मुट्ठी में कैद है. यहां कब हिंसा भड़क जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस समय बांग्लादेश में बाउल गायक अबुल सरकार की गिरफ्तारी का जोरदार विरोध हो रहा है और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व की खिलाफत भी शुरू हो गई है. बांग्लादेश के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और बुद्धिजीवियों ने आरोप लगाया है कि शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथ और धार्मिक उग्रवाद में तेज बढ़ोतरी हुई है. मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अवाम का ध्यान इस ज्वलन्त समस्या से भटकाने के लिए भारत विरोधी गतिविधियों को हवा देने के लिए लालमणिरहाट एयरबेस का निर्माण करवा रहे हैं, जो कूचबिहार से मात्र 20 किलोमीटर दूर स्थित है.
बांग्लादेश के रंगपुर जिले में स्थित लालमणिरहाट एयर बेस पर सैनिक गतिविधियां बढ़ गई हैं. कहा जा रहा है कि चीन इस एयरवेज के निर्माण और आधुनिकीकरण पर पैसा खर्च कर रहा है और वह इसका इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकता है. हाल ही में चीन ने अरुणाचल को अपना अंग बताते हुए अरुणाचल की एक महिला के वैध पासपोर्ट को फर्जी बताया और शांघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला के साथ बदसलूकी भी की है. अखबारों में यह खबर सुर्खियों में है.पीड़ित महिला के द्वारा प्रधानमंत्री से चीन की बदमाशी को लेकर गुहार भी की गई है.
पूर्व में यह भी खबर आई थी कि पाकिस्तान की ISI यहां अपनी सेना उतार कर एयरबेस का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकती है. बांग्लादेश में गृह युद्ध की स्थिति से अवाम का ध्यान हटाने के लिए मोहम्मद यूनुस का पूरा ध्यान लालमणिरहाट एयर बेस पर केंद्रित है. मोहम्मद यूनुस के आदेश पर बांग्लादेश एयर फोर्स और आर्मी एविएशन ग्रुप के द्वारा अपग्रेडेशन का कार्य तेजी से चल रहा है. फ्लड लाइटिंग और बाउंड्री फेसिंग का भी काम पूरा हो चुका है. एयरवेज के भीतर विशाल हैंगर का निर्माण हो चुका है और अब फर्श पर कंक्रीट की परतें बिछाई जा रही है. बांग्लादेश एयर फोर्स और आर्मी एविएशन ग्रुप इस एयरबेस का सर्विलांस देख रहे हैं.
यहां लड़ाकू विमान और ड्रोन की पार्किंग और परिचालन भी किया जाने वाला है. भारतीय खुफिया एजेंसी ने 1166 एकड़ में फैले इस सैनिक ठिकाने की बढती हलचल को महसूस किया है और बांग्लादेशी सेना के 24 घंटे सर्विलांस के बाद भारत सरकार ने सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी कर ली है. भारत ने बांग्लादेश की सीमा के नजदीक बिहार में किशनगंज, असम में धुबरी के पास बामुनि और इस्लामपुर में चोपड़ा के पास तीन सैनिक ठिकाने स्थापित किए हैं, ताकि आपातकाल की स्थिति में दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
जिस द्रुत गति से लालमोनिरहट एयरवेज का अपग्रेडेशन हो रहा है, वह इस बात का संकेत है कि कुछ ना कुछ यहां होने वाला है. 4 किलोमीटर लंबा रनवे बनकर तैयार हो जाने के बाद बांग्लादेश सेना प्रमुख ने लालमणिरहाट तथा ठाकुरगांव एयरवेज का दौरा 16 अक्टूबर को किया था. उसी समय भारत की मिलिट्री इंटेलीजेंस के तीन अधिकारी बांग्लादेश के दौरे पर गए थे और उन्हें इस सच्चाई का पता चला था. खुफिया एजेंसी, अर्धसैनिक बल तथा बीएसएफ के अधिकारियों की पिछले दिनों सिलीगुड़ी में 22 को हुई बैठक के बाद सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
जानकार मानते हैं कि चीन की बढ़ती हेकड़ी, बांग्लादेश में संभावित गृह युद्ध व हिंसा और पाकिस्तान के विषम हालात भारत के लिए चिंता के विषय हैं. दिल्ली विस्फोट में पाकिस्तान का परोक्ष रूप से हाथ होने के बाद भारत सरकार ने पूरे देश में सुरक्षा तथा सतर्कता बढ़ा दी है. अब देखना होगा कि भारत इस विषम स्थिति का किस तरह से सामना करता है और दुश्मन देश चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान की हेकड़ी उतारने के लिए किस नई रणनीति का सहारा लेता है.
