कोरोनेशन ब्रिज का विकल्प अब सपना नहीं—हकीकत बनने जा रहा है! दिसंबर 2025 में जारी होगा टेंडर: सांसद Raju Bista
उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के लाखों लोगों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब दार्जिलिंग के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता Raju Bista ने घोषणा की कि बहुप्रतीक्षित कोरोनेशन ब्रिज के वैकल्पिक पुल के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया दिसंबर 2025 में शुरू हो जाएगी। यह घोषणा न केवल इस क्षेत्र के विकास का संकेत है, बल्कि यह स्थानीय जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग के पूरी होने की दिशा में बड़ा कदम भी है। दशकों के इंतजार के बाद अब एक नई राह खुलने जा रही है, जो इलाके की कनेक्टिविटी, सुरक्षा और आर्थिक गतिविधियों को नई गति देगी।
सांसद Raju Bista ने कहा कि 2019 में संसद पहुंचने के बाद उनकी प्राथमिकताओं में सबसे महत्वपूर्ण कार्य इस क्षेत्र की बुनियादी ढांचागत कमियों को दूर करना था। एलनबाड़ी से सेवक को जोड़ने वाले वैकल्पिक पुल की मांग लोग वर्षों से कर रहे थे, क्योंकि मौजूदा कोरोनेशन ब्रिज अपनी क्षमता से अधिक भार वहन कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह केवल एक पुल का सवाल नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की भावनाओं और सुरक्षा से जुड़ा विषय था, जिसे पूरा करना अत्यंत आवश्यक था।
हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही इस परियोजना के लिए 1190 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए थे, लेकिन काम की रफ्तार लगातार धीमी रही क्योंकि परियोजना पश्चिम बंगाल PWD–NH डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में फंसी हुई थी। इससे फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही थीं। अब जब परियोजना को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंप दिया गया है, तो निर्माण प्रक्रिया में तेजी आने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। सांसद बिस्ता ने कहा कि दिसंबर 2025 में जैसे ही टेंडर जारी होगा, निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
सांसद ने हाल ही में NHAI अधिकारियों के साथ विस्तृत ग्राउंड रिव्यू भी किया और खुद कोरोनेशन ब्रिज का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने जानकारी दी कि वैकल्पिक पुल और उससे जुड़े एप्रोच रोड को सिलीगुड़ी रिंग रोड और सिलीगुड़ी–गोरखपुर एक्सप्रेसवे जैसी मेगा परियोजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। इससे उत्तर बंगाल आने वाले समय में देश के प्रमुख कनेक्टिविटी हब के रूप में विकसित होगा। नया पुल मौजूदा कोरोनेशन ब्रिज पर पड़ रहे दबाव को काफी हद तक कम करेगा और दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, सिक्किम, सिलीगुड़ी, डुआर्स और पूर्वोत्तर राज्यों की आवाजाही को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।
Raju Bista ने कहा कि इस पुल के लिए कई सामाजिक संगठनों, स्थानीय लोगों और एनजीओ ने वर्षों तक संघर्ष किया है। उन्होंने उनके प्रयासों को सलाम करते हुए कहा कि यह जीत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जीत है। अंत में बिस्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता और सहयोग के कारण ही यह ‘सपनों की परियोजना’ अब हकीकत बनने जा रही है।

