December 1, 2025
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बंगाल में वोटर लिस्ट से 35 लाख से ज्यादा लोगों के नाम कटेंगे!

बंगाल मतदाता सूची से 35 लाख से ज्यादा लोगों के नाम कटने जा रहे हैं. हालांकि यह एक प्रारंभिक आंकड़ा है. सही आंकड़े का प्रकाशन 16 दिसंबर को होगा,जब चुनाव आयोग मसौदा सूची प्रकाशित करेगा. पहले इसकी तारीख चार दिसंबर थी. अभी यह 16 दिसंबर कर दी गयी है.

यह 35 लाख नाम उन लोगों के हैं, जो घर पर नहीं रहते अथवा उन्होंने स्थाई रूप से स्थानांतरण करवा लिया है या फिर मर चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि 16 दिसंबर को जब चुनाव आयोग मतदाता सूची का मसौदा जारी करेगा, तब उस समय वास्तविक स्थिति इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली हो सकती है!

बंगाल में SIR का काम राज्य सरकार और बीएलओ के हंगामे के बावजूद तेजी से चल रहा है. अब तक प्रदेश में 88.50% मतदाताओं की जानकारी का डिजिटलीकरण हो चुका है. सिलीगुड़ी और आसपास के जिलों में इस सप्ताह तक शत प्रतिशत डिजिटलीकरण होने की पूरी संभावना है. अब तक 35 लाख 23 हजार 800 मतदाताओं के नाम कटने की जानकारी मिली है. यह वह गणना है, जो बूथ स्तरीय अधिकारी यानी बीएलओ से मिली है, जब वे घर-घर जाकर मतदाता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.

इस बीच टीएमसी ने चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को चुनिंदा सूचनाएं लीक करने का आरोप लगाया और उसे बीजेपी का ही विस्तारित निकाय करार दिया. टीएमसी ने दावा किया है कि पिछले एक महीने में बंगाल में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से संबंधित तनाव के कारण 4 BLO समेत कम से कम 40 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

टीएमसी ने आरोप लगाया है कि इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के हाथ खून से सने हैं. भाजपा और चुनाव आयोग की मिली भगत का आरोप लगाते हुए राज्य के मंत्री चंद्रमा भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के नेता यह कैसे कह सकते हैं कि राज्य में दो से तीन चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि 2021 में आठ चरणों में चुनाव हुए थे.टीएमसी के नेताओं ने कहा है कि पहले दिन से ही सुबेंदु अधिकारी कह रहे हैं कि राज्य में मतदाता सूची से एक करोड़ नाम हटाए जाएंगे. टीएमसी सांसद पार्थ भौमिक ने पूछा है कि शुभेंदु अधिकारी को यह आंकडा कैसे पता चला.

राज्य चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे, उन्हें साबित करने का मौका दिया जाएगा. इसलिए अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन अब बदले समय के अनुसार होगा. बीएलओ के पास भी पर्याप्त समय है और मतदाताओं के पास भी सबूत जुटाने का पूरा समय है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल के अनुसार राज्य में एक भी अवैध मतदाता वोटर लिस्ट में शामिल नहीं होगा. जबकि जो वैध मतदाता है, उनके नाम वोटर लिस्ट में अवश्य शामिल किए जाएंगे. इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.

चुनाव आयोग के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, उनमें से 18 लाख 70 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है. 3,80000 मतदाता लापता बताए जा रहे हैं और 11 लाख 82 हजार लोग स्थानांतरित हो चुके हैं. मतदाता सूची से हटाए गए 77560 ऐसे नाम है जिनका कोई वजूद ही नहीं है. अर्थात यह सभी नाम फर्जी हैं. राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 66 लाख 37529 है.

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