पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया रोकने की कोशिश करती, तो केंद्र तुरंत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी कर लेता। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का असली लक्ष्य बंगाल में अस्थिरता पैदा करना है, लेकिन वह ऐसा किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगी।
मुर्शिदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा बार-बार SIR के नाम पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार को SIR की प्रक्रिया को रोकने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर अफवाह फैलाने का काम किया।
ममता ने कहा—“अगर मैं SIR रोक देती, तो केंद्र सरकार तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करने का बहाना खोज लेती। बंगाल में भाजपा डिस्टर्बेंस कैम्प खोलना चाहती थी, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया कि राज्य में किसी भी सूरत में ऐसा माहौल बनने नहीं दूंगी।”
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने और इसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि SIR के बहाने भाजपा राज्य के प्रशासनिक कामकाज में दखल देना चाहती है।
उन्होंने कहा—“भाजपा के पास अब मुद्दे नहीं बचे, इसलिए वे मतदाता सूची को लेकर उथल-पुथल मचाना चाहते हैं। बंगाल में किसी भी तरह का अवैध कैम्प खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
उन्होंने दावा किया कि विधानसभा में भी इस मुद्दे पर भाजपा ने कानून को गुपचुप तरीके से पास करवाने की कोशिश की थी, जिसका उनकी पार्टी ने तीखा विरोध किया।
“जनगणना और मतदाता सूची के कानूनों में संशोधन कर रातों-रात नियम बदलने की कोशिश हुई थी। वे चाहते थे कि गणना के नाम पर लोगों को डराया जाए, लेकिन हमने ऐसा होने नहीं दिया,”—उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा मतदाता सूची में संशोधन के नाम पर बंगाल के नागरिकों को संदेह के घेरे में खड़ा करना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली मकसद विभाजनकारी राजनीति करके बंगाल में अपनी जमीन तलाशना है।
“बंगाल शांति का राज्य है। भाजपा चाहती है कि यहाँ तनाव फैले, ताकि वह राजनीतिक फायदा उठा सके,”—उन्होंने कहा।
इधर, दिल्ली से आई रिपोर्टों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने भी SIR प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव की शिकायतों के बाद राज्यों को कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन जिलों में कोई दिक्कत नहीं है, वहाँ SIR मामलों पर जल्द निर्णय लिया जाए।
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शी तरीके से मतदाता सूची पुनरीक्षण कर रही है और किसी को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने अंत में कहा—“बंगाल शांतिप्रिय है, और इसे अस्थिर करने की कोशिश करने वाली ताकतों को जनता जवाब देगी।”
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बंगाल में लगता राष्ट्रपति शासन? SIR रोकने पर ममता का बड़ा बयान!
- by Ryanshi
- December 6, 2025
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- 3 hours ago
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