मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से pre इंस्टॉल करने के आदेश का विपक्षी दलों द्वारा मुखर विरोध करने के बाद भले ही सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया हो कि संचार साथी ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं होगा. परंतु इसको लेकर सवाल लगातार उठ रहे हैं. क्या सरकार आपकी निजता का हनन करना चाहती है या साइबर खतरों से आपको सुरक्षा देना चाहती है? जैसा कि दावा किया जा रहा है.
क्या केंद्र सरकार आपके मोबाइल के जरिए आप पर हर समय नजर बनाए रखना चाहती है या फिर आपके मोबाइल और डेटा की सुरक्षा करना चाहती है? क्या केंद्र सरकार आपकी जासूसी करना चाहती है? एक शब्द में कहें तो क्या केंद्र सरकार इस ऐप के जरिए आपको नंगा करना चाहती है? ऐसे बहुत से भ्रम और असमंजस हैं.
खासकर विरोधी पार्टियों ने इसका जोर-जोर से प्रचार करना शुरू कर दिया है और लोगों को सावधान किया है कि वह अपने मोबाइल में संचार साथी ऐप को एक्टिव नहीं करें. हालांकि भारी विरोध के बाद सरकार ने संचार साथी ऐप को लेकर इसकी अनिवार्यता को हटा दिया है.
बता दें कि संचार मंत्रालय ने सभी फोन निर्माता कंपनियों को हैंडसेट की बिक्री से पहले उसमें संचार साथी ऐप अनिवार्य रूप से डालने का निर्देश दिया था. अगले 90 दिनों में इस निर्देश का पालन किया जाना है और अगले 120 दिनों में कंपनियां इस बारे में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट देंगी.
सरकार और विपक्ष के अलग-अलग दावे हैं. परंतु संचार साथी ऐप के कुछ बेनिफिट भी हैं. इस ऐप के जरिए डुप्लीकेट या नकली आईएमइआई नंबर से टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी को होने वाले गंभीर खतरे से रक्षा होती है. अगर आपका हैंडसेट चोरी हो जाए या गुम हो जाए तो इस ऐप के जरिए आपके डिवाइस को ट्रैस किया जा सकता है. आईएमईआई नंबर के जरिए स्कैम और नेटवर्क का गलत इस्तेमाल होता है.
सरकार का कहना है कि संचार साथी ऐप के जरिए ऑनलाइन ठगी और धोखाधड़ी से बचा जा सकता है. यह व्यक्ति की निजता की रक्षा करता है. इन्हीं उद्देश्यों को लेकर ही वर्ष 2023 में संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया गया था. संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह भी दावा है कि इस ऐप के जरिए अब तक 26 लाख मोबाइल फोन ट्रेस हो चुके हैं.
मालूम हो कि संचार साथी app पर फोन चोरी होने पर शिकायत करने पर फोन को ब्लॉक करवाने की सुविधा है. जैसे ही कोई व्यक्ति चोरी के फोन में सिम डालेगा, उसका अलर्ट पुलिस तथा यूजर को आ जाता है. इसी तरह से आपके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी हो चुके हैं, इस ऐप पर इसकी भी जानकारी मिल जाती है.
आपका मोबाइल हैंडसेट नकली तो नहीं है, इस ऐप के जरिए यह भी आप जान सकते हैं. इस तरह से संचार साथी ऐप के बहुत से लाभ भी हैं. अब फैसला आपने करना है कि संचार साथी आपके लिए उपयोगी है या फिर आपकी निजता का हनन?
