December 19, 2025
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

भगवान राम को मुस्लिम बताने वाले TMC विधायक मदन मित्रा के विवादित बयान से बंगाल की राजनीति में हड़कंप!

बंगाल में टीएमसी के विधायक मदन मित्रा का कथित तौर पर वायरल वीडियो बंगाल की राजनीति में तूफान खड़ा कर रहा है. मदन मित्रा ने दावा किया है कि भगवान राम एक मुस्लिम थे बीजेपी को मिल गया मौका और बीजेपी ने इसे लेकर भारी हंगामा खड़ा कर दिया है टीएमसी को हिंदू विरोधी पार्टी बताया कहां हिंदुओं का इतना बड़ा अपमान केवल टीएमसी ही कर सकती है

हालांकि वायरल वीडियो की सत्यता की खबर समय कोई गारंटी नहीं लेता. परंतु विभिन्न समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मदन मित्रा का कथित तौर पर वायरल वीडियो भाजपा के लिए एक ऐसा मौका है, जहां वह यह साबित करने में पीछे नहीं रही है कि टीएमसी एक हिंदू विरोधी पार्टी है. अगले साल बंगाल विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले टीएमसी विधायक मदन मित्र के बिगड़े बोल पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कैसे करेगी ममता बनर्जी डैमेज कंट्रोल?

मदन मित्रा ने अपने भाषण में एक हिंदू श्लोक पढा और हिंदू धर्म को लेकर बीजेपी की व्याख्या पर निशाना साधा. हालांकि विवाद बढ़ते देखकर मदन मित्रा ने अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा मकसद भाजपा नेतृत्व की हिंदू धर्म की समझ पर सवाल उठाना था. ना कि धर्म पर निशाना साधना. मदन मित्रा यहीं तक नहीं रुके, कहा कि राजनीतिक परिणाम की उन्हें कोई परवाह नहीं है. कह दिया तो कह दिया, बीजेपी के लोग मुझे मारें…

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा है कि विधायक मदन मित्रा ने जानबूझकर हिंदुओं का अपमान किया है. तृणमूल कांग्रेस इस स्तर तक गिर सकती है, सोचा तक नहीं था. सूत्र बता रहे हैं कि टीएमसी के कुछ नेता उनके इस बयान से असहज महसूस कर रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अभी तक कोई बड़ा बयान सामने नहीं आया है. उधर भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उछालना शुरू कर दिया है.

मदन मित्रा ने बयान तो दे दिया है, लेकिन उनके बयान का पार्टी पर क्या असर पड़ेगा, यह उन्होंने विचार ही नहीं किया. अब ममता बनर्जी को ही डैमेज कंट्रोल करना होगा. एक समय था जब बंगाल की राजनीति में भगवान श्री राम ज्यादा लोकप्रिय नहीं थे. परंतु अब समय बदल गया है.मदन मित्रा की यह टिप्पणी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डैमेज कंट्रोल के लिए क्या करती हैं.

वैसे देखा जाए तो मदन मित्रा अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीबी हैं. शारदा चिट फंड घोटाले में इनका नाम आया था. सीबीआई ने इस घोटाले में मदन मित्रा को गिरफ्तार भी किया था. राजनीति से फिल्मों तक के अपने सफ़र में मदन मित्रा ने कई मौकों पर विवादित बयान दिया है.

अगर व्यक्तित्व की बात करें तो मदन मित्रा की छवि मिलनसार और विनम्र राजनेता की रही है. वे एक समय ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस की युवा शाखा में रहे. हालांकि दोनों के बीच मतभेद भी रहे. लेकिन जब ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें भी मंत्री बना दिया था. दक्षिण कोलकाता से आने वाले मदन मित्रा का जन्म एक जमींदार परिवार में हुआ था.

उन्होंने 70 के दशक में कांग्रेस नेता प्रिय रंजन दास मुंशी के सहायक के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह छात्र नेता भी थे. मदन मित्रा टीएमसी में शामिल होने से पहले कांग्रेस का एक कद्दावर नेता बन चुके थे. दक्षिण कोलकाता में वाम मोर्चा को उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी. मदन मित्रा को उनके प्रशंसक मदन दा के नाम से जानते हैं. 1998 में उन्होंने टीएमसी का दामन थामा था.

मदन मित्रा का विवादित बयान उस समय भी सामने आया, जब 25 जून को कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना घटी थी. तब उन्होंने इस घटना पर एक विवादित टिप्पणी की थी. मदन मित्रा ने कहा था कि अगर लड़की अपने साथ कुछ दोस्तों को ले जाती तो गैंगरेप की घटना नहीं हुई होती.

उनके इस बयान की चौतरफा निंदा हुई थी और बाद में टीएमसी ने खुद को उनके बयान से अलग कर लिया था. इसी तरह 2012 में मदन मित्रा ने पार्क स्ट्रीट रेप पीड़िता सुजेत जॉर्डन के तड़के 2:00 बजे अजनबियों से दोस्ती करने के फैसले पर सवाल उठाया था, जो रात में डिस्कोथेक में अजनबियों से दोस्ती करती थी. इस बयान पर भारी विवाद हुआ था.

5 फरवरी 2012 को 37 साल की एंग्लो इंडियन के साथ चलती कार में गैंगरेप हुआ था. मदन मित्रा के और भी विवादित बयान हैं. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव से पहले उनके इस तरह के बयान ने टीएमसी को एक बड़े धर्म संकट में डाल दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *