December 22, 2025
Sevoke Road, Siliguri
private nursing home central government government hospital newsupdate siliguri siliguri metropolitan police SILIGURI MUNICIPAL CORPORATION

केंद्र सरकार के किस फरमान से नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में मचा हड़कंप! वेंटिलेटर के नाम पर मरीज को लूटने वाले सिलीगुड़ी के नर्सिंग होमो की होगी दुकान बंद?

Which central government order has caused a stir in nursing homes and private hospitals?

किसी भी व्यक्ति से पूछ लीजिए, उसका एक ही जवाब होता है कि उसे डॉक्टर या दवाइयों की कीमत से डर नहीं लगता. उसे तो डर वेंटिलेटर से लगता है, क्योंकि अगर मरीज को वेंटिलेटर पर डाल दिया गया तो कितना खर्च आएगा, उसका हिसाब लगाकर ही मरीज के परिजनों के पसीने छूटने लगते हैं. गरीब लोगों के घर तक गिरवी रखनी पड़ जाती है. मध्यमवर्गीय लोग कर्ज के जाल में फंस जाते हैं.

सिलीगुड़ी के अधिकतर लोग अपने पुराने अनुभवों को देखते हुए निजी अस्पतालों अथवा नर्सिंग होम के वेंटीलेटर को आम बोलचाल की भाषा में पैसा बनाने की मशीन से जानते हैं. कई लोगों के मुंह से आपने सुना भी होगा, भगवान बचाए नर्सिंग होम के वेंटिलेटर से… क्योंकि मरीज एक बार वेंटिलेटर पर चढ़ा तो एक झटके में लाखों का बिल आ सकता है. ऐसा आप ज्यादातर लोगों के मुंह से सुन सकते हैं.

कुछ लोगों के अनुभव तो इतने ज्यादा तल्ख हैं कि उन्होंने खबर समय को बताया कि रोगी मर चुका होता है. लेकिन डॉक्टर रोगी को वेंटिलेटर से अलग नहीं करते हैं और मशीनों के कंपन से परिजनों को भ्रम होता है कि रोगी के दिल की धड़कन चल रही है.रोगी जीवित है. अगर रोगी 15 दिनों तक वेंटिलेटर पर रह गया तो लाखों का बिल आ सकता है.

स्वास्थ्य बीमा लेने वाले अथवा अमीर लोगों को तो कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों को नर्सिंग होम का बिल चुकाने के लिए रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ जाता है या मकान अथवा जमीन गिरवी रखनी पड़ जाती है. केंद्र सरकार ने इस स्थिति को समझा है और अब एक ऐसा फैसला किया है, जिसके बाद कई निजी नर्सिंग होम अथवा कुछ निजी अस्पतालों की वेंटीलेटर के नाम पर मरीज के परिजनों से की जाने वाली लूट की दुकान बंद होने जा रही है.

केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर बिलिंग रूल्स लाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जो गाइडलाइंस जारी की गई है, उसके अनुसार देश भर के निजी अस्पताल अथवा नर्सिंग होम को वेंटिलेटर बिलिंग रूल्स का पालन करना अनिवार्य हो गया है. सिलीगुड़ी में कुछ निजी अस्पताल या नर्सिंग होम वेंटीलेटर के नाम पर मनमाना बिल वसूल करते हैं और मरीज के परिजनों को घोर आर्थिक संकट में डाल देते हैं. सिलीगुड़ी ही क्यों सब जगह ऐसा ही चल रहा है अब ऐसे अस्पतालों अथवा नर्सिंग होम के लिए यह दुकान बंद होने जा रही है.

आमतौर पर गंभीर रोगियों के लिए वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जाता है. हर निजी अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में वेंटिलेटर सुविधा उपलब्ध है. अस्पताल अथवा नर्सिंग होम प्रबंधन को सबसे ज्यादा कमाई वेंटिलेटर से ही होती है. क्योंकि इसमें बिल में कोई पारदर्शिता नहीं होती. मनमाना बिल बनाया जाता है और ना ही उसे अस्पताल की वेबसाइट में प्रदर्शित किया जाता है. इसका चार्ज भी अलग-अलग अस्पतालों या नर्सिंग होम में अलग-अलग होता है. नियमों के अभाव में नर्सिंग होम प्रबंधन मरीज के रिश्तेदारों की जेब देखकर बिल बनाते हैं और कमाई करते हैं. अब से निजी अस्पताल अथवा नर्सिंग होम ऐसा नहीं कर सकेंगे.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार नर्सिंग होम अथवा निजी अस्पताल को यह सुनिश्चित करना होगा कि जितना समय तक वेंटिलेटर का व्यवहार होगा, उतना ही वेंटिलेटर का किराया बिल बनाया जाएगा. इसे अस्पताल की वेबसाइट पर दिखाना अनिवार्य होगा. केवल इतना ही नहीं, वेंटिलेटर प्रक्रिया में जितने भी अतिरिक्त मशीन या यंत्र इस्तेमाल होते हैं, उन सभी का भी अलग-अलग रेट प्रदर्शित करना होगा. एक बार वेंटिलेटर पर मरीज को रखने के बाद डॉक्टर को दो से तीन दिनों के भीतर मरीज की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना होगा.

अगर मरीज की स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है तो मरीज के परिजनों को स्पष्ट रूप से बताना होगा और उनके साथ विश्वास का वातावरण पैदा करना होगा. अगर अस्पताल में भर्ती के समय मरीज गंभीर और जटिल स्थिति में है तब भी मरीज की सहमति से ही वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर मरीज अथवा रिश्तेदार ने मना कर दिया तो डॉक्टर उसे किसी तरह का भय नहीं दिखा सकता है. सभी तरह के तकनीकी खर्चों को बिलिंग काउंटर पर दिखाना जरूरी किया गया है.

अगर आपका कोई मरीज वेंटिलेटर पर कई दिनों से है तो 14 दिन से ज्यादा होने पर आप डॉक्टर से इसका उचित कारण जान सकते हैं और डॉक्टर को यह बताना होगा कि 14 दिन तक क्यों मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया. इसी तरह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वेंटीलेटर के सभी उपकरणों की रेट लिस्ट को सार्वजनिक करने का फरमान जारी कर दिया है. केंद्र सरकार के इस फरमान के बाद सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता और देशभर के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में हड़कंप मच गया है.

क्योंकि वेंटीलेटर के नाम पर अब तक देश भर में चल रही लूट की दुकान बंद हो जाएगी. वेंटिलेटर बिलिंग रूल से सबसे ज्यादा लाभ गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को मिलेगा और उन्हें वित्तीय संकट से बचाएगा. अब देखना होगा कि केंद्र सरकार के इस फरमान के बाद सिलीगुड़ी के निजी नर्सिंग होम और अस्पताल पर वेंटिलेटर संबंधी नए कानून का क्या असर पड़ता है. हालांकि अभी से ही कुछ डॉक्टरों ने इस कानून को रेड टेप कहना शुरू कर दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *