सिक्किम एक शांति प्रिय प्रदेश है. यहां छोटी बड़ी घटनाएं तो होती रहती है. लेकिन राजभवन से जुड़ी घटना बहुत कम देखी जाती है. अपराध चाहे जैसा भी हो, सिक्किम के लिए जरूर चर्चा का विषय बन जाता है. यहां पिछले दिनों एक ऐसी घटना घटी कि लोग आज भी विस्मित हैं कि ऐसा कैसे हो गया. एक आइटीबीपी के जवान ने खुद अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. यह जवान राजभवन में ड्यूटी दे रहा था. आखिर इसकी क्या वजह रही और जब पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी तो पता चला कि सिक्किम जैसे प्रदेश में भी साइबर फ्रॉड अपना जाल फैलाते जा रहे हैं.
जैसे-जैसे विज्ञान और टेक्नोलॉजी का हमारे देश में विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड का शिकंजा भी कसता जा रहा है. हमारे देश की संस्कृति भी अजीब है. कुछ लोग पैसे कमाने के लिए रात दिन मेहनत करते हैं. पाई पाई जोड़कर बैंकों में जमा करते हैं.जबकि कुछ लोग बगैर मेहनत के दूसरे की कमाई को डकार लेने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं. साइबर फ्रॉड भी इसी श्रेणी में आते हैं. ऐसे साइबर फ्रॉड से बचना बड़ा मुश्किल होता है. लेकिन अगर आप थोड़ी सी सतर्कता बरतते हैं और किसी तरह के प्रलोभन में ना आए तो यह साइबर ठग आपका बाल भी बांका नहीं कर सकते .
सिलीगुड़ी में तो साइबर ठगी की घटनाएं इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि कई बार साइबर पुलिस भी असहाय हो जाती है. सिलीगुड़ी से बाहर छोटे शहरों में भी इनका दबदबा बरकरार है. कुछ समय पहले तक सिक्किम साइबर ठगी के मामले में सुरक्षित माना जाता था. लेकिन अब यहां भी साइबर ठगी की घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई है. आम लोग तो छोड़िए. अब तो पुलिस, कानून के रखवाले, कानून के जानकार, सेना के जवान सब उनकी गिरफ्त में आते जा रहे हैं. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला गंगटोक का है, जहां राज भवन में तैनात एक आइटीबीपी जवान ने इन साइबर फ्रॉड के हथकंडों से पीछा छुड़ाने के लिए खुद अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद की जान ले ली.
गंगटोक सदर थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 ए के तहत बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है. सदर थाने में 9 सितंबर को यह मामला दर्ज कराया गया है. राजभवन से जुड़ा यह पहला ऐसा मामला है, जो सिक्किम में सुर्खियों में है. पुलिस सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के पीछे साइबर ठगों द्वारा ब्लैकमेल करना और सेक्सोटारशन जिम्मेदार है. मिली जानकारी के अनुसार
मिली जानकारी के अनुसार आइटीबीपी का एक संतरी राज भवन में वीआईपी गेट पर तैनात था. 5 सितंबर को अचानक ही एक धमाका हुआ और उसके बाद सब कुछ शांत पड़ गया. किसी को कुछ समझ में नहीं आया. इस संतरी ने स्वयं अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली. देखते देखते चारों तरफ यह खबर फैल गई. तुरंत ही सदर थाने से पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने मृतक के मोबाइल के नंबरों की छानबीन की, तो पता चला कि कुछ अवांछित तत्व जवान को धमका रहे थे और जवान उनके ब्लैकमेल का शिकार हो रहा था.
आइटीबीपी का यह जवान साइबर फ्रॉड का मुंह बंद करने के लिए g pay के जरिए उन्हें 1,64000 दे चुका था. अलग-अलग नंबरों से जवान को भुगतान के लिए फोन किया जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जवान से कहा जा रहा था कि अगर उसने ₹100000 नहीं दिए तो उसकी तस्वीर एक अज्ञात युवती के साथ सोशल मीडिया पर वायरल कर दी जाएगी. इससे वह काफी परेशान था. साइबर फ्रॉड उसके अकाउंट से मोटी रकम हड़पना चाहते थे. वह उनकी रोज-रोज की मांग से परेशान हो चुका था और इन सबसे मुक्ति का उसे यही एक मात्र रास्ता नजर आया था. पुलिस ने मृतक जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है.
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