सिलीगुड़ी के टोटो चालकों को रूट और रंग मिल चुका है. किस रूट पर उन्हें टोटो चलाना है व किस रूट पर कौन सा रंग होगा, यह सब तय किया जा चुका है. टोटो चालकों को इन नियमों को मानना अनिवार्य होगा, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन के द्वारा जो नियम और निर्देश तैयार किए गए हैं, यह टोटो वालों के लिए मुसीबत से कम नहीं है. क्योंकि उनका आरोप है कि इसमें लगातार बदलाव भी देखा जा रहा है. सबसे बड़ी समस्या आमदनी को लेकर है, जो उन्हें प्रशासनिक नियम एवं निर्देशों का पालन करते हुए संभव नहीं हो सकती है.
सोमवार से ही टोटो चालक सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन और ट्रैफिक द्वारा निर्धारित नियमों एवं निर्देशों तथा बदलावों से असहमत होते हुए इसका विरोध भी कर रहे हैं. कभी एयरview मोड तो कभी हाशमी चौक तो कभी सिलीगुड़ी जंक्शन क्षेत्र में टोटो चालकों का विरोध शुरू हो चुका है. इन टोटो चालकों से बातचीत में लगता है कि एक बार जब प्रशासन ने रूट और रंग का निर्धारण कर दिया तो फिर इसमें बदलाव क्यों? जिन टोटो चालकों को दार्जिलिंग जिला और सिलीगुड़ी नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त है, ऐसे टोटो चालकों को जलपाईगुड़ी जिले में टोटो चलाने के लिए कहा जाना उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण है.
वे इस पर हैरान भी हैं. कई टोटो चालक तो इस बात पर हैरान है कि जिस इलाके में उन्हें टोटो चलाने का परमिट दिया गया है, वहां टोटो चलाकर पेट भरना मुश्किल हो जाएगा. अख्तर नामक एक टोटो चालक ने बताया कि जब प्रशासन एक बार फैसला कर ले तो उसे फिर से नियमों में बदलाव नहीं करना चाहिए. इससे टोटो चालकों को काफी परेशानी होती है. पवन नामक एक टोटो चालक ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रशासन के द्वारा कहा गया था कि छठ पूजा के बाद ट्रैफिक पुलिस सख्ती बरतेगी. लेकिन उससे पहले पूजा के बाजार में टोटो की धर पकड़ शुरू हो जाने से उनकी कमाई पर भारी असर पड़ने लगा है. उन्होंने ट्रैफिक पुलिस और सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन का विरोध करना शुरू कर दिया है.
आपको बता दूं कि सिलीगुड़ी में ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन के द्वारा टोटो चालकों के खिलाफ यह कार्रवाई काफी समय से की जा रही है. अब टोटो चालकों का रूट निर्धारित कर दिया गया है.इसके साथ ही किस रूट पर कौन सा रंग होगा, प्रशासन के द्वारा इसका भी फैसला कर दिया गया है. प्रशासन के द्वारा पूरे शहर में 4 जोन बनाए गए हैं. सभी 4 जोन को चार रंगों में बांटा गया है. इन नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है.
पीले रंग के अंतर्गत सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 11 नंबर आते हैं. इस रंग के स्टीकर वाले टोटो चालक Malaguri से कोर्ट मोड होते हुए नवीन सेन, चर्च रोड और सेवक रोड तक ही जा सकते हैं.इसमें पानी टंकी मोड से सेवक मोड तक का रूट भी शामिल किया गया है. जबकि हरे रंग के स्टीकर लगे टोटो सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत वार्ड नंबर 24 और वार्ड नंबर 29 से वार्ड नंबर 35 तक भाड़ा कमा सकेंगे. इसके अंतर्गत फुलवारी एक नंबर और दो नंबर ग्राम पंचायत, डाब ग्राम पंचायत, माटीगाड़ा एक नंबर ग्राम पंचायत आती है. फुलबारी से जंक्शन होते हुए बर्दवान रोड,श्रीमासरनी, एस एफ रोड,महावीर स्थान इत्यादि इलाके भी इसमें शामिल किए गए हैं.
नीले रंग के स्टीकर वाले टोटो चालक सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 25, 26, 27, 28, 36, 37, 38, 39, 40, 41, 42 , 43 व 44 में ही टोटो चला सकेंगे. इसमें डाबग्राम एक नंबर ग्राम पंचायत भी शामिल है. इसके अलावा चेक पोस्ट से कोर्ट मोड होते हुए विधान रोड और हाशमी चौक, फ्लाईओवर टिकियापारा, S F रोड को भी शामिल किया गया है. इन इलाकों में नीले रंग के स्टीकर लगे टोटो चल सकेंगे. जबकि बैंगनी रंग के स्टीकर वाले टोटो सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत वार्ड नंबर 45 से वार्ड नंबर 47 तक चल सकेंगे. इसके अलावा माटीगाड़ा, चंपासारी ग्राम पंचायत और बागडोगरा ग्राम पंचायत में भी टोटो चला सकेंगे.
सूत्रों ने बताया है कि छठ पूजा के बाद प्रशासन के निर्देशों को ना मानने वाले टोटो चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इसकी झलक अभी से दिखने लगी है. जलपाई मोड, हाशमी चौक, एयरव्यू मोड इत्यादि इलाकों में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चालकों को सजग किया जा रहा है और उन्हें निर्धारित रोड पर ही टोटो चलाने को कहा जा रहा है. सफदर हाशमी चौक और महात्मा गांधी मोड के पास ट्रैफिक पुलिस के द्वारा टोटो चालकों को संबंधित कागजात दिए जा रहे हैं.
लेकिन टोटो चालक काफी परेशान है. उन्हें जो रूट मिला है, उस रूट पर चलकर उनकी कमाई वैसी नहीं हो सकती, जिसकी वह उम्मीद कर रहे हैं. इसके अलावा उनका आरोप यह भी है कि ट्रैफिक पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है. कई टोटो चालकों का यह भी कहना है कि छठ पूजा के बाद उन्हें अपना पेशा बदलने पर भी सोचना होगा. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस की सख्ती बढ़ेगी. उधर कमाई कम होगी तो उनके घर की परेशानी भी बढेगी. जब उनका गुजारा टोटो चलाने से नहीं होगा तो मजबूरन उन्हें अपना धंधा छोड़ना पड़ सकता है. वर्तमान में टोटो चालक असमंजस में है और अपनी कमाई को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं.
बहरहाल देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन का यह फैसला शहर में ट्रैफिक जाम से कितनी मुक्ति दिला पाता है और यह भी कि इन नियम और निर्देशों से टोटो चलने पर क्या टोटो चालकों को लाभ मिलने जा रहा है या फिर उन्हें हानि का सामना करना पड़ेगा? फिलहाल इस पर कुछ कहना कठिन है.लेकिन इतना तो तय है कि छठ पूजा के बाद टोटो चालकों पर ट्रैफिक पुलिस का डंडा चलने वाला है.
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