सिलीगुड़ी के साहूडांगी के पाघालुपाड़ा इलाके में दो दिन पहले हुई तेज बारिश के दौरान एक जर्जर मकान की दीवार अचानक ढह गई थी। इस दिल दहला देने वाले हादसे में तीन साल की मधुमिता और डेढ़ साल के देवायन मलबे में दबकर मौके पर ही दम तोड़ बैठे।
इतने दिनों की भारी बारिश के बाद आज सिलीगुड़ी में सूरज निकला, लेकिन मोहंती परिवार की जिंदगी में अंधेरा हमेशा के लिए छा गया।
गुरुवार यानि आज राजगंज के BDO प्रशांत बर्मन ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दिया । उन्होंने निजी प्रयास से आर्थिक सहायता दी और आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से हर संभव मदद की जाएगी।
मां-बाप की सूनी आंखों में अब भी अपने बच्चों की मासूम मुस्कान झलकती है, जो अब सिर्फ एक याद बन चुकी है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की इस मानवीय पहल की सराहना की, लेकिन साथ ही यह मांग भी की कि जर्जर मकानों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
“बारिश थम गई, धूप निकल आई… पर उस घर का उजाला दो मासूमों के साथ बुझ गया।”