सिक्किम लगातार अपने साथ नए-नए विशेषण और उपमाओं को जोड़ते जा रहा है. जैविक खेती से यह सिलसिला शुरू हुआ था और अब ए आई आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करने से सिक्किम को पूर्वोत्तर राज्यों में एक नई पहचान मिल गई है.
सिक्किम की राजधानी गंगटोक में अक्सर ट्रैफिक की समस्या रहती है. एक तो जगह की कमी और दूसरी ओर यहां पर्यटन का क्षेत्र होने से पर्यटकों तथा गाड़ियों की हमेशा आमद रहती है. जिसकी वजह से गंगटोक हमेशा जाम का शिकार रहता है.ऊपर से गंगटोक ट्रैफिक विभाग की ओर से ओवरटेक की अनुमति नहीं मिलने से गाड़ियां एक के बाद एक लगती जाती है. इस वजह से आपातकालीन स्थितियों में लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है.
यह देखते हुए सिक्किम सरकार और ट्रैफिक विभाग ने ए आई आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया है. हालांकि यह प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है और अच्छे परिणाम मिलने पर इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा. गंगटोक में इसकी शुरुआत 0 पॉइंट, हॉस्पिटल डारा तथा मणिपाल पॉइंट से शुरू किया गया है.
21 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक यह सिस्टम चलेगा. इस दौरान अगर कोई वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर पाता है अथवा अनजाने में उससे त्रुटि हो जाती है तो उसे चालान नहीं भरना पड़ेगा. क्योंकि यह प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है. वांछित परिणाम के बाद ही इसे राज्य के दूसरे शहरों में भी ट्रैफिक नियंत्रण के लिए लागू किया जाएगा.
आपको बताते चलें कि ट्रैफिक मैनेजमेंट का यह सिस्टम पूर्वोत्तर राज्यों में सिक्किम में पहली बार शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत मशीन और तकनीकी ही महत्वपूर्ण होती है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ट्रैफिक को कंट्रोल करती है. यह ऐसा सिस्टम है जो आपातकालीन स्थितियों में जैसे एम्बुलेंस, दमकल वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह मशीन सिखाती है और अपने आप व्यवस्थित भी करती जाती है.
दिल्ली में भी ट्रैफिक नियंत्रण में इस नवीन तकनीक का प्रयोग किए जाने की बात हो रही है. दिल्ली से पहले ही गंगटोक में ए आई आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू होने से सिक्किम देशभर में सुर्खियों में आ गया है. गंगटोक के एसएसपी कर्मा जी और एएसपी ट्रैफिक प्रवीण ने बताया कि नवीन तकनीक से ट्रैफिक नियंत्रण के पीछे उनका मकसद ट्रैफिक सिग्नल्स और सिग्नल लाइट को स्वचालित ढंग से कंट्रोल करना है.
इस सिस्टम की अनेक विशेषताएं हैं. यह मोटर चालकों को भी सतर्क करता है या इसके लिए निर्देश देता है. गाड़ी को चलाने और फ्री स्पेस के लिए पार्किंग समेत कई समस्याओं के हल की दिशा में भी एक उपयुक्त कदम के रूप में देखा जा सकता है. काफी समय से गंगटोक में ए आई आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करने की योजना थी.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

 
					 
					 
					
 
																		 
																		 
																		 
																		 
																		