किसी समय कॉल मार्क्स ने नारा दिया था- दुनिया के मजदूरों एक हो. कुछ इसी तरह से बेबाक शैली और प्रखर आवाज में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष और पहाड़ में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अनित थापा ने आज धरना की शुरुआत करते हुए दार्जिलिंग जिला मजिस्ट्रेट भवन के सामने गोरखाओं को संबोधित करते हुए उनकी रगों में बह रहे लहू में उबाल पैदा करने की कोशिश की. अनित थापा ने बिना रुके धारा प्रवाह शैली में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रहार किया और यह साबित करने की कोशिश की कि भाजपा गोरखाओं की भावनाओं का शोषण कर रही है तथा उन्हें एक वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल करती है.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा का आज से धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम शुरू हो गया है. यह 14 तारीख तक चलेगा. भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा 11 जनजाति गोष्टी को अनुसूचित जनजाति में मान्यता दिलाने की मांग कर रही है. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पहाड़ के गोरखाओं के हित में 11 जाति जनजाति गोष्ठी को मान्यता देने की बात कही थी, जिसे सरकार पूरा नहीं कर सकी है. अनित थापा की पार्टी और स्वयं अनित थापा इसके विरोध में दार्जिलिंग, कर्सियांग और कालिमपोंग में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन को उनकी पार्टी ने जागरूकता कार्यक्रम नाम दिया है.
अनित थापा ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से दार्जिलिंग से भाजपा चुनाव जीतती रही है. गोरखाओं को लग रहा था कि भाजपा और केंद्र सरकार उनकी राजनीतिक समस्या का स्थाई समाधान कर सकती है. इसलिए गोरखा लोगों ने भाजपा को तीन-तीन मौका दिया. लेकिन भाजपा ने गोरखाओं को दिया वादा भी पूरा नहीं किया. फिर इस बार चुनाव होगा और भाजपा गोरखाओं से एक बार फिर वादा करेगी. लेकिन इस बार हमें ‘लठुवा’ नहीं बनना है. अनित थापा ने कहा कि इस मुद्दे पर पहाड़ के क्षेत्रीय दल एक मंच पर आए और भाजपा के खिलाफ जनमानस को एकजुट करें.
भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के धरना प्रदर्शन का दार्जिलिंग के साथ-साथ कालिमपोंग में भी सबसे ज्यादा असर पड़ा. भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के कार्यकर्ता इसे काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. अनित थापा ने कहा कि हम कोई आंदोलन नहीं कर रहे हैं. हम तो पहाड़, समतल और Dooars के गोरखाओं को जगा रहे हैं.क्योंकि हमारे चिल्लाने से अब कुछ नहीं होने वाला है. भाजपा को उसकी वादा खिलाफी का अंजाम भुगतना ही होगा. अनित थापा ने कहा कि मुझे तो 5 साल पहले ही पता चल गया था कि भाजपा गोरखाओं के लिए कुछ नहीं करने वाली है. लेकिन हम पिछले चुनाव में भी लठुआ बन गए.इस बार भी ऐसा ही होने वाला है. पर हमें इनसे सावधान रहना है.
एक सधे हुए राजनेता की तरह ही अनित थापा ने भाजपा के मौजूदा सांसद राजू बिष्ट का बचाव किया और कहा कि राजू बिष्ट ने गोरखाओं के हक में अपनी ताकत लगाई जरूर, लेकिन भाजपा के बड़े नेता उनकी बात सुन नहीं सके. उन्होंने कहा कि इस बार उनका उम्मीदवार भाजपा को शिकस्त देगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे और इसे गांव और पंचायत स्तर पर ले जाएंगे. ताकि भाजपा से पहाड़ के गोरखाओं का मोह भंग हो सके. अनित थापा ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी गई है. प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि गोरखा लोगों की भावनाओं का सम्मान हो तथा पार्टी गोरखा लोगों से किए गए अपने वादे को पूरा कर सके.
अनित थापा ने चेतावनी दी कि अगर प्रधानमंत्री ने उनकी मांग नहीं मानी तो तीन दिन बाद पहाड़, समतल और Dooars के गोरखाओं को लेकर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा और भाजपा का बहिष्कार किया जाएगा. अनित थापा और उनकी पार्टी के द्वारा जगह-जगह धरना प्रदर्शन से पहाड़ की राजनीति का पारा चढ़ गया है. हालांकि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. अनित थापा के कार्यक्रम को देखते हुए पहाड़ के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. कालिमपोंग में इस कार्यक्रम का व्यापक असर देखा जा रहा है.