सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा की फिजा बदलने वाली है. बागडोगरा आकर्षण का केंद्र होने जा रहा है. सिलीगुड़ी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बागडोगरा हवाई अड्डा और प्राकृतिक विविधता के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम करने जा रहा है. यहां जो एयरपोर्ट बन रहा है, वह ऐसा ग्रीन एयरपोर्ट होगा जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होगा. इस तरह का निर्माणाधीन ग्रीन एयरपोर्ट भारत में बागडोगरा के अलावा और कहीं नहीं है.
जिस तेजी से यहां एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है, उससे ऐसा लगता है कि वक्त से पहले ही यह पूरा हो जाएगा. बागडोगरा एयरपोर्ट का कार्य मार्च 2027 तक पूरा किया जाना है. भारत में यह अपनी तरह का पहला ऐसा ग्रीन ग्रीन एयरपोर्ट होगा, जहां एयरपोर्ट का विस्तार पर्यटन, पर्यावरण, स्वास्थ्य, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जा रहा है.
इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जनवरी में शुरू हुआ था और मार्च 2027 तक कार्य पूरा कर लेने का संकल्प किया गया है. इसी के अनुसार यहां रात दिन काम चल रहा है. जो टर्मिनल बनाया जा रहा है, वह 70,390 वर्ग मीटर का है, जिसको पूरा करने के लिए सभी तरह के संसाधनों को जुटाया गया है. यह एक ऐसा आधुनिक टर्मिनल होगा, जिसमें यात्रियों की क्षमता एक समय में 3000 होगी. आधुनिक टर्मिनल के साथ ही यहां 10 पार्किंग भी बनाया जा रहा है. सभी पार्किंग एक दूसरे से अलग विशेषता लिए होंगे, जो बागडोगरा की खूबसूरती को बढ़ाएंगे.
बागडोगरा एयरपोर्ट अथॉरिटी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग एक तरफ जहां पर्यावरण को समृद्ध करेगा, तो दूसरी तरफ मानव की स्वास्थ्य संपन्नता को बढ़ाएगा. यह पूरा प्रोजेक्ट ग्रीन बिल्डिंग के रूप में जाना जाएगा. नागरिक विमान मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बागडोगरा हवाई अड्डे के निर्माण में फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 3000 करोड रुपए से अधिक की धनराशि आवंटित कर दी है.
सभी आधुनिक यात्री सुविधाओं से युक्त बागडोगरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा एक ऐसा हवाई अड्डा होगा, जहां से सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग पहाड़, तराई और Dooars को विशेष गति और शक्ति मिलने वाली है. यह हवाई अड्डा बन जाने से सिक्किम को भी काफी लाभ मिलने वाला है. बागडोगरा और सिलीगुड़ी के आसपास के इलाकों में पर्यटन, व्यापार, पड़ोसी देशों से व्यापार, मैत्री संबंध ,स्वास्थ्य सेवा, होमस्टे ,होटल आदि विविध क्षेत्रों में उन्नति और बदलाव देखने को मिलेगा. इससे बागडोगरा का अद्भुत विकास होगा.
जिस नए आकर्षण के साथ एयरपोर्ट का निर्माण कार्य किया जा रहा है,अभी से ही इसके नामकरण को लेकर समतल और पहाड़ में अलग-अलग मुहिम चलाई जा रही है. पहाड़ के नेता और संगठनों की ओर से सुभाष घीसिंग के नाम पर उसका नामकरण करने की मांग की जा रही है, तो दूसरी तरफ समतल व Dooars के विभिन्न संगठनों ने चिला राय के नाम पर उसका नामकरण करने की मांग की है. परंतु फैसला तो केंद्र सरकार को करना है.
जो भी हो, हवाई अड्डे का नाम कोई भी हो, परंतु इसमें कोई शक नहीं है कि बागडोगरा एयरपोर्ट देश में पहला ग्रीन एयरपोर्ट होने जा रहा है. इससे सिलीगुड़ी की भी गरिमा बढी है और अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलने में भी मदद मिल रही है.
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