कहने के लिए तो सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन ने सिलीगुड़ी में दीपावली में तेज आवाज वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर प्रशासन के निर्देश को नहीं मान कर कुछ लोग तेज धमाकेदार पटाखे जला रहे हैं. दीपावली से पहले ही सिलीगुड़ी के कोने-कोने में तेज धमाका वाले पटाखे जलाए जा रहे हैं, जिनकी गर्जना से आसपास के लोग भी सहम जाते हैं. खासकर बस्ती क्षेत्र में रोज शाम को यह देखा जा सकता है.
ऐसे में सवाल उठता है कि जब सिलीगुड़ी प्रशासन ने केवल ग्रीन पटाखे की अनुमति दी है तो सिलीगुड़ी में प्रतिबंधित पटाखे कहां से आ रहे हैं. तेज आवाज वाले इन पटाखों को कौन बेच रहा है और कहां से यह मंगाये जा रहे हैं? क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है? सच तो यह है कि पड़ोसी राज्यों से कुछ व्यापारी प्रतिबंधित पटाखे मंगा रहे हैं और सिलीगुड़ी में बेच रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि बिहार, झारखंड जैसे इलाकों से करोड़ों रुपए के प्रतिबंधित पटाखे सिलीगुड़ी में मंगवाए जा रहे हैं और गुप्त रूप से बेचे जा रहे हैं.शहर के विभिन्न रिहायशी इलाकों में मकान अथवा गुप्त स्थान में इन अवैध पटाखों को जमा किया जा रहा है और वहीं से इनकी बिक्री भी हो रही है.
हालांकि पुलिस भी प्रतिबंधित पटाखों पर नजर रख रही है और आए दिन इन प्रतिबंधित पटाखों को पुलिस पकड़ भी रही है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के विभिन्न थानों जैसे माटीगारा थाना, एनजेपी थाना, भक्ति नगर थाना, आशीघर चौकी, खालपारा, सिलीगुड़ी थाना की पुलिस ने विभिन्न इलाकों से SOG की मदद से लाखों रुपए के अवैध पटाखे जब्त किए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अवैध पटाखों की बिक्री में कोई अंतर नहीं पड़ा है.
पिछले दिनों भक्ति नगर थाना की पुलिस ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर आशीघर चौकी को निर्देश दिया. इसके आधार पर आशीघर चौकी ने डाबग्राम दो नंबर इलाके के हतियाडांगा क्षेत्र में स्थित एक मकान में दबिश डाली और बड़ी संख्या में अवैध पटाखों को जब्त किया है. इस क्रम में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम सुबोध अधिकारी है. पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के विभिन्न थानों के अधिकारी प्रतिबंधित पटाखों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. सवाल यह भी है कि अगर पुलिस का अभियान चलाया जा रहा है तो रोज शाम को सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में तेज आवाज वाले पटाखे क्यों छोड़े जा रहे हैं. क्या पुलिस को इसकी खबर नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने भी तेज आवाज वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है.
प्रतिबंधित पटाखों का शोर ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों का कारण भी बनता है. तेज शोर से दिल की धड़कन बढ़ती है. बीमार व्यक्तियों की शांति में खलल पहुंचती है. बहरापन जैसे रोग तो होते ही हैं. इसके अलावा सांस रोग भी होते हैं. अगर किसी घर में बीमार व्यक्ति हो तो इन पटाखों के शोर से उसकी अवस्था और खराब हो सकती है.
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