April 27, 2024
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उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

होली में करते है यह हरकत तो हो जाए सावधान !

होली का दहन के बाद से ही पूरे देश में धूमधाम से होली मनाई जा रही है | इस रंगों के त्यौहार में लोग एक दूसरे को रंग लगाकर धूमधाम से होली खेल रहे हैं | घरों में रिश्तेदारों और दोस्तों का आना-जाना जारी है | लोग घरों में पूवे, पकवान बना रहे हैं, कहीं ढोल तो कहीं डीजे वाले गाने में लोग थिरकते हुए होली के त्यौहार को मना रहे हैं | लेकिन इस हर्षोल्लास के बीच लोग यह भूल जाते हैं कि, जानवरों को रंग लगाना नुकसानदायक होता है, कई बार लोगों की लापरवाही का खामियाजा इन बेजबानो को भुगतना पड़ता है | देखा जाए तो होली के दिन कुछ लोग मस्ती और अपने मजे के लिए पालतू जानवरों या आसपास घूम रहे जानवरों को रंग लगा देते हैं, लेकिन क्या आप सभी जानते हैं कि, अपने मजे के लिए की गई यह हरकत उन बेजुबानों के लिए कितना जानलेवा साबित हो सकता है, अगर आप भी इस लिस्ट में शामिल है, तो जरा इस ओर ध्यान दें :
आपने अक्सर देखा होगा कि, जानवर अपने शरीर को साफ रखने के लिए अपनी जीभ का इस्तेमाल करते हैं। वह अक्सर खुद को चाटकर अपना शरीर साफ करते हैं। ऐसे में अगर आप उनके शरीर पर रंग डालते हैं, तो वह इसे साफ करने के लिए भी अपनी जीभ का सहारा लेते हैं। ऐसे में केमिकल युक्त इन रंगों के शरीर के अंदर जाने से जानवरों को पेट और आंत संबंधी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
जानकारी यह भी होली के लिए इस्तेमाल होने वाले रंगों में आमतौर पर लीड ऑक्साइड, एल्यूमिनियम ब्रोमाइड, मरकरी सल्फेट और कॉपर सल्फेट जैसे केमिकल पाए जाते हैं। ऐसे में शरीर पर इन रंगों के लगने से न सिर्फ इंसानों, बल्कि जानवरों की त्वचा को भी काफी नुकसान पहुंचता है। अगर आप जानवरों को रंग लगाते हैं, तो इससे उन्हें स्किन एलर्जी, त्वचा में जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
होली खेलते समय लोग घर के पालतू या बाहर घूम रहे जानवरों पर रंग भरा पानी या गुब्बारे फेंक देते है, साथ ही कई लोग उन पर गुलाल भी डाल देते हैं। ऐसे में इन रंगों से बचने की कोशिश में कई बार यह केमिकल वाले रंग उनकी आंखों में चले जाते हैं, जिसकी वजह से जानवरों की आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
साथ ही गीला या सूखा जानवरों के लिए दोनों ही तरह के रंग खतरनाक साबित हो सकते हैं। अगर आप जानवरों पर रंग डाल रहे हैं, तो यह उनकी नाक और श्वसन नली में जा सकते हैं, जिसकी वजह से न सिर्फ उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, बल्कि कई बार वह पागल तक हो जाते हैं।

गंभीर बीमारी हो या स्किन एलर्जी या उन्हें सांस लेने में परेशानी हो या फिर वे अंधे हो जाए इन सारी परिस्थितियों में मासूम जानवरों की जान भी जा सकती हैं, क्योंकि वे बेजुबान होते हैं और अपनी आप बीती किसी को बता नहीं पाते, जिससे वह तड़प-तड़प कर मर जाते हैं | होली खेले आनंद से खेले, लेकिन इन बेजुबान जानवरों पर रंग ना डालें | सतर्क रहे स्वस्थ रहे होली की शुभकामनाएं |

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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