सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में संदेश खाली का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को पूरे राज्य में जोर शोर से उठा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में भी संदेश खाली का मुद्दा उठाया था. राज्य भाजपा के नेता भी इस मुद्दे को जोर-जोर से उठा रहे हैं और तृणमूल कांग्रेस की सरकार को महिला विरोधी बताने पर फोकस कर रहे हैं.
आज सिलीगुड़ी में संदेश खाली मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर कथित रूप से लाठी चार्ज का आरोप लगा है. पुलिस बल ने उत्तर कन्या अभियान में शामिल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को तीनबती के पास ही रोक दिया और उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से कहा जा रहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उन्हें दौरा दौरा कर पीटा. काफी संख्या में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता गिरफ्तार भी किए गए. उन्हें चोट भी आई है.
उधर संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही तृणमूल कांग्रेस की सरकार को एक बार फिर से झटका लगा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. यह दूसरा मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को निरस्त कर दिया है. राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से काफी उम्मीद थी. लेकिन उसकी उम्मीद को करारा झटका लगा है. ऐसे में जाहिर है कि भाजपा इस मुद्दे को और जोर-शोर से उठाएगी.
शाहजहां पहले से ही सीबीआई की हिरासत में है. उसकी सीबीआई हिरासत 4 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. शाहजहां संदेश खाली में ईडी और सीएपीएफ पर हुए हमले का मुख्य आरोपी है. उसे बसीरहाट सब डिविजनल कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई के वकील ने अदालत में शाहजहां की हिरासत 4 दिन और बढाने की मांग करते हुए याचिका दायर की. जिला अदालत के न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद शाहजहां की हिरासत बढ़ाने की मंजूरी दी. आज ईडी अधिकारियों पर हुए हमले से संबंधित संदेश खाली मामले में सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई थी.
बंगाल सरकार के वकील ने मामले को अदालत में पेश किया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि शेख शाहजहां को इतने दिनों तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया था? मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने ईडी अधिकारियों पर 5 जनवरी को हुए हमले के मामले में विशेष जांच दल गठित करने की एकल पीठ के आदेश को खारिज कर दिया था. इतना ही नहीं राज्य पुलिस को नजट और बनगांव थाने की कुल तीन शिकायतों की जांच की जिम्मेदारी भी सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था. उस आदेश के सामने आने के बाद तृणमूल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था. राज्य सरकार के आवेदन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
राजनीतिक विश्लेषक इसे चुनाव से पूर्व तृणमूल कांग्रेस के लिए जोर का झटका बता रहे हैं. उनके अनुसार इसका लोकसभा चुनाव पर असर जरूर पड़ेगा और ममता बनर्जी को काफी संघर्ष करना पड़ सकता है. दूसरी तरफ भाजपा चुनाव में इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी.
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