आज सीबीआई ने आरजीकर कांड के मुख्य आरोपी संजय राय, आरजीकर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष समेत 6 अन्य लोगों का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराया. संजय राय 23 अगस्त से ही सीबीआई की हिरासत में है. आरोपी संजय राय मजिस्ट्रेट के सामने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति देते समय भावुक हो गया था. जब मजिस्ट्रेट ने पूछा कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए क्यों सहमति दे रहा है, तो उसने भावुक होकर कहा कि उसने कुछ नहीं किया है और उसे फसाया जा रहा है.
कोलकाता पुलिस के बाद सीबीआई ने आरजी कर कांड की परतें उधेड़नी शुरू कर दी है. सीबीआई के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया जा चुका है. लेकिन इस रिपोर्ट में क्या है, यह तो कोई नहीं जानता और ना ही इसे सार्वजनिक किया जा सकता है. परंतु सीबीआई की जांच में जो कुछ तथ्य सामने आए हैं, उससे काफी हद तक आरजी कर कांड सुलझता नजर आ रहा था. खासकर दुष्कर्म के मामले में रेप और गैंगरेप के बीच जांच एजेंसी की अनिश्चितता कहीं ना कहीं दूर होती प्रतीत हो रही है. लेकिन कोर्ट में जज के सामने पॉलीग्राफिक टेस्ट की अनुमति देते हुए पॉलीग्राफिक टेस्ट के दौरान संजय राय ने खुद को निर्दोष बताते हुए जांच एजेंसी को एक बार फिर से भ्रमित करने की कोशिश की है. सीबीआई उसके बयान पर गौर कर रही है.
बहरहाल अब तक की जांच में सीबीआई को लगता है कि महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था. यह एक रेप था. जिसने रेप किया, उसी ने महिला डॉक्टर का कत्ल भी किया. उस व्यक्ति का नाम संजय राय था. वही संजय राय जिसको कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और सीबीआई की कस्टडी में सौंप दिया था. संजय राय का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराया जा रहा है. पिछले 11 दिनों से सीबीआई की छानबीन में प्राप्त सबूत और साक्ष्य, इस कांड की थ्योरी कहीं ना कहीं कोलकाता पुलिस की थ्योरी से मिलती-जुलती है.
कोलकाता पुलिस और सीबीआई ने पाया है कि सेमिनार हाल के पास के सीसीटीवी फुटेज में सिर्फ एक ही संदिग्ध व्यक्ति जाता हुआ नजर आ रहा है और वह व्यक्ति संजय राय ही था. उसके अलावा रात 3:00 से लेकर सुबह 5:30 तक सेमिनार हॉल की तरफ जाते हुए कई लोग तो दिखे लेकिन वह संदिग्ध नहीं है. सीसीटीवी कैमरे में जो लोग दिखाई दिए, उनमें से अधिकतर लोग जल्दी ही अपने-अपने वार्ड अथवा अपनी जिम्मेदारियों में जुट गए थे. संजय राय ही वह व्यक्ति था जो सेमिनार हॉल में सबसे ज्यादा समय तक रुका रहा था.
कोलकाता पुलिस और सीबीआई ने सेमिनार हॉल से बरामद ब्लूटूथ नेकबंद और उसका संबंध संजय राय के मोबाइल से होना भी एक अहम सबूत माना है. 9 अगस्त को संजय राय ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया था. 14 अगस्त को सीबीआई ने उसे अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने न केवल अपना अपराध स्वीकार किया बल्कि घटना वाली रात और सुबह की पूरी कहानी बयां कर दी थी. इसके बावजूद सीबीआई को उसकी कहानी पर भरोसा नहीं हो रहा था. तब सीबीआई ने फोरेंसिक रिपोर्ट मंगाया.
वास्तव में सीबीआई यह पता करना चाहती थी कि महिला डॉक्टर के साथ रेप हुआ था या गैंगरेप. सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब कोलकाता ने इसका उत्तर दिया है.इसके अनुसार पीड़िता और आरोपी संजय राय के डीएनए प्रोफाइल मैच कर गए. फॉरेंसिक जांच में पीड़िता के प्राइवेट अंगों से संजय राय के अलावा किसी और का डीएनए प्रोफाइल नहीं मिला. फॉरेंसिक जांच से यह पता चला कि पीड़िता के साथ रेप हुआ था, गैंगरेप नहीं और वह व्यक्ति संजय राय ही था.
इस तरह से संजय राय के बारे में सबूत, सीसीटीवी कैमरा तथा अन्य साक्ष्य चीख चीख कर कह रहे हैं कि आरजी कर कांड को उसने ही अंजाम दिया था. लेकिन इसके बावजूद जज के सामने लाई डिटेक्टर मशीन में टेस्ट देते हुए आज उसने अपना बयान बदल दिया और कहा कि इस मामले में उसे फसाया जा रहा है. आज सीबीआई ने उसके अलावा 6 अन्य लोगों का भी पॉलीग्राफिक टेस्ट किया है. इनमें से ज्यादातर लोग वे हैं जो कत्ल की रात जूनियर डॉक्टर के साथ डिनर कार्यक्रम में शरीक थे.
पॉलीग्राफिक टेस्ट के दौरान सीबीआई ने संजय राय से लगभग 20 सवाल पूछे हैं. जबकि डॉ संदीप घोष से 25 सवाल पूछे गए हैं. आमतौर पर पॉलीग्राफ टेस्ट में तीन तरह के सवाल पूछे जाते हैं. एक प्रासंगिक, दूसरा अप्रासंगिक और तीसरा नियंत्रण प्रश्न शामिल किए जाते हैं. सीबीआई अधिकारियों ने संजय राय से उसका नाम, निवास स्थान, वारदात वाले दिन वह कहां था? क्या उसे मोटरसाइकिल चलाना आता है? क्या उसने पीड़िता का रेप किया था? क्या उसने पीड़िता का कत्ल किया था? क्या टमाटर का रंग लाल होता है? क्या वह पीड़िता को जानता था? क्या पीड़िता के कत्ल में उसके साथ कोई और भी शामिल था? क्या कत्ल करने के बाद वह अस्पताल से भाग गया था? क्या उसने पीड़िता के साथ पहले भी छेड़छाड़ की थी? क्या वह पोर्न फिल्में देखने का शौकीन है? क्या वह डॉक्टर संदीप घोष को जानता है? क्या उसने कत्ल की जानकारी डॉक्टर संदीप घोष को दी थी? क्या सेमिनार हॉल में उसके साथ कोई और मौजूद था? क्या उसका ब्लूटूथ सेमिनार हॉल में टूट गया था? पूछे गए सारे सवालों का क्या उसने सही जवाब दिया है?
दूसरी तरफ आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष से सीबीआई ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान लगभग 25 सवाल पूछे हैं. डॉ संदीप घोष से पूछे गए सवाल कुछ अटपटे से हैं. जैसे आसमान का रंग क्या है? आज क्या वार है? यह सभी सवाल आरोपी को कंफ्यूज करने के लिए पूछे जाते हैं. डॉ संदीप घोष से जो सवाल पूछे गए हैं वह इस प्रकार हैं, जैसे क्या आज शनिवार है? क्या आपका जन्म कोलकाता में हुआ था? क्या आपका नाम संदीप है?क्या आपको पता है कि पीड़िता का रेप किसने किया? क्या आपने कभी झूठ बोला है? क्या पीड़िता का गैंग रेप हुआ था? पुलिस को आपने इस वारदात की जानकारी दी थी? क्या आपके और पीड़िता के बीच किसी तरह का विवाद था? इत्यादि.
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