इन दिनों सिलीगुड़ी के नौका घाट पर तो जाम नहीं लगता है, परंतु नौका घाट सेतु पर आए दिन जाम देखा जा सकता है. जब कभी कोई सेतु से गुजर रहा वाहन अचानक खराब हो जाता है तो यह जाम मेडिकल तक भी बढ़ सकता है. रात्रि 10:00 बजे के बाद एशियन हाईवे से गुजरने वाले माल वाहक ट्रक सिलीगुड़ी से बाहर जाने के लिए इसी रास्ते का उपयोग करते हैं. कभी-कभी सेतु पर ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है. कई बार तकनीकी कारणों से भी नौका घाट सेतु पर ट्रकों की लंबी लाइन देखी जा सकती है.
आजकल प्रशासन के द्वारा सिलीगुड़ी में सड़कों का उद्धार किया जा रहा है. जलपाई मोड़ से लेकर नौका घाट और आसपास के इलाकों में भी सड़कों का कायाकल्प किया गया है. नौका घाट सेतु पर पहले सड़क की अवस्था अच्छी नहीं थी. इसलिए गाड़ियों को जगह-जगह ब्रेक लगाना पड़ता था. अब प्रशासन ने सड़क को सुंदर बना दिया है. ऐसे में इस सेतु से गुजरने वाले वाहन जैसे बस, ट्रक अथवा छोटी गाड़ियां नॉन स्टॉप जाती हैं. नौकाघाट सेतु से होकर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और कोलकाता और बंगाल के विभिन्न शहरों की बसें भी गुजरती है. सड़क का कायाकल्प होने से वाहनों की गति भी बढ़ी है. हालांकि यह ट्रैफिक नियमों के अनुकूल नहीं है.
सिलीगुड़ी का नौका घाट मोड सिलीगुड़ी में ट्रैफिक व्यवस्था के हिसाब से अन्य स्थानों से बेहतर कहा जा सकता है. नौकाघाट मोड़ को दिल्ली का गोल चक्कर भी कहा जाता है. यहां अच्छी ट्रैफिक व्यवस्था है. नौकाघाट मोड पर ही ट्रेफिक गार्ड है, जहां एक से अधिक ट्रैफिक कर्मी, सिविक वॉलिंटियर और अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन कर सकें. वाहन चालक यहां पर ट्रैफिक नियमों का पालन भी करते हैं. यही कारण है कि नौका घाट मोड पर ट्रैफिक जाम की शिकायत कभी-कभार ही सुनी जाती है.
लेकिन जैसे ही आप नौका घाट सेतु की ओर बढ़ते हैं, जाम की अवस्था कभी कभार ऐसी हो जाती है कि मेडिकल जाने वाली गाड़ियों को वैकल्पिक रास्तों से होकर जाना पड़ता है. सिलीगुड़ी का यह सबसे महत्वपूर्ण सेतु है जो दूसरे सेतु के मुकाबले काफी बड़ा भी है. यह व्यस्त मार्ग है. नजदीक में ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल और डेसुन जैसे अस्पताल स्थित है, जहां इलाज के लिए मरीज जाते हैं. इस रास्ते से होकर एंबुलेंस की गाड़ियां अक्सर जाते हुए देखी जा सकती हैं. लेकिन जब यहां जाम लग जाता है तो एंबुलेंस की गाड़ियों को भी जाने का रास्ता नहीं मिल पाता है.
पहले सेतु और आसपास के भाग में सड़क दुर्घटनाएं काफी होती थीं. कावा खाली के सामने सड़क पर पहले भी कई सड़क दुर्घटनाएं हुई है, जिनमें कई लोगों की मौत भी हुई है. लेकिन तब उस समय ना तो यहां ट्रैफिक की व्यवस्था थी और ना ही सड़क की अवस्था अच्छी थी. वर्तमान में रोड का चौड़ीकरण भी किया गया है. नौका घाट सेतु पार करते ही पोराझार मोड़ पर ट्रैफिक पिकेट भी बनाया गया है. जब कभी यहां जाम लगता है तो ट्रैफिक के कर्मी सिविक वॉलिंटियर ट्रैफिक मैनेज करते हैं. इसलिए स्थिति काफी बदली है. नौका घाट के इस भाग में निर्माण कार्य भी काफी हो रहा है. यहां SJDA मैदान में आवास निर्माण का कार्य वर्षों से चल रहा है.
सिलीगुड़ी का नौका घाट और आसपास के इलाके आकर्षण के केंद्र हैं. रोड के किनारे कई दुकानें हैं लेकिन इन दुकानों में कोई आकर्षण नहीं है. टिन की छत वाली और काम चलाऊ तरीके से दुकान लगाई गई है. कारण कि यह जमीन पीडब्ल्यूडी के अधीन आती है. इसलिए पक्का निर्माण कार्य दुकानदार नहीं कर सकते हैं. जिन लोगों की यहां दुकानें हैं, स्थानीय लोगों ने बताया कि उनमें से अधिकांश दुकानदार एक पार्टी से जुड़े हुए हैं और ताकतवर माने जाते हैं. इसलिए प्रशासन की ओर से उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
हालांकि यहां के कई दुकानदारों को नोटिस भी दिया जा चुका है. प्रशासन के द्वारा यहां डेवलपमेंट के और भी कार्य किए जाने हैं. जिस दिन नौका घाट का डेवलपमेंट कार्य पूरा होगा, यह सिलीगुड़ी का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र होगा. न केवल ट्रैफिक समाधान के मामले में ही, बल्कि व्यवसाय, सौंदर्यीकरण और पर्यावरण के हिसाब से भी सिलीगुड़ी का अग्रणी स्थल होगा.
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