November 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल कालिम्पोंग जलपाईगुड़ी दार्जिलिंग मौसम सिलीगुड़ी

उत्तर बंगाल और सिक्किम में तूफान व भारी बारिश के आसार!

अभी बारिश से आपका पीछा छूटने वाला नहीं है. मौसम विभाग जिस तरह का संकेत दे रहा है, उससे ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिमपोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार आदि जिलों के कई भागों में तबाही वाली मूसलाधार बारिश हो सकती है. तूफानी हवाएं चल सकती हैं. आसमानी बिजली के साथ बादल फटने की भी घटनाएं सामने आ सकती है. यही कारण है कि उत्तर बंगाल के लिए मौसम विभाग ने 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

इस समय देशभर में मानसून सक्रिय हो गया है. विभिन्न प्रदेशों में बरसात हो रही है. अगले 5 दिनों तक पश्चिम भारत के कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में हल्की से भारी बरसात हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती तूफान मध्य स्तर पर दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग के ऊपर तथा दूसरा चक्रवाती प्रसार उत्तर अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है. यह लगातार जोर पकड़ रहा है.

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आज यानी 3 जुलाई को पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग भागों में भयंकर से भयंकर बारिश हो सकती है. इसके साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. तूफानी हवाओं तथा मूसलाधार बारिश के बीच बिजली गिरने और बादल फटने की घटनाएं भी सामने आ सकती हैं.

बंगाल और सिक्किम के अलावा असम, मेघालय, कर्नाटक, केरल, पड़ोसी राज्य बिहार और अरुणाचल प्रदेश में भी तूफानी हवाओं के साथ भयंकर बारिश के आसार दिख रहे हैं. जबकि पूर्वोत्तर राज्यों जैसे नागालैंड, मणिपुर ,त्रिपुरा आदि राज्यों के विभिन्न भागों में तूफानी हवाओं के साथ आज जमकर बरसात हो सकती है. इधर पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी के आसपास तूफानी हवाओं के चलने की पूर्व सूचना मौसम विभाग द्वारा दिए जाने के बाद मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की प्रशासन ने चेतावनी जारी की है.

मौसम विभाग ने देश के लगभग एक दर्जन राज्यों के लिए तूफान की चेतावनी जारी की है. 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली हवाओं का वेग लगातार बढ़ता जाएगा. इसका असर ना केवल बंगाल और सिक्किम में होगा, बल्कि असम ,मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा,उड़ीसा, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड ,तमिलनाडु आदि राज्यों में भी होगा!

जाहिर बात है कि पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बरसात और तूफानी हवाओं के चलने से भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं. ऐसे में दार्जिलिंग और कालिमपोंग क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. यहां 7 जुलाई तक खतरा बरकरार है.

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