May 3, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के बाहर पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच संघर्ष से अफरा-तफरी, कई घायल!

इन दिनों संदेशखाली की घटना पूरे बंगाल और देश में गूंज रही है. वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच संदेशखाली की घटना को लेकर एक जंग सी छिड़ गई है. पिछले कई दिनों से संदेश खाली पूरे भारत में सुर्खियों में है. संदेशखाली की घटना के मुख्य आरोपियों शाहजहां और उसके गुर्गो को गिरफ्तार करने के लिए भाजपा प्रदर्शन कर रही है.

पिछले कई दिनों से संदेश खाली में भाजपा नेताओं को जाने से रोका जा रहा है. पिछले दिनों भाजपा समर्थकों और पुलिस के बीच संघर्ष में कई भाजपा समर्थक घायल हो गए और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी चोटे आई.आज इस घटना के प्रतिवाद में और संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां और उसके गुर्गो की गिरफ्तारी की मांग में सिलीगुड़ी भाजपा जिला की ओर से एक जुलूस निकाला गया.

इस जुलूस में सैकड़ो भाजपा समर्थक, भाजपा नेता और भाजपा महिला मंडल की सदस्याएं शामिल थीं. भाजपा समर्थक प्रदर्शन करते हुए सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के दफ्तर में जाने से पहले ही पुलिस ने भाजपा समर्थकों को बैरिकेड के पास ही रोक दिया. इसके बाद भाजपा समर्थक भी ताव में आ गए. दोनों तरफ से धक्का मुक्की शुरू हो गई. कुछ देर के लिए वहां अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया. कई भाजपा समर्थकों को चोटे आई.

पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि भाजपा समर्थकों ने सर्वप्रथम धक्का मुक्की शुरू की और अराजकता का माहौल बनाने का प्रयास किया. इसके बाद ही पुलिस ने उन्हें तितर बीतर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच संघर्ष से कुछ देर के लिए युद्ध जैसा नजारा हो गया.

भाजपा नेता नांटू पाल का कहना है कि सिलीगुड़ी जिला भाजपा सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देने जा रही थी. लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन रोक दिया. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शांतिप्रिय जुलूस को रोकने के लिए बल प्रयोग किया. हम तो सिर्फ ज्ञापन देने जा रहे थे.लेकिन पुलिस ने हमसे हमारा अधिकार छीन लिया.

मीडिया को संबोधित करते हुए नांटू पाल ने कहा कि सिलीगुड़ी पुलिस कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए महिला सदस्यों पर अत्याचार किया. उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों को रोकने के लिए महिला पुलिस नहीं आई थी और पुरुष पुलिसकर्मियों ने ही उनके साथ धक्का मुक्की की. मीडिया के सामने अपनी भड़ास निकालते हुए नांटू पाल ने कहा कि यहां कानून और व्यवस्था नामक कोई चीज नहीं है. पुलिस लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है. नांटू पाल ने कहा कि पूरे भारत में संदेशखाली को लेकर बंगाल की बदनामी हो रही है. लेकिन ममता बनर्जी की सरकार कुछ नहीं कर रही है और अपराधियों को संरक्षण दे रही है.

उन्होंने कहा कि बंगाल पुलिस शाहजहां और उसके गुंडो को क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है. उन्हें बचाने की चेष्टा क्यों हो रही है. संदेश खाली में महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहा है, उसकी तरफ से सरकार आंखें मुदे हुए है. संदेश खाली का क्या है मामला, संक्षेप में जान लीजिए. उत्तर 24 परगना जिले के संदेश खाली में आरोप है कि शाहजहां वहां के स्थानीय लोगों पर काफी समय से अत्याचार कर रहा था. उनकी जमीन छीन कर उस पर कब्जा कर लिया जाता और विरोध करने पर ग्रामीण पर हमले किए जाते. महिलाओं पर अत्याचार किया जाता.

धीरे-धीरे ग्रामीणों का विरोध आंदोलन में तब्दील हो गया. 5 जनवरी को राशन घोटाले में तृणमूल नेता शाहजहां के आवास पर ED ने छापेमारी की. लेकिन शाहजहां फरार हो गया. इसके बाद उसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी. लोग शाहजहां और उसके सहयोगी शिबू हाजरा को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे. धीरे-धीरे यह मामला इतना सुलगता चला गया कि वहां की स्थानीय महिलाओं ने हाथ में लाठी डंडे लेकर शाहजहां के खिलाफ मोर्चा कस लिया.

उन्होंने शिबू हाजरा के घर में तोड़फोड़ की और लकड़ी के कुछ सामानों में आग भी लगा दी. उन्होंने शिबू हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्म को भी फूंक दिया. इस घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से ही संदेश खाली में धारा 144 लागू कर दिया गया. इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई और संदेश खाली थाना क्षेत्र में काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने धारा 144 को खारिज करने का आदेश भी दिया.

विगत शनिवार को संदेश खाली का जायजा लेने पहुंचे भाजपा प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने रोक दिया. उन्हें रामपुर के पास ही रोक कर पुलिस हिरासत में ले लिया गया था. इस दौरान पुलिस के साथ भाजपा नेताओं की लंबी बहस हुई थी. भाजपा नेताओं ने चार लोगों के लिए प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी. लेकिन पुलिस ने उसे अस्वीकार कर दिया.

स्थानीय जिला पुलिस प्रशासन ने मामला तूल पकड़ते देखकर एक आरोपी उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया. तृणमूल कांग्रेस ने उत्तम सरदार को उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के अंचल अध्यक्ष पद से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया. कुछ दिनों पहले राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने संदेश खाली का दौरा किया था. राज्यपाल ने माना कि संदेश खाली में महिलाओं पर काफी बर्बरता की गई थी. उन्होंने मीडिया से कहा कि संदेश खाली में मैंने जो देखा वह अत्यंत भयावह, स्तब्ध कर देने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था.

पिछले दिनों भाजपा नेता सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा समर्थकों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय को घेरने की योजना बनाई. जब सुकांत मजूमदार बसीरहाट पहुंचे तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई. भाजपा समर्थकों ने पहले बैरिकेड तोड़ा. पुलिस ने उन्हें जब रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में धक्का मुक्की शुरू हो गई. इस घटना में कई भाजपा समर्थक को चोटें आई और खुद भाजपा नेता सुकांत मजूमदार घायल हो गए थे. इसी घटना के विरोध में सिलीगुड़ी जिला भाजपा सिलीगुड़ी में प्रदर्शन कर रही थी, जहां भाजपा समर्थको और सिलीगुड़ी पुलिस के बीच यह झड़प हुई थी.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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