मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में सब्जियों की बढ़ती महंगाई को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस प्रशासन को निर्देश देते हुए टास्क फोर्स का भी गठन किया था. आरंभ में तो टास्क फोर्स के अधिकारी सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों का चक्कर लगाते रहे. उन्होंने दुकानदारों को उचित लाभ के साथ सब्जियों की बिक्री करने की सलाह भी दी. पर आज 15-20 दिन से भी ऊपर हो गए हैं. सब्जियों की महंगाई में कोई कमी नहीं आई है.
सिलीगुड़ी में हरी सब्जियां 15-20 दिन पहले जिस भाव पर बिक रही थी, आज भी उसी भाव में बिक रही है. टमाटर 80 रुपए किलो, करेला ₹80 किलो,आलू ₹35 किलो, प्याज ₹50 किलो, बैंगन 60 से ₹80 किलो, खीरा ₹60 किलो, कच्चू ₹80 किलो, परवल ₹80 किलो अर्थात सब्जियों की कीमत आज भी फुटकर बाजार में ₹80 किलो से कम नहीं है. आपको याद होगा कि सब्जियों की बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखकर राज्य के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने सुफल बांग्ला केंद्र के माध्यम से सस्ती सब्जियां बेचने का फैसला किया और आज भी आलू तथा प्याज को नियंत्रित भाव से बचा जा रहा है.
परंतु यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. इन सरकारी केन्द्रों से आप 1 किलो आलू, आधा किलो प्याज, एक पाव टमाटर ही ले सकते हैं. फिर यह सुफल बांग्ला केंद्र एक निर्धारित समय पर ही खुलते हैं. लोगों की शिकायत यह भी है कि उनके इलाके में सस्ती सब्जियां नहीं बेची जाती. ऐसे में वहां तक पहुंचना आसान भी नहीं होता. कोई भी खरीदार 1 किलो सब्जी लेने के लिए 20 से 30 रुपए भाड़ा लगाकर नहीं जा सकता है.जहां तक टास्क फोर्स के अधिकारियों की बात है, तो वह वर्तमान में कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं.
आज पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के विधायकों ने राज्य में सब्जियों की महंगाई को लेकर विधानसभा में हंगामा किया. भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा एक महीना बीत गया. लेकिन सब्जियों की महंगाई कम नहीं हुई. मुख्यमंत्री का यह सब नाटक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक बहुत अच्छी अदाकारा है. पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के साथ भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर भाजपा विधायक अग्नि मित्र पाल ने कहा, हम लोगों ने गरीब लोगों को ₹10 में आलू बेचने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि आज राज्य में उद्योग धंधे नष्ट हो गए हैं. लोगों के पास कोई काम नहीं है. राज्य के युवा दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जा रहे हैं. इन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का क्या हुआ. जब उन्होंने 10 दिनों के अंदर ही सब्जी की कीमत में कमी लाने का दावा किया था. मुख्यमंत्री बस प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है. लेकिन उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस से कोई समाधान नहीं निकलता है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के लोग ही सब्जियों की कीमत बढ़ा रहे हैं. क्योंकि वह बिचौलियों की भूमिका निभाते हैं. किसानों से पैसा लेते हैं.
इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त निर्देश के बावजूद सब्जियों की कीमत में कोई कमी नहीं आई है. टास्क फोर्स की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. दुकानदार अपनी मनमानी कर रहे हैं. बिचौलिए अपना खेल कर रहे हैं और जनता पीस रही है. आखिर गरीब और मध्यमवर्गीय जनता की आवाज कौन सुनेगा!
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