मालीगांव: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक मनोज यादव ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) का दौरा किया, ताकि जोन के अधीन सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जा सके और साथ ही साथ आरपीएफ के बुनियादी संरचना तथा चल रहे कामकाज के अपग्रेडेशन की समीक्षा की जा सके। उनका दौरा सभी क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों और परिचालन तैयारियों को बढ़ाने पर भारतीय रेलवे के निरंतर जोर को दर्शाता है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, भारतीय रेलवे का रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है, जो बांग्लादेश, भूटान, चीन और म्यांमार सहित कई पड़ोसी देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंधन महत्वपूर्ण और जटिल हो जाता है। इस पृष्ठभूमि में, महानिदेशक/आरपीएफ द्वारा किया गया निरीक्षण और समीक्षा, इस क्षेत्र की भौगोलिक और सामरिक परिस्थितियों से उत्पन्न अद्वितीय चुनौतियों का सामना करने के लिए आरपीएफ की तत्परता सुनिश्चित करने में विशेष महत्व रखती है। इस यात्रा के दौरान, डीजी/आरपीएफ ने आरपीएफ के बुनियादी संरचना का विस्तृत निरीक्षण किया और परिचालन प्रणालियों की समीक्षा की। उन्होंने पू. सी. रेलवे/ मुख्यालय में नवनिर्मित आरपीएफ कांफ्रेंस हॉल ‘मंथन’ में अपराध समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पू. सी. रेलवे के अपर महाप्रबंधक वी. बी. विश्वकर्मा, आरपीएफ के महानिरीक्षक/एनएफआर के. अरुल जोथी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में रेलवे सुरक्षा, अपराध रोकथाम, यात्री सुरक्षा और आरपीएफ संचालन के आधुनिकीकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। खुफिया जानकारी जुटाने को मजबूत करने, अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाने और बेहतर निगरानी एवं निरीक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर जोर दिया गया। डीजी ने परिचालन दक्षता को बढ़ाने और घटनाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ के उपयोग के लिए 10 नए चार पहिया वाहनों और 27 दो पहिया वाहनों का अनावरण किया। प्रभावी गश्त, अपराध स्थल तक तेजी से पहुंचने और आरपीएफ कर्मियों की बेहतर ऑन ग्राउंड उपस्थिति में सहायता के लिए इन वाहनों को जोन के प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। महानिदेशक ने अपने दौरे के दौरान आरपीएफ कर्मियों से बातचीत भी की और रेल नेटवर्क में सुरक्षा बनाए रखने में उनके समर्पण और प्रयासों की सराहना की। उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल को भारतीय रेलवे के सुरक्षा संरचना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रतिबद्धता और प्रोफेशनालिज़म के साथ अपना कार्य जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। दौरे के दौरान, मालीगांव स्थित सांस्कृतिक सभागार रंग भवन में एक सुरक्षा सम्मेलन का आयोजित किया गया, जहां डीजी/आरपीएफ ने आरपीएफ कर्मियों की एक बड़ी सभा को संबोधित किया। उन्होंने सुरक्षा बल के समक्ष आने वाली समस्याओं पर ध्यान दिया और आश्वासन दिया कि आरपीएफ कर्मियों का कल्याण और खुशहाली सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी। उन्होंने प्रभावी रेलवे सुरक्षा प्रदान करने में एक प्रेरित और बेहतर सहयोगी बल के महत्व पर जोर दिया और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खुली बातचीत को प्रोत्साहित किया। उक्त दौरे से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में यात्रियों, रेलवे परिसंपत्तियों और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी संरचना, प्रशिक्षण और सतर्कता के निरंतर उन्नयन के महत्व को बल मिला है। डीजी/आरपीएफ के निर्देशों को लागू करने और अपने सुरक्षा तंत्र की क्षमताओं और तत्परता को और अधिक बढ़ाने को पू. सी. रेलवे प्रतिबद्ध है।
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