April 14, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक के नर्सिंग होम में आया ‘भूचाल’!

सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में निजी नर्सिंग होमों के नीचे से धरती खिसकती सी प्रतीत हो रही है. राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग ने नर्सिंग होम को लेकर जैसी टिप्पणी की है, उसके बाद तो नर्सिंग होम के तोते उड़ गए हैं. नर्सिंग होम की की सेवा और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. क्या नर्सिंग होम केवल रोगियों की जेब पर डाका डालने के लिए ही होते हैं?

आप सभी सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक निजी नर्सिंग होम की सेवा से जरूर परिचित होंगे. कहीं ना कहीं हमारी यह धारणा बन चुकी है कि अगर जेब में पैसे हो तभी नर्सिंग होम में इलाज कराएं, क्योंकि यहां रोगी के आराम का ख्याल रखा जाता है. रोगी के रोग का नहीं. रोग के इलाज के नाम पर तरह-तरह के टेस्ट कराए जाते हैं और बिल बनाने का काम होता है.

यह बिल भी इतना बड़ा होता है कि कभी-कभी रोगी के रिश्तेदार बिल का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि गंभीर मामलों में रोगी की इलाज के दौरान मौत हो जाती है. लेकिन निजी नर्सिंग होम वाले रोगी के शव को तब तक रिश्तेदारों के हवाले नहीं करते, जब तक कि उनके बिल का भुगतान उनकी तरफ से नहीं कर दिया जाता है. इसे लेकर कई बार झमेले भी हुए हैं. पुलिस केस और कोर्ट कचहरी की भी नौबत आई है. सिलीगुड़ी में इस तरह के कई मामले सामने आए, जब मृतक के रिश्तेदारों को मृतक का शव नहीं सौपा गया, जब तक कि रिश्तेदारों के द्वारा उनके बिल का भुगतान नहीं कर दिया गया. राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग ने मरीज के परिजनों की शिकायत को सच माना है और इसे गंभीरता से लिया है.

राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों पर निजी नर्सिंग होम की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आयोग के अधिकारियों ने कहा है कि अगर इलाज के दौरान किसी मरीज की मौत हो जाती है तो उसके शव को निजी नर्सिंग होम ज्यादा देर तक रोक कर नहीं रख सकते. मृतक के परिजन या रिश्तेदार के पास बिल का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं होने पर भी निजी नर्सिंग होम मृतक के शव को उनके हवाले कर सकेंगे. मरीज के परिजनों और निजी नर्सिंग होम के बीच इस तरह के विवाद की शिकायत हर साल स्वास्थ्य नियामक आयोग के पास आती रहती थी. एक ही शिकायत रहती थी कि मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल पूरा बिल चुकता ना होने की स्थिति में शव को ले जाने नहीं देते हैं.

राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि बकाया बिल वसूलने के लिए मृतक के शव को रोक कर रखना गैर कानूनी होगा. आयोग के इस निर्देश के बाद सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक निजी नर्सिंग होम तिलमिला गए हैं.जो यह स्वाभाविक भी है. क्योंकि यह किसी से नहीं छुपा है कि निजी नर्सिंग होम मरीज का इलाज कम, मरीज की सुख सुविधा का ज्यादा ख्याल रखते हैं. मर्ज कोई भी हो, लेकिन टेस्ट पूरे बॉडी का करते हैं.कुछ टेस्ट तो ऐसे होते हैं, जिनकी कोई आवश्यकता नहीं होती. परंतु नर्सिंग होम को बिल तो बनाना ही है. ऐसे में टेस्ट ही बहाना होता है. आयोग ने निजी नर्सिंग होम के ऐसे तरीकों को गलत माना है और उन्हें चेतावनी दी है. आयोग के सचिव अरशद वारसी ने कहा है कि शव के मामले में कोई भी बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा.

आपको बता दें कि कुछ समय पहले बंगाल में प्रोग्रेसिव नर्सिंग होम एसोसिएशन के राज्य सम्मेलन में ऑल इंडिया नर्सिंग होम एसोसिएशन के चेयरमैन एच एम प्रसन्ना ने कहा था कि बंगाल के नर्सिंग होम में सेवा भाव की कमी है. अगर ऐसा नहीं होता तो बंगाल के मरीज को इलाज के लिए दक्षिण भारत का रुख नहीं करना पड़ता. उनकी यह टिप्पणी निराधार भी नहीं है. देखा भी जाता है कि सिलीगुड़ी और राज्य के किसी भी नर्सिंग होम में मरीज को भर्ती करने के बाद पहले ही दिन मरीज के इलाज के नाम पर सीटी स्कैन, MRI आदि टेस्ट कराए जाते हैं, जो कई बार अनावश्यक होता है. लेकिन इन सभी प्रक्रिया में मरीज के खाते में पहले ही दिन 50-60 हजार रुपए का बिल बना दिया जाता है. यह गलत है.

राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग के इस बड़े फैसले के बाद नर्सिंग होम प्रबंधन की ओर से सवाल किया जा रहा है कि अगर नर्सिंग होम स्वास्थ्य नियामक आयोग के फैसले को मान लें तो मरीज के परिजन अथवा रिश्तेदार बकाया भुगतान नहीं करने के बहाने करने लगेंगे और इससे नर्सिंग होम को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है. हालांकि राज्य स्वास्थ्य नियामक आयोग नर्सिंग होम की किसी भी टिप्पणी और तर्क को मानने के लिए तैयार नहीं है. अब देखना होगा कि नर्सिंग होम बदली हुई स्थितियों में क्या निर्णय लेते हैं? क्या वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे या फिर मानवता के आधार पर संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे?

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *