एक बार फिर से भूकंप ने डरा दिया है. आज देर शाम असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इससे पहले सिलीगुड़ी में भी कुछ दिन पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता बहुत कम थी. आज असम में आए भूकंप में रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है. भूकंप दिन के करीब 4:30 पर आया था.
सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में भूकंप आते रहते हैं. नेपाल भी भूकंप के केंद्र में रहता है. हालांकि सिलीगुड़ी में पिछले 10 सालों में भूकंप से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन असम अथवा पूर्वोत्तर राज्यों में आए भूकंप से सिलीगुड़ी भी प्रभावित होता रहा है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है.
खबरों में बताया गया है कि भूकंप का केंद्र कामरूप शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर था. लेकिन भूकंप के झटको से किसी तरह के जान माल की कोई हानि नहीं हुई है. आपको बताते चले कि असम में अब तक की सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप 15 अगस्त 1950 को आया था, जब भारत अपनी आजादी की तीसरी वर्षगांठ मना रहा था. इस समय पूर्वोत्तर असम व उसके आसपास के सीमावर्ती इलाकों में 8.6 तीव्रता का भूकंप आया था.
जहां तक सिलीगुड़ी की बात है, पिछले 10 सालों में सिलीगुड़ी के 300 किलोमीटर के भीतर चार या उससे ज्यादा तीव्रता वाले कुल 545 भूकंप आए हैं. एक अध्ययन में कहा गया है कि सिलीगुड़ी के आसपास 6 दिन में एक भूकंप आता ही है. 2015 में सिलीगुड़ी में आए भूकंप में 300 किलोमीटर के भीतर कुल 317 भूकंप दर्ज किए गए थे.सबसे शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 7.3 थी.
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र से मापा जाता है. इसको एपी सेंटर कहते हैं. 1 से 3 तक का भूकंप सामान्य होता है और इसका कोई असर नहीं होता. लेकिन 5, 6 और 7 तीव्रता वाला भूकंप माना जाता है. यह जितना अधिक तीव्र होगा, झटका उतना ही ज्यादा खतरनाक होता है.
1950 में असम में आए भूकंप में भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि नदियों ने अपना मार्ग बदल दिया. कई जगह डैम में दरार हो गई. पहाड़ी इलाकों में हुए भूस्खलन ने हिमालय की घाटियों को ब्लॉक कर दिया था. इसका असर पूरे असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पडा था. चाय बागान, खेत खलियान, शहर, गांव ,सड़क सब जगह बर्बादी का मंजर देखा गया था. इसी तरह की तबाही नेपाल में भी देखी गई थी. आज आए भूकंप में सिलीगुड़ी अथवा आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस नहीं किए गए हैं. लेकिन असम में लोगों ने भूकंप का झटका महसूस किया है.
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