फेसबुक और सोशल मीडिया का जमाना है. हर हाथ में मोबाइल है. व्हाट्सएप और फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आते रहते हैं. जानकार लोगों का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन कभी-कभी अनजान लोगों का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना काफी महंगा पड़ जाता है. पश्चिम बंगाल की एक महिला व्हाट्सएप पर एक अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करके 11लाख 53 हजार गंवा बैठी. कोलकाता के एक लोकप्रिय दैनिक प्रभात खबर में रानीगंज की यह घटना सुर्खियों में है.
आसनसोल के रानीगंज थाना अंतर्गत हिल बस्ती में रहने वाली एक महिला के मोबाइल के व्हाट्सएप नंबर पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट का मैसेज भेजा गया. महिला ने बिना सोचे समझे उक्त व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर लिया. रिक्वेस्ट भेजने वाले ने खुद को इंग्लैंड में रहने वाला एक चिकित्सक बताया. कुछ समय के बाद महिला और तथाकथित चिकित्सक की अच्छी दोस्ती हो गई. एक दिन चिकित्सक दोस्त ने रानीगंज की महिला मित्र को उसके जन्मदिन पर गिफ्ट भेजने की पेशकश की. चिकित्सक मित्र ने बताया कि उसके पास काफी पैसा है. लेकिन कोई सच्चा दोस्त नहीं है. इसलिए वह अपनी दोस्त को उसके जन्मदिन पर महंगा गिफ्ट भेजना चाहता है.
महिला ने चिकित्सक मित्र की पेशकश को स्वीकार कर लिया. इसके बाद चिकित्सक मित्र ने महिला के लिए लेटेस्ट आईफोन, जेवरात, कपड़े आदि महंगी वस्तुएं पार्सल के जरिए भेज दी. एक दिन महिला के मोबाइल पर खुद का परिचय दिल्ली एयरपोर्ट का एक कस्टम अधिकारी बता कर किसी ने फोन किया. उसने कहा कि इंग्लैंड से उनके नाम पर जो पार्सल आया है, उस पर कस्टम ड्यूटी देनी होगी. इसके बाद महिला ने चिकित्सक मित्र को फोन किया और सारी बात बता दी. चिकित्सक मित्र ने कहा कि यह नियमानुसार है.
महिला को प्रभावित करने के लिए उस तथाकथित चिकित्सक व्यक्ति ने उन सामानों की लिस्ट भेज दी, जिसकी चर्चा की जा चुकी है. यह पूरा सामान लगभग 70 से 75 लाख रुपए का था. महिला भी प्रलोभन में आ गई. उसने कस्टम ड्यूटी के नाम पर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद तुरंत ही इनकम टैक्स अधिकारी का भी फोन आ गया. उसके बाद महिला ने इनकम टैक्स अधिकारी को भी पैसे का भुगतान कर दिया.
फिर कुछ समय के बाद महिला के नंबर पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले व्यक्ति का भी फोन आया. इस तरह से महिला के खाते से पार्सल रिसीव करने की प्रक्रिया में 11 लाख और 53 हजार रुपए का चूना लग चुका था. अब तक महिला के बैंक अकाउंट भी खाली हो चुके थे. इसलिए उसने चिकित्सक मित्र को फोन करके कहा कि अब उसके पास पैसे नहीं है. इतना सुनते ही चिकित्सक मित्र ने महिला का फोन काट दिया. इसके बाद तो चिकित्सक मित्र का फोन ही बंद हो गया.
अब तक महिला की समझ में आ चुका था कि वह किसी साइबर जाल में गिरफ्तार हो चुकी है. उसे यह भी समझ में आ गया था कि चिकित्सक बनकर पार्सल भेजने वाला व्यक्ति ही असली लुटेरा था तथा उसके इशारे पर ही यह सारा ड्रामा खेला जा रहा था. परिचितों के कहने पर महिला साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराने पहुंची. उसके आवेदन के आधार पर साइबर अपराध थाने की पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 419, 420, 406, 120 बी के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
इस घटना के जरिए खबर समय अपने दर्शकों को सचेत करना चाहता है. किसी भी अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते समय पूरी सतर्कता रखें. किसी भी प्रकार के लालच अथवा अंग प्रदर्शन करने जैसा कार्य न करें. किसी भी प्रकार की जानकारी होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें.
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