पुलिस के लिए जैसे आराम हराम है. पुलिस जागती है तभी लोग चैन से अपने घरों में सोते हैं. उन्हें साल में बहुत कम छुट्टियां मिलती है. बंगाल पुलिस को तो सबसे कम छुट्टी मिलती है और दुर्गा पूजा के दौरान तो उन्हें छुट्टी ही नहीं मिलती. इस समय उनकी भाग दौड़ बढ़ जाती है. शहर में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए और असामाजिक तत्वों की धर पकड़, नागरिक सेवा और शांति स्थापना के लिए पुलिस को अपना सुख त्याग कर समाज की सेवा में जुट जाना पड़ता है.
कल कारखानों अथवा दुकानों में मेहनत मजदूरी करने वाले अथवा दफ्तरों में काम करने वाले लोग छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं. तीज त्यौहारों में लोग अपने मालिकों से छुट्टी की उम्मीद लगाए रहते हैं और उन्हें छुट्टी मिल भी जाती है. त्यौहार को परिवार के बीच रहकर एंजॉय करने का अपना ही आनंद होता है.कौन नहीं चाहता कि वह अपने परिवार, अपने लोगों के बीच रहकर त्यौहार और छुट्टियों का आनंद न उठाए. पर सभी के नसीब ऐसे नहीं होते. खासकर देश की सरहदों पर तैनात सैनिक और कानून एवं व्यवस्था के रखवालो के नसीब में शायद यह सब नहीं होता.
वे समाज और राष्ट्र की रक्षा करने के लिए पैदा होते हैं. पुलिस और सेना में नौकरी करने वाले लोगों के लिए देश और समाज ही परिवार होता है. उनकी छुट्टियां कैंसिल कर दी जाती है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह समाज व राष्ट्र की सेवा करें तथा कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करें. हमारी पश्चिम बंगाल पुलिस भी इसी श्रेणी में आती है. पश्चिम बंगाल सरकार ने एक आदेश जारी कर दुर्गा पूजा से लेकर छठ पूजा तक पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है. केवल आपातकालीन स्थितियों में ही उन्हें छुट्टी दी जा सकती है. अधिसूचना के अनुसार किसी भी पुलिसकर्मी को 1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक छुट्टी नहीं लेने का आदेश दिया गया है.
सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में दुर्गा पूजा शुरू होने वाली है. 2 अक्टूबर को महालया है. महालया से दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाएगी. इसके बाद लखी पूजा, दिवाली, जगाधत्री पूजा और आखिर में छठ पूजा तक उत्सव बना रहता है. इस दौरान लोगों की भीड़भाड़ बढ़ जाती है. ऐसे में उनकी सुरक्षा के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस कर्मियों को त्यौहारों के दौरान छुट्टी ना लेने का आदेश जारी कर दिया है. राज्य सचिवालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस और सभी पुलिस कमिश्नरेट में सेवारत पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है.
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आपातकालीन स्थिति को छोड़कर किसी भी पुलिसकर्मी को 1 अक्टूबर से लेकर 8 नवंबर तक छुट्टी नहीं मिलेगी. आमतौर पर दुर्गा पूजा से लेकर काली पूजा और छठ पूजा तक बंगाल में अत्यधिक भीड़भाड़ बढ़ जाती है. यहां की दुर्गा पूजा को देखने के लिए दूर-दूराज के राज्यों से लोग आते हैं. ऐसे में लोगों की सुरक्षा करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. लोगों की सुरक्षा करने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी बढ़ा दी जाती है. ताकि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनी रहे, ऐसे में पुलिस कर्मियों को नागरिक सुरक्षा के प्रति समर्पित रहना जरूरी होता है.
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