September 16, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सोमवार से आप कहीं से भी दर्ज करवा सकेंगे थाने में शिकायत!

1 जुलाई से देश में तीन नए कानून लागू हो रहे हैं. यह तीन नए कानून हैं भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023.तीन नए कानून फरियादी को कहीं से भी थाने में शिकायत दर्ज करवाने का अवसर प्रदान करते हैं. इसके अलावा शीघ्र न्याय की उम्मीद भी बढ़ गई है. नये कानून का स्वागत करने के लिए पुलिस के डिजिटल सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है.

नए कानून की खास बात यह है कि पुलिस आपकी शिकायत को दर्ज करने में आनाकानी नहीं करेगी. ना ही पुलिस घटनास्थल देखकर थाने के बंटवारे की बात करेगी, जो अब तक देखा जा रहा था. उदाहरण के लिए जलपाई मोड़ इलाके में कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी शिकायत या तो सिलीगुड़ी थाने में अथवा खालपाड़ा पुलिस चौकी में ही दर्ज कराई जाती है. अब जलपाई मोड की घटना की शिकायत भक्ति नगर अथवा प्रधान नगर थाने में भी दर्ज करा सकते हैं अथवा राज्य के किसी भी अन्य थाने में.

थाने में कंप्यूटर सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है. कंप्यूटर पर हमेशा एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी रहेगी जो ई मेल को चेक करता रहेगा और किसी महत्वपूर्ण सूचना पर शीघ्र कार्रवाई करने के लिए वह संबंधित अधिकारियों को फॉरवर्ड करता रहेगा. अब तक ऐसा होता है कि अगर आप किसी मामले की शिकायत करने थाने में जाते हैं तो आमतौर पर थाना प्रभारी अथवा थाना के कर्मचारी आपकी शिकायत की प्राथमिकी सूचना इसलिए दर्ज करना पसंद नहीं करते कि एक और नए मामले में उन्हें भाग दौड़ करनी होगी. कभी-कभी ऐसा भी हुआ है कि थाने के अधिकार को लेकर घटना की सूचना रिपोर्ट दो थानों के बीच फंसकर अधर में रह जाती है. लेकिन नए कानून बन जाने से अब यह नौबत नहीं आएगी. इसको शून्य fir से जोड़ा गया है.

नये कानून को अमली जामा पहनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी थानों को तकनीकी रूप से जोड़ा व दुरुस्त किया जा सके. सभी थानों का ईमेल आईडी एक्टिव रहना जरूरी है. इसके अलावा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का भी ईमेल आईडी होना चाहिए. फरियादी किसी भी पुलिस अधिकारी के ईमेल आईडी पर भी शिकायत या प्राथमिकी दर्ज करवा सकता है. पुलिस के लोगों को प्रशिक्षण की भी जरूरत पड़ सकती है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और जानकारों के अनुसार नये कानून की मूल भावना तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करके यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी स्थिति में वादी का उत्पीड़न ना हो तथा कोई भी निर्दोष व्यक्ति दंडित ना हो.

नए कानून में फॉरेंसिक साक्ष्य का उपयोग भी अधिक से अधिक सुनिश्चित कराया जा सकेगा. पीड़ित व्यक्ति को 90 दिन के भीतर मुकदमे की प्रगति जानने का अधिकार होगा. नए कानून में दुष्कर्म तथा पोक्सो एक्ट के मामलों में जांच 2 महीने के भीतर पूरी करने की व्यवस्था की गई है. नए कानून के अनुसार तलाशी अथवा जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा 7 साल अथवा उससे अधिक की सजा वाले मामलों में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ को घटनास्थल पर जाना होगा.

नए कानून के अनुसार अगर आप किसी चोर या अपराधी को पकड़ते हैं तो 6 घंटे के भीतर ही उसे पुलिस के हवाले करने की जरूरत होगी. FiR की प्रति पीड़ित व्यक्ति को भी मुफ्त में प्रदान की जाएगी. और भी कई नई बातें हैं. एक शब्द में कहा जाए तो नए कानून से शीघ्र न्याय की उम्मीद बढी है और फरियादी की शिकायत दर्ज करने में सुविधा भी हो सकेगी.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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