एक समय का गिनती का घरेलू बागडोगरा एयरपोर्ट अब अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन चुका है. किसी ने सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी घरेलू हवाई अड्डा के दिन फिर जाएंगे. कभी इस हवाई अड्डे पर एकाध घरेलू छोटे विमान ही उड़ान भरते थे. रात में तो यहां सन्नाटा पसरा रहता था. हवाई अड्डे के पास ही कुत्ते भोंकते थे. लेकिन अब बहुत जल्द यहां से घरेलू ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा भी शुरू हो जाएगी. दिन और रात बराबर हो जाएगा. उत्तर बंगाल, बिहार और सिक्किम से काफी लोग विदेशों में जाते हैं. उन सभी का सपना साकार होने जा रहा है.
बागडोगरा एयरपोर्ट से देश के कोने-कोने में आप हवाई यात्रा कर सकते हैं. इसके अलावा यहां से सीधे विदेश की यात्रा भी कर सकते हैं. वह समय आ चुका है और अब तकनीकी काम भी शुरू हो गया है. मात्र ढाई साल में ही यह संभव होने जा रहा है. आज राज्य के मुख्य सचिव ने एक संवाददाता सम्मेलन में बागडोगरा एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन निर्माण के टेंडर को अंतिम रूप दिए जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बोली लगाने वालों को टेंडर का काम सौंप दिया गया है.
लोकसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सरकार और राजनीतिक दल विकास के कार्य शुरू कर देते हैं. क्योंकि उन्हें जनता को रिझाना होता है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस की सरकार जनता को प्रभावित करने के लिए विकास के कार्य कर रही है, तो दूसरी ओर केंद्र सरकार के अधीन बागडोगरा एयरपोर्ट के प्रस्तावित तकनीकी कार्यों में भी तेजी आई है. बागडोगरा एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन के यांत्रिकी निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
बागडोगरा एयरपोर्ट राज्य में कोलकाता के बाद दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. यह हवाई अड्डा उत्तर बंगाल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. एकमात्र हवाई अड्डा होने के कारण यहां यात्रियों की हमेशा भीड़ रहती है. बागडोगरा हवाई अड्डे से यात्री देश के दूसरे बड़े नगरों में हवाई यात्रा करते हैं. यहां सिक्किम, दार्जिलिंग, कालिमपोंग और उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों से हवाई यात्री आते हैं. इसे दार्जिलिंग, कालिमपोंग और गंगतोक का गेटवे भी कहा जाता है.
वर्तमान में बागडोगरा हवाई अड्डा की कैपेसिटी यात्रियों की संख्या के मुकाबले बहुत कम है. ऐसे में इस हवाई अड्डे के विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही है. काफी समय पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार और नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी थी. काम लगभग पूरा हो चुका है. अभियांत्रिकी काम अब शुरू हो रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए तकनीकी टेंडर जारी किया गया है.
देश की चार बड़ी कंपनियों ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया द्वारा तय किए गए मानक और डिजाइन के अनुसार नए टर्मिनल भवन के निर्माण में दिलचस्पी दिखाई है.यह कंपनियां हैं अहलूवालिया कांट्रैक्ट्स इंडिया लिमिटेड ,आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड और एनसीसी लिमिटेड.इनके द्वारा प्रपत्र भरकर भेजे गए हैं. उनके प्रपत्रों को तकनीकी इवैल्यूएशन के लिए भेज दिया गया है. इसमें 2 महीने का समय लग सकता है.
वर्तमान में बागडोगरा एयरपोर्ट का टर्मिनल 8000 स्क्वायर मीटर में है और इसकी क्षमता पीक आवर में 400 यात्रियों की है. लेकिन जब नया टर्मिनल तैयार हो जाएगा तो इसकी क्षमता 1 लाख स्क्वायर मीटर में होगी यानी 50000 स्क्वायर मीटर फेज वन में दिखेगा. इस तरह से नया टर्मिनल पीक आवर में 3800 यात्रियों की क्षमता को वहन करने में समर्थ होगा. अभी पीक आवर में 2800 से 3000 तक यात्री इस एयरपोर्ट पर सफर करते हैं.
नए टर्मिनल के निर्माण में 913 दिन यानी लगभग ढाई साल लगेगा. और इस पर 960. 45 करोड रुपए खर्च होंगे. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने सितंबर 2023 में ही निविदा आमंत्रित किया था. अब तक चार कंपनियों ने ही तकनीकी निर्माण में दिलचस्पी दिखाई है. जब यह टर्मिनल बनकर तैयार होगा तो बागडोगरा हवाई अड्डा का लुक ही बदल जाएगा.
वर्तमान में स्पेस कम होने के कारण यहां विमान की संख्या सीमित रहती है. जब नया टर्मिनल तैयार हो जाएगा तो स्पेस काफी बढ़ेगा. यहां मल्टी लेवल कार पार्किंग भी होगी. इसके अलावा एरो ब्रिज की कैपेसिटी भी होगी. फैज एक में ही छह एयरोब्रिज होंगे. यहां एक साथ 16 एयरक्राफ्ट उतारे जा सकते हैं. अथवा टेक ऑफ किये जा सकते हैं. यात्रियों को यहां सभी प्रकार की सुविधा मिलेगी. तो इंतजार कीजिए. जल्द ही यह सपना साकार होने जा रहा है.