March 13, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

आपने रिक्शा की सवारी की है?सिलिगुड़ी में विलुप्त के कगार में पहुंचा रिक्शा !

रिक्शा का अस्तित्व शायद सिलीगुड़ी से भारत तक फैला हुआ है और एक समय ऐसा भी था जब रिक्शा इतना विख्यात था कि, रिक्शा चालक पर कई फिल्म बनी और हिट भी हो गई , जैसे कुंवारा बाप एवरग्रीन फिल्म जिसमें महमूद ने एक रिक्शा चालक का किरदार निभाया था और हमेशा हास्यास्पद किरदार निभाने वाले महमूद ने इस फिल्म में ऐसा अभिनय किया की सब को रोने पर मजबूर कर दिया | रातों-रात महमूद इस फिल्म से सुपरस्टार बन गए थे | उस फिल्म में महमूद ने एक रिक्शा चालक का किरदार निभाया था और उनका वह किरदार लोगों के दिलों को छू गया ,लोग उस किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ गए और रिक्शा भी शायद सिलीगुड़ी से भावनात्मक रूप हुआ है , कुछ वर्षो पहले तक भी सिलीगुड़ी की संकरी सड़कों पर और गली मोहल्ले में रोज रिक्शा की आवाजाही ही होती थी, क्योंकि सड़कों से दूर दराज रहने वाले लोगों के लिए एकमात्र विकल्प रिक्शा ही था |

लेकिन जैसे ही टोटो की धमाकेदार एंट्री हुई सड़कों से रिक्शा गायब होने लगा | धीरे-धीरे रिक्शा के बाद टोटो लोगों की पसंदीदा सवारी बनने लगी, क्योंकि पतली सड़कों पर भी टोटो तेजी से और वातावरण को बिना नुकसान पहुंचाए यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचा देती है और लोगों को कई तरह की सुविधा भी मिलती है, जिसमें टोटो में चार यात्री सवार हो सकते हैं तो वही रिक्शा में दो, भारी भरकम सवारी के लिए तो रिक्शा में दो लोगों के लिए भी जगह नहीं बचती,शायद इन्हीं कारणों की वजह से अब रिक्शा भी कम हो चुके हैं, जहां पहले सड़कों में रिक्शों की लाइन लगी रहती थी, अब एक्का दुक्का रिक्शा ही नजर आते हैं |

सिलीगुड़ी के अस्तित्व से जुड़ा रिक्शा अब समय के साथ विलुप्त होता जा रहा है, वहीं रिक्शा के विलुप्त होने में कहीं ना कहीं दो पहिया और चार पहियों की बढ़ती तादाद भी है, क्योंकि जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ी वैसे-वैसे लोग अपनी सुविधा अनुसार सवारियां ढूंढने लगे और दो पहिया चार पहिया वाहन रिक्शा के विकल्प के रूप में उभर कर सामने आएं, जैसे-जैसे वाहनों और टोटो की तादाद बढ़ रही है वैसे-वैसे रिक्शा दिखने कम होने लगे हैं, बीते समय में सिलीगुड़ी के सड़कों में ही हजारों की तादाद में रिक्शा चलाने वाले चालक आखिर कहां गए ? क्या वे बेरोजगार हो गए ? शायद इन सवालों के जवाब ढूंढना मुश्किल है, क्योंकि आधुनिक शहर में इंसानों द्वारा चलाई जाने वाली धीमी गति से चलने वाली इस रिक्शा की अब सिलीगुड़ी शहर को जरूरत नहीं रही |

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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