आज कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक समुदाय विशेष की मौलानाओं की सभा में ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा से लेकर वक्फ अधिनियम, हिंदुओं के पलायन आदि मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण और सफाई रखते हुए हिंदू मुस्लिम एकता की बात की और केंद्र पर हिंसा को उकसाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के शीर्ष नेताओं पर जमकर प्रहार किया. ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद और राज्य के कई क्षेत्रों में हिंसा भड़काने में भाजपा का ही हाथ है.
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्ष के निशाने पर आ चुकी हैं.भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुकी है और हिंसा के लिए ममता बनर्जी को ही जिम्मेवार ठहराया है. आज ममता बनर्जी ने खूब पलटवार किया और एक समुदाय विशेष की वाहवाही लूटी. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं हर साल ईद पर नमाज पढ़ने रेड रोड पर जाती हूं. उनके इसी बयान ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है, जिसकी आज बंगाल से लेकर दिल्ली तक खूब चर्चा हो रही है.
ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपने प्रदेश में हिंदू मुस्लिम नहीं होने देंगे. यहां हिंदू मुस्लिम सिख और इसाई सब भाई-भाई हैं. भारतीय जनता पार्टी यहां का माहौल खराब कर रही है. वह बंगाल में ध्रुवीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि हम सर्व धर्म समभाव में विश्वास करते हैं. मैं रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद में विश्वास करती हूं. उन्होंने सभा में लोगों से आग्रह किया कि वे भाजपा के किसी भी बयान से उत्तेजित न हो और बंगाल में अशांति उत्पन्न ना होने दें.
ममता बनर्जी ने आज मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा कि मीडिया के लोग मेरे पीठ पीछे बात करते हैं और बंगाल के खिलाफ जहर उगलते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मीडिया के अनेक चैनलों को फंडिंग किया है, जो बंगाल का फर्जी वीडियो दिखाते हैं और बंगाल को बदनाम करते हैं. उन्होंने यूपी, बिहार ,कर्नाटक और राजस्थान के आठ वीडियो दिखाए. उन्होंने कहा कि टीएमसी हिंसा में कभी शामिल ही नहीं थी. अगर उनकी पार्टी हिंसा के लिए जिम्मेदार होती तो टीएमसी नेताओं के घरों को निशाना नहीं बनाया जाता. ममता बनर्जी ने कहा कि जब मैं बंगाल में वक्फ कानून को लागू होने नहीं दूंगी तो मुस्लिम समुदाय को चिंता करने की क्या जरूरत है! उन्होंने लोगों से शांति की अपील की है.
आज वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मुस्लिम के कुछ धर्म गुरुओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने मुख्यमंत्री से वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की अपील की. इसके बाद ही ममता बनर्जी भाजपा और केंद्र सरकार पर पलटवार करती नजर आई. उधर सुप्रीम कोर्ट में आज नए वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई. सुप्रीम कोर्ट में 73 याचिकाएं दायर की गई है, जिनमें से 10 याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई. इन याचिकाओं में दावा किया गया है कि संशोधित कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों का प्रबंध असामान्य ढंग से किया जाएगा और यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच कर रही है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी है कि वक्फ संशोधन बिल पर विमर्श के लिए जेपीसी का गठन किया गया था. जबकि कानून के खिलाफ तर्क देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा है कि पहले केवल मुस्लिम ही बोर्ड का हिस्सा हो सकते थे. लेकिन अब हिंदू भी इसका हिस्सा होंगे.जबकि आर्टिकल 26 कहता है कि सभी सदस्य मुस्लिम ही होंगे. संजीव खन्ना ने कहा कि हिंदुओं के मामले में सरकार ने कानून बनाया है. संसद ने मुसलमानों के लिए भी कानून बनाया है. आर्टिकल 26 धर्मनिरपेक्ष है. यह सभी समुदाय पर लागू होता है.