सिलीगुड़ी समेत दार्जिलिंग जिले में होगी भारी बारिश… पहाड़ में बढा भूस्खलन का खतरा… उत्तर बंगाल के कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट! समतल और मैदानी भागों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. कालिमपोंग में भारी वर्षा और आंधी चलने का अनुमान… जलपाईगुड़ी जिले में निचले इलाकों में जल भराव हो सकता है… जबकि अलीपुरद्वार जिले में नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि हो सकती है.
पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के प्रभाव से उत्तर बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है. सबसे ज्यादा पहाड़ी इलाकों में नुकसान हो सकता है. क्योंकि पहाड़ के लिए भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा तेज हवाएं चल सकती हैं. हवाओं की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है. आज से लेकर कल तक दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कालिमपोंग ,अलीपुरद्वार, कूचबिहार, उत्तर दिनाजपुर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है.
भारतीय मौसम वैज्ञानिक गोपीनाथ राहा बताते हैं कि इस समय दक्षिण पश्चिम मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पश्चिम बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र में ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है, जो समुद्र तल से 7.3 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है. इसके कारण बंगाल की उत्तरी खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. यह पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ेगा.
इसके कारण ही उत्तर बंगाल के कई जिलों में भारी वर्षा, बिजली चमकने, भूस्खलन और तूफान का खतरा बना रह सकता है. मिली जानकारी के अनुसार इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. कई इलाकों में बिजली भी गिर सकती है. उत्तर बंगाल के कई जिलों में कुछ स्थानों पर 7 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है. इसके चलते उत्तर बंगाल में बहने वाली कई नदियों का जलस्तर एकदम से बढ़ सकता है.
सिलीगुड़ी से लेकर मालदा, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार आदि जिलों में निचले इलाकों में जल भराव की भी चेतावनी जारी की गई है. प्रशासन अभी से ही इन इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के प्रयास में जुट गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नदी नालों में भराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.जलपाईगुड़ी के कई निचले इलाकों में जल भराव से जन जीवन ठप्प हो सकता है. कालिमपोंग में भारी वर्षा और आंधी चलने का अनुमान लगाया गया है.
मौसम विभाग के अनुसार तीस्ता और सहायक नदियों के जल स्तर में भारी वृद्धि हो सकती है. जिसके चलते निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.भारतीय मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया है. इसके बाद स्थानीय प्रशासन लोगों की सुरक्षा और बाढ़ से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गया है.
इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि जब आवश्यक हो, तभी घर से बाहर निकले. लेकिन अगर बिजली चमकने, गरजने अथवा गिरने की आशंका हो तो खुले क्षेत्र में ना जाएं इसके अलावा वृक्ष, कच्चे मकान आदि के नजदीक जाने से बचे. ऐसे मकान के आगे भी न छिपे जो पूरी तरह जर्जर हो. क्योंकि तेज आंधी में मकान धराशाई हो सकता है. बिजली ख॔भो के पास भूलकर भी खड़े ना हो.किसानों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है. किसानों को फसलों की सुरक्षा से लेकर जल निकासी की व्यवस्था करने को कहा गया है.
अब देखना होगा कि मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी कितना सच साबित होती है.लेकिन वर्तमान में बारिश सब जगह हो रही है.ऐसे में भारी बारिश कई आपदाओं को जन्म दे सकती है.
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