December 6, 2025
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट! बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद बढी!

High alert on the India-Bangladesh border! Number of Bangladeshi infiltrators on the rise!

जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल में एस आई आर का काम समापन की ओर बढ़ रहा है, बांग्लादेशी घुसपैठियों के बांग्लादेश भागने की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. बंगाल से लगती बांग्लादेश की विभिन्न सीमाओं पर घुसपैठियों का रेला देखा जा रहा है. सीमा सुरक्षा बल के जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं और घुसपैठियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं.

बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए बॉर्डर पर हाईटेक उपाय किए गए हैं. सीमा सुरक्षा बल के जवान और अधिकारी भरसक प्रयास कर रहे हैं कि एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया चोरी छुपे भाग नहीं सके. बांग्लादेश से बाकायदा उनकी पहचान साबित करने के बाद ही उन्हें वापस भेजा जा रहा है. किसी भी बांग्लादेशी घुसपैठिए को पीड़ित नहीं किया जा रहा है. लेकिन उनमें से कोई अपराधी अथवा आतंकवादी नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के बाद ही भारतीय सीमा सुरक्षा बल उन्हें बांग्लादेश भेज रहा है.

सूत्र बता रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है. सीमा सुरक्षा बल के खुफिया सूत्र भी कुछ इसी बात की ओर संकेत कर रहे हैं. यही कारण है कि सीमा सुरक्षा बल भारत बांग्लादेश सीमा पर हाई सुरक्षा अलर्ट कर रखा है और इस तरह की यहां सुरक्षा व्यवस्था बढाई गई है ताकि किसी भी तरह की अवैध घुसपैठ को रोका जा सके.

बांग्लादेश भागने वाले घुसपैठियों का सीमा पर पूरा लेखा जोखा रखा जा रहा है. उनकी फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम के द्वारा जांच की जा रही है कि कहीं वे अपराधी प्रवृत्ति के तो नहीं हैं या कोई अपराध करके भाग तो नहीं रहे हैं. बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी इसकी तस्दीक करके ही उन्हें सीमा पार जाने की अनुमति देते हैं. बदले हालात में बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद बढ़ने के बाद सीमा पर कड़ी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है.भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी की ओर से पहले से ही कहा जाता रहा है कि बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठिए अत्यधिक हैं. अब SIR होने से वह वापस बांग्लादेश जा रहे हैं. टीएमसी की ओर से कहा जा रहा है कि एस आई आर को सही ठहराने के लिए बीजेपी का रचा गया यह नाटक है.

उधर सीमा सुरक्षा बल ने भी माना है कि यह सच है कि पिछले साल 45 बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पलायन किया था. लेकिन इस साल केवल तीन-चार महीने में ही 186 बांग्लादेशी घुसपैठिए सामने आए हैं. सूत्रों के अनुसार उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है. इस महीने और अगले महीने तक बांग्लादेशी घुसपैठियों का पलायन जारी रह सकता है. बांग्लादेशी घुसपैठियों के बंगाल छोड़ने के कई सबूत भी मिल रहे हैं. जैसे श्रमिक मजदूरों का अभाव देखा जा रहा है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन का काम भी रुका हुआ है. एक अध्ययन से पता चलता है कि सिलीगुड़ी में मजदूरी के काम में ज्यादातर बांग्लादेशी घुसपैठिए ही लगे हुए थे. अब वे वापस बांग्लादेश चले गए हैं.

हालांकि सीमा सुरक्षा बल, उत्तर बंगाल के आईजी मुकेश त्यागी इस बात से इनकार करते हैं कि ऐसा केवल एस आई आर के कारण ही हुआ है. वे सीमा सुरक्षा बल के 60 वें स्थापना दिवस के अवसर पर बोल रहे थे और पत्रकारों को बता रहे थे कि सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की ओर से किस तरह की तैयारी की जा रही है ताकि घुसपैठिए भाग नहीं सके. इसके अलावा पूर्व में बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए बदले हालात में ऐसा करने में सक्षम नहीं हो रहे हैं. क्योंकि सीमा की सुरक्षा हाईटेक कर दी गई है.

सूत्र बता रहे हैं कि भारत बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के हाईटेक उपाय के पीछे के कारणों में एक कारण एस आई आर भी है, जिसके कारण बांग्लादेशी घुसपैठिए मजबूर होकर बांग्लादेश लौट रहे हैं. मुकेश त्यागी ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बॉर्डर पर सम्मान के साथ बांग्लादेश भेजा जा रहा है. लेकिन उससे पहले उनके बारे में बांग्लादेश से संपूर्ण जानकारी जुटायी जाती है और जब तक उनकी पहचान साबित नहीं हो जाती, उन्हें बांग्लादेश नहीं भेजा जाता है.

इस समय बॉर्डर पर सुरक्षा के हाईटेक उपायों में नई अत्याधुनिक फेंसिंग NDF लगाया जाना,पुरानी फेंसिंग की जगह नई फेंसिंग की व्यवस्था, नाइट विजन कैमरा, बुलेट कैमरा, ड्रोन के जरिए निगरानी इत्यादि तमाम तरह की उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं. ऐसे में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिया अवैध रूप से अथवा चोरी छिपे सीमा पार नहीं कर सकता. मुकेश त्यागी ने बताया कि पहले जहां बॉर्डर पर फेंसिंग 8 मीटर ऊंची होती थी, अब वहां 12 फीट ऊंची फेंसिंग लगा दी गई है, जिसे काटना आसान नहीं होगा. जबकि 8 मीटर ऊंचाई वाली फेंसिंग को काटना आसान होता है और बांग्लादेशी घुसपैठिए इस कार्य को आसानी से कर लेते थे.

बहरहाल यह देखना होगा कि भारत बांग्लादेश सीमा पर आने वाले समय में बांग्लादेशी घुसपैठिए, जो अपनी मर्जी से बांग्लादेश जाना चाहते हैं, की वास्तविक संख्या क्या सामने आती है और यह भी कि सीमा सुरक्षा बल ने इस चुनौती से निबटने के लिए किस तरह की तैयारी कर रखी है.

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