थम गया पहाड़ श्रमिकों ने आज हमेशा चला चल रहने वाले पहाड़ को भी रुकने पर मजबूर कर दिया । इतिहास गवाह है जब-जब श्रमिकों अपने हक के लिए आवाज उठाई है ,तब तब नया इतिहास रचा है । आज फिर बोनस की मांग में चाय श्रमिकों ने अपने आवाज को बुलंद करते हुए 12 घंटे पहाड़ बंद का आह्वान किया है । चाय बागान श्रमिकों द्वारा लगातार 20% बोनस की मांग की जा रही है और कई दिनों से बोनस की मांग को लेकर पहाड़ व चाय बागान क्षेत्रों में तनाव का माहौल बना हुआ है । 20% बोनस को लेकर लगातार बैठक किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसका उचित हल नहीं निकल पाया है । श्रमिकों ने साफ तौर पर कह दिया है कि, 20% से काम में वे नहीं मानेंगे, क्योंकि यह उनका अधिकार है ।
देखा जाए तो यह वही श्रमिक है जो सर्दी, गर्मी बारिश सभी को अनदेखा कर साल भर चाय बागानों में काम करते हैं और पूजा के समय यदि उनको अपना हक ना मिले तो उनका विरोध करना भी लाजमी है । जब बोनस की मांग में लगातार बैठक के बाद भी कोई हल ना निकला तो आज मजबूरन 20% बोनस की मांग को केंद्र करते हुए 8 ट्रेड यूनियन ने संयुक्त रूप से 12 घंटे पहाड़ बंद का आह्वान किया है। इस बंद का व्यापक असर भी दिख रहा है । पहाड़ों में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है और सोनादा से भी खबरें मिल रही है कि, वहां वाहनों को रोका जा रहा है और बंद के समर्थन में पहाड़ में बाजार हाट भी पूरी तरह बंद है । देखा जाए तो कुछ दिनों बाद ही दुर्गा पूजा शुरू होने वाली है और पूजा सीजन में ही पर्यटकों से पहाड़ गुलजार होता है और इस तरह की बंद से कहीं ना कहीं व्यापारियों को भी नुकसान पहुंच रहा है, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान भी पहुंच सकता है । आज फिर से श्रमिकों ने एक जुट होकर अपने एकता को प्रदर्शित करने की कोशिश की है और इस कोशिश से उनके मांग में कितना असर पड़ता है, इसका फैसला होना बाकी है ।
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