दार्जिलिंग पहाड़, तराई और Dooars और इस तरह से चिकन नेक सिलीगुड़ी गलियारे के लिए SSB काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है. SSB खुले इंडिया भूटान और इंडिया नेपाल बॉर्डर की रखवाली इस प्रकार करता है कि एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता!
आज सिलीगुड़ी के नजदीक रानीडांगा में SSB का 61 वा स्थापना दिवस धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया. उन्होंने सशस्त्र सीमा बल के परेड कार्यक्रम में भाग लेकर जवानों की सलामी ली तथा उनका हौसला अफजाई किया. समारोह में स्वास्थ्य, सुरक्षा, राष्ट्रीयता और देशभक्ति से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. समारोह का आकर्षण आनंद मठ में उल्लेखित भारत मां की वंदना पर आधारित योग था.
परेड की सलामी लेने के बाद मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सशस्त्र सीमा बल के त्याग, सेवा और दायित्व की चर्चा करते हुए कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही सशस्त्र सीमा बल ने विभिन्न क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय कार्य किए. उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल केवल सीमा की ही रखवाली नहीं करता, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, प्रशिक्षण, प्रेम, मित्रता, सहयोग स्थापित करने के अलावा रोजगार के क्षेत्र में भी इच्छुक व्यक्तियों का सहयोग करता है. उन्होंने कहा कि आपदा के समय में सशस्त्र सीमा बल बढ़ चढ़कर भाग लेता है और पीड़ित लोगों की सहायता करता है.
अमित शाह ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल ने कई केंद्रीय भूमिकाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है. पहले सशस्त्र सीमा बल के जवान सीमांत गांव के लोगों की भाषाई तथा अन्य समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने का प्रयास करते थे. सीमा बल के जवानों ने सीमांत गांव के स्त्री पुरुष तथा जरूरतमंद लोगों की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया और उन्हें एकजुट रखने में सहायता की. बाद में सशस्त्र सीमा बल को सीमा सुरक्षा से जोड़ दिया गया.
अमित शाह ने एस एस बी के त्याग और बलिदान की भी चर्चा की. उन्होंने सशस्त्र सीमा बल के 61 वें स्थापना दिवस पर जवानों को बधाई दी और कहा कि बंद सीमा पर काम करना बहुत आसान होता है. लेकिन जब सीमा खुली हो तो वहां जवानों को बहुत सतर्क होकर पूरी मुस्तैदी के साथ काम करना पड़ता है. यह अत्यंत कठिन और जटिल काम है. उन्होंने कहा कि एसएसबी के जवान नेपाल और भूटान की सीमा पर हर पल चौकसी रखते हैं. उन्होंने बताया कि नेपाल और भूटान की कुल 2450 किलोमीटर की सीमा पर SSB के जवान सेवा, सुरक्षा, बंधुत्व की भावना बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल और भूटान की भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने में सशस्त्र सीमा बल का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कहा कि SSB के जवानों ने अपनी ऊर्जा और सजगता से देश का भरोसा बढ़ाया है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने SSB के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा और सेवा की तारीफ की. उन्होंने कहा कि SSB ने खेल के क्षेत्र में 72 पदक जीते हैं.उन्होंने सीमा पर जवानों के द्वारा घुसपैठियों की गिरफ्तारी, नशीली वस्तुओं की बरामदगी, हथियार और गोला बारूद की बरामदगी, मानव तस्करी रोकने, गौ तस्करी रोकने की भूमिकाओं की भी चर्चा की. उन्होंने SSB की उस भूमिका का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिन राज्यों में जवानों ने नक्सली गतिविधियों पर काबू पाया और जनता को उनसे मुक्ति दिलाई.
इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने 200 करोड़ की लागत से SSB से संबंधित कई कार्यक्रमों का शिलान्यास किया. इसके बाद उन्होंने सीमा पर अच्छा कार्य करने वाली विभिन्न वाहिनियों और बटालियन को ट्रॉफी प्रदान की. इनमें रानीडांगा, भूटान बॉर्डर की 53 वी वाहिनी, BOP की ट्रॉफी, BOP जय गांव इत्यादि को पुरस्कृत किया. इस कार्यक्रम की पिछले काफी समय से तैयारी चल रही थी. समारोह को देखने के लिए काफी संख्या में मेहमान आए थे. इनमें दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट, जलपाईगुड़ी के सांसद आनंदमय बर्मन, माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी के विधायक, सीमा सुरक्षा बल के जवानों के परिवार के लोग, अधिकारी आदि शामिल थे.
इस अवसर पर भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने SSB के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की तारीफ करते हुए सेना के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों तथा जवानों को बधाई दी है. उन्होंने भी SSB के सेवा, त्याग और बलिदान की भी बात कही.
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