November 27, 2025
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4 दिसंबर के बाद SIR फॉर्म जमा करने पर मतदाता सूची से नाम कटना तय!

If SIR form is submitted after December 4, the name will be deleted from the voter list.

चुनाव आयोग का अंतिम निर्देश आ गया है. इसके अनुसार एस आई आर फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर ही होगी. उसे बढ़ाया नहीं जाएगा. अगर इस दौरान आप SIR फॉर्म भरकर BLO को जमा नहीं करते हैं तो 2026 के विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में आपका नाम नहीं होगा. इसलिए आपकी भरसक कोशिश होनी चाहिए कि जल्द से जल्द SIR फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा कर दें ताकि बीएलओ के द्वारा समय पर उसका डिजिटाइजेशन किया जा सके.

इस समय बीएलओ के पास बात करने की फुर्सत नहीं है. वे दिन और रात काम कर रहे हैं. काफी दबाव में हैं. बीएलओ को फार्म की जांच समेत मतदाताओं को फोन करना, फार्म सुधार करना और उसके बाद फॉर्म को अपलोड करना इत्यादि बहुत से काम हैं. काम के बढ़ते दबाव के कारण पश्चिम बंगाल में अब तक दो से अधिक बीएलओ के द्वारा खुदकुशी की घटना को अंजाम दिया गया है. आज एक और बीएलओ ने आत्महत्या कर ली है. बंगाल से लेकर जिन जिन राज्यों में SIR चल रहा है, उन राज्यों में कमोबेश यही स्थिति है.

गुजरात, राजस्थान, केरल इत्यादि राज्यों में बीएलओ के साथ-साथ सामान्य लोगों की मौत की खबरें आ रही है. बंगाल में कथित तौर पर 28 लोगों द्वारा SIR के कारण अपनी जान गवाने का दावा किया गया है. अगर सबसे ज्यादा SIR में दिक्कत आ रही है तो वह पश्चिम बंगाल ही है.जहां की सरकार SIR का विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR के खिलाफ एक राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री 25 नवंबर को SIR के विरोध में उत्तर 24 परगना के मथुरा घाट में एक बड़ी रैली करने जा रही है.

इन आशंकाओं और अनिश्चितताओं के बीच कई लोग जो यह सोच रहे हैं कि चुनाव आयोग SIR की अवधि बढ़ा सकता है, या फिर उसे स्थगित करने पर विचार कर सकता है, तो इस भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि हर हालत में SIR का काम निर्धारित अवधि के भीतर ही पूरा किया जाना चाहिए. केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 4 दिसंबर की निर्धारित तिथि नहीं बढ़ने वाली है.

इस समय चुनाव आयोग की केंद्रीय टीम हर दूसरे तीसरे दिन उत्तर बंगाल का दौरा कर रही है. बीएलओ के द्वारा काम कैसा चल रहा है, इसके अलावा उनकी समस्या, परेशानी और काम करने का तरीका आदि पर समीक्षा बैठक हो रही है. इसमें बीएलओ भी भाग ले रहे हैं. पिछले दिनों हुई बैठक में उत्तर बंगाल के सभी जिलों के चुनाव अधिकारी शामिल हुए थे. चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि निर्धारित तिथि के भीतर ही फार्म संपन्न होंगे. सभी बीएलओ को 25 नवंबर तक SIR फार्म के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है.

निश्चित रूप से बीएलओ पर काम का दबाव, परेशानी और दूसरी पारिवारिक समस्याएं भी सामने आ रही है. लेकिन इसके बावजूद बीएलओ अपना काम भलीभांति कर रहे हैं. हालांकि कुछ BLO के काम में लापरवाही भी बरती जा रही है. चुनाव आयोग के द्वारा उन्हें नोटिस भी दिया जा रहा है.

पिछले दिनों जिला चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग के सामने बीएलओ की समस्याएं रखी. उन्होंने कहा कि एक बीएलओ को औसतन 1200 से लेकर 1400 प्रपत्र रोज देखने पड़ रहे हैं. पहले जहां फार्म बांटना और जमा करना था,अब उनकी फोटो खींचकर डाटा एंट्री करके उसी दिन अपलोड करना भी अनिवार्य कर दिया गया है. इसलिए बीएलओ की व्यस्तता बढ़ गई है और वे काम का दबाव महसूस कर रहे हैं. भारतीय चुनाव आयोग ने भी इसे माना है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा देश के अन्य राज्यों में जहां-जहां SIR चल रहा है, वहां के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के द्वारा भारतीय चुनाव आयोग से SIR की अवधि बढ़ाने की अपील की गई है. बंगाल में तो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर चुनाव आयोग तिथि नहीं बढाता है तो टीएमसी विरोध प्रदर्शन करेगी और चुनाव आयोग को इसका जवाब देगी. लेकिन चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि हर हालत में निर्धारित अवधि के भीतर SIR को पूरा किया जाएगा!

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