क्या डाबग्राम इंडस्ट्रियल पार्क का कारोबार खत्म करने की साजिश चल रही है? आखिर सिलीगुड़ी के व्यवसाईयों को क्यों लगता है कि उनका कारोबार खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है? तरह-तरह के सवाल तब से उठने लगे हैं, जब 3 मार्च को जेडीआईओडब्ल्यूए ने डाबग्राम इंडस्ट्रियल पार्क को खुला व बंद रखने को लेकर नया निर्देश जारी किया, वह सिलीगुड़ी के व्यवसाईयों को हजम नहीं हो रहा है और यही कारण है कि इस पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.
सिलीगुड़ी के नजदीक डाबग्राम इंडस्ट्रियल पार्क कोई छोटी जगह नहीं है. इसे इंडस्ट्री हब भी कहा जाता है. यहां लगभग 140 फैक्ट्रियां स्थित हैं. पार्क के अंदर 24 घंटे लोडिंग अनलोडिंग का काम चलता रहता है. यहां व्यावसायिक वाहनों की कतार हर समय देखी जा सकती है. इस पार्क में प्रवेश व निकास के 11 गेट हैं.जे डीआईओडब्ल्यू ए ने अपने फरमान में कहा है कि इंडस्ट्रियल पार्क सुबह 7:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक ही खुला रहेगा. इसके अलावा रविवार तथा सभी छुट्टियों के दिन भी पार्क को बंद रखा जाएगा. हालांकि गेट पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती रहेगी. सिलीगुड़ी के व्यवसायी इस निर्देश को मानने के लिए तैयार नहीं है.
आखिर कारण क्या है? फैक्ट्री मालिकों तथा कारोबारियों को लगता है कि एक तो जेडीआईओ डब्ल्यू ए को ऐसा निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि पार्क की संपत्ति सरकारी है और केवल पश्चिम बंगाल की सरकार ही इस संबंध में निर्देश जारी कर सकती है. दूसरे में गेट खोलने और बंद रखने के जो नियम और निर्देश जारी किए गए हैं, वह व्यवसाईयों के हित में नहीं है. दरअसल डाबग्राम इंडस्ट्रियल पार्क में स्थित 11 गेटों में से गेट संख्या 1, 2 और 8 सबसे महत्वपूर्ण गेट माने जाते हैं. इन्हीं गेटों के जरिए एशियन हाईवे 2 से इंडस्ट्रियल पार्क में वाहनों का प्रवेश होता है.
व्यवसाईयों का कहना है कि रात्रि 9:00 के बाद ही नो एंट्री खुलती है. ऐसे में 9:00 बजे के बाद ही वाहन इंडस्ट्रियल पार्क में आते हैं. और यह सिलसिला सुबह तक जारी रहता है. अगर 11:00 बजे रात्रि को गेट बंद कर दिया जाता है, तो ऐसे में वाहन कैसे वहां आएंगे और जब वाहन आएंगे नहीं तो लोडिंग अनलोडिंग का काम कैसे होगा. इसलिए उन्हें लगता है कि उनका कारोबार खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है. व्यवसायियों ने नए निर्देश को मानने से इनकार कर दिया है और इसे लेकर विरोध का वातावरण गरमाता जा रहा है.
सीताराम डालमिया ने जेडीआईओ डब्ल्यू ए के नए फरमान पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है. उन्होंने इंडस्ट्री कॉमर्स एंटरप्राइजेज मंत्री शशि पांजा को भी अपनी चिंता से अवगत कराया है. सीताराम डालमिया ने अपने पत्र में कहा है कि डाबग्राम इंडस्ट्रियल पार्क के कारोबार को बंद करवाने का एक षड्यंत्र रचा गया है. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
हालांकि जेडीआईओ डब्ल्यू ए के अध्यक्ष मोहन देवनाथ ने व्यवसायियों की शंका को निराधार बताते हुए कहा है कि ताकि पार्क में कोई अवांछित तत्व घुस ना जाए, इसको ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. अन्यथा यहां पहले की तरह ही वाहनों का आना-जाना जारी रखा जा सकता है. लेकिन यह कैसे संभव होगा जब रात्रि 11:00 के बाद गेट को बंद कर दिया जाएगा? क्या इसका जवाब मोहन देवनाथ के पास है? बहर हाल देखना होगा कि यह विवाद कब तक खत्म होता है? और कब तक व्यवसाईयों की आशंका का समाधान होता है?
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)