हमारे देश में सर्वाधिक मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है. सिलीगुड़ी एक छोटा शहर है. सिलीगुड़ी तथा सिलीगुड़ी के आसपास आए दिन छोटी-मोटी सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. गत साल यहां कई भयावह सड़क दुर्घटनाएं हुई थी. मौजूदा सत्र में ट्रैफिक पुलिस की सख्ती तथा वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों के पालन में सजगता बरतने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. लेकिन अभी पूरी तरह से सड़क दुर्घटनाओं पर ब्रेक नहीं लगा है.
सिलीगुड़ी में ट्रैफिक का हाल किसी से छिपा नहीं है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और ट्रैफिक विभाग की भरसक कोशिश रहती है कि यहां सड़क दुर्घटनाएं नहीं हो. परंतु वाहन चालकों की जरा सी लापरवाही दुर्घटना का कारण बन जाती है. यह सच है कि सड़कों पर पहले की तुलना में दुर्घटनाओं में कमी आई है. लेकिन ब्लाइंड स्पॉट से होने वाली दुर्घटनाओं को रोक पाना आसान नहीं है. इसे रोकने के लिए फ्रंट व्यू मिरर एक कारगर उपाय है जिसे कोलकाता ट्रैफिक पुलिस अपना रही है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और ट्रैफिक विभाग को यह फार्मूला अपनाने में पीछे नहीं रहना चाहिए.
जिस तरह से कोलकाता महानगर की विभिन्न ट्रेफिक गार्ड तथा पुलिस थानों की तरफ से वाहनों में यह ग्लास लगवाया जा रहा है, उससे यह उम्मीद बंधी है कि जल्द ही कोलकाता में ब्लाइंड स्पॉट से होने वाली समस्या खत्म हो जाएगी. तब सड़क हादसों में काफी कमी आएगी. वर्तमान में कोलकाता में सड़क हादसों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसे रोकने के लिए कोलकाता ट्रेफिक गार्ड ने फॉर्मूला ढूंढ लिया है.
अब सिलीगुड़ी की बारी है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन के अंतर्गत विभिन्न ट्रेफिक गार्ड हैं. ट्रैफिक के पुलिसकर्मियों को यह ड्यूटी दी जानी चाहिए कि वह अपने इलाकों में आवागमन करने वाली छोटी-बड़ी बसों तथा ट्रकों पर नजर रखें तथा वाहनों में फ्रंट व्यू मिरर लगवाएं अथवा इसके लिए वाहन चालको पर दबाव बनवाएं. वास्तव में वाहन में यह मिरर नहीं लगा होने से ड्राइविंग सीट पर बैठे वाहन चालक को यह नजर ही नहीं आता कि कोई व्यक्ति या साइकिल वाहन के सामने से गुजर रही है. ब्लाइंड स्पॉट वाहन चालकों की ड्राइविंग सीट के बाहर सामने की तरफ नीचे की जगह होती है. इस कारण से ब्लाइंड स्पॉट की दुर्घटनाएं काफी होती हैं.
लेकिन जब फ्रंट व्यू मिरर लग जाएगा तो वाहन चालक बड़ी आसानी से देख सकेंगे कि बाहरी हिस्से में नीचे कौन आवाजाही कर रहा है. उपरोक्त के अलावा सिलीगुड़ी में सिटी ऑटो, छोटे वाहन चालकों तथा बसों के चालकों को ड्राइविंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है. समय-समय पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाना चाहिए. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में ओवर टेक करने से उन्हें रोकना जरूरी है.
सिलीगुड़ी के वाहन चालकों को सख्त रूप से हिदायत देने की जरूरत है कि कभी भी स्कूल,अस्पताल, सार्वजनिक स्थान ,व्यस्त चौराहों पर तेज गति से वाहन न चलाएं. स्कूल के आस-पास कभी भी ओवरटेक ना करें. ज़ेबरा क्रॉसिंग के पीछे हमेशा गाड़ी रखनी चाहिए. हालांकि सिलीगुड़ी में वाहन चालक ज़ेबरा क्रॉसिंग की ज्यादा परवाह नहीं करते. अगर वाहन चालको को ट्रेनिंग दी जाती है तो इससे सड़क दुर्घटनाओं में तो कमी आएगी ही, इसके साथ ही सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम में भी काफी सुधार होगा.
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल बस, निजी बस, ट्रक, छोटे से लेकर बड़े वाहन हमेशा अपने चालक की सीट के सामने फ्रंट व्यू मिरर लगाते हैं, ताकि उनकी गाड़ी में ब्लाइंड स्पॉट की समस्या का सामना ना करना पड़े. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारियों को चाहिए कि समय-समय पर वाहन चालकों के लिए ट्रेनिंग सत्र का आयोजन करें.इसमें उन्हें नई नई जानकारी दी जाए. यह सारे उपाय करने से ब्लाइंड स्पॉट से होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है.