August 26, 2025
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ममता बनर्जी का मोदी सरकार पर हमला – ‘संविधान को कुचलने की साजिश!

Mamata Banerjee attacks Modi government – ​​'Conspiracy to crush the Constitution!

आज लोकसभा में सरकार ने 130 वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर जोरदार हंगामा किया. इस विधेयक में कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, अथवा राज्य का कोई भी मंत्री किसी आपराधिक मामले में 30 दिन तक जेल में रहता है तो उसे कुर्सी छोड़नी होगी. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि इस विधेयक से केंद्र में सत्तारूढ दल को किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री अथवा मंत्री को हटाने की इजाजत मिल जाएगी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधेयक का जोरदार विरोध किया है और उसकी कड़े शब्दों में निंदा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक महा आपातकाल से भी बढ़कर है. अगर यह विधेयक पारित होता है तो लोकतंत्र नष्ट हो जाएगा. इस विधेयक के सदन में पेश होने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और सदन में नारेबाजी की. कुछ विपक्षी सदस्यों ने बिल की कॉपी फाड़ दी और कागज के टुकड़े अमित शाह पर उछाले.

जानकार मानते हैं कि इस विधेयक का विपक्ष इसलिए विरोध करता है क्योंकि अधिकांश विपक्षी दलों के नेताओं पर विभिन्न तरह के मुकदमे चल रहे हैं. उन्हें डर है कि अगर अदालत ने उन्हें सजा दी या उन्हें जेल जाना पड़ा तो ऐसे में उनका पद जा सकता है. इसलिए वह इसका विरोध कर रहे हैं. ममता बनर्जी का डर व आशंका भी इसी दिशा में इशारा कर रही है. उन्होंने कहा है कि यह विधेयक केंद्र सरकार को अत्यधिक शक्तियां प्रदान करता है और संघीय ढांचे को नष्ट करता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक विशेष गहन पुनरीक्षण सर के नाम पर भारतीय नागरिकों के मताधिकार का दमन करने के लिए केंद्र द्वारा उठाया गया एक अत्यंत कठोर कदम है. उन्होंने लिखा है कि इस विधेयक से हमारी न्यायपालिका की आजादी छिन जाएगी. यह विधेयक भारतीय लोकतंत्र की आत्मा पर एक कुठाराघात है. ममता बनर्जी ने कहा है कि इस विधेयक से न्यायिक व्यवस्था कमजोर होगी. लोगों को न्याय नहीं मिल पाएगा. उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर यह विधेयक पारित होता है तो भारत में संवैधानिक शासन खत्म हो जाएगा.

इसलिए ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने फैसला किया है कि इस विधेयक का जोरदार विरोध किया जाएगा और इसे पारित नहीं होने दिया जाएगा. हालांकि अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक से नैतिकता के मूल्य बढ़ जाएंगे. अगर किसी को झूठे मामले में जेल जाना पड़ता है तो उसे नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. फिर जब अदालत उसे निर्दोष साबित कर देती है तो वह किसी भी संवैधानिक पद को ग्रहण कर सकता है. इसमें विपक्ष को एतराज क्यों है. बहरहाल यह देखना होगा कि विपक्ष के हंगामे के बाद सरकार इस विधेयक को लेकर अगला क्या कदम उठाती है!

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