केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है. लेकिन सिक्किम, कालिम्पोंग और पूरे पहाड़ में मानसून से पहले ही लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण तीस्ता और सहायक नदियां उफान पर हैं. सिक्किम के लोग सोच कर डर जाते हैं कि जब यहां मानसून की वर्षा होगी तो आलम क्या होगा. क्योंकि अभी से ही तीस्ता नदी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. पहाड़ में हुई बारिश ने माल और क्रांति ब्लॉकों के कई स्थानों पर 3 अक्टूबर की त्रासदी की याद ताजा कर दी है.
कुछ ऐसी ही स्थिति कालिम्पोंग जिले में स्थित बांगे बाजार इलाके में देखी जा रही है. स्थानीय संवाददाता सूरज विष्ट ने बताया कि बैंगे बाजार तीस्ता नदी और उसकी सहायक नदी रेली के संगम स्थल पर स्थित है. पिछली रात नदी के जल में वृद्धि और तीस्ता के उफन जाने से रेली रिवर पर निर्मित लोहे का पुल नदी के पानी में तैर रहा है. पिछली रात की बरसात और तीस्ता नदी की तांडव धारा ने पुल की स्थिति को अत्यंत भयावह बना दिया है, जिसके कारण पुल से होकर गुजरना जान को आफत में डालना है. जब यहां टूरिस्ट आए थे. तब इसी पुल से होकर गुजरे थे. लेकिन आज वे इस सेतु से होकर नहीं जा सकते हैं. पर्यटक जो जहां पर हैं वहीं फंस गए हैं.
आपको बता दें कि पिछले 4 अक्टूबर को तीस्ता में आई बाढ़ की चपेट में बांगे बाजार पूरी तरह जलमग्न हो गया था. इसलिए इस गांव के लोग काफी डरे हुए हैं. प्रशासन के द्वारा भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है. हाम्रो पार्टी के संस्थापक अजय एडवर्ड ने 29 मई को यहां दौरा किया था. उन्होंने जीटीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि जीटीए प्रशासन ने पिछली गलतियों से सबक नहीं लिया है.एक तरफ सिक्किम में प्रशासन काफी सजग है तो दूसरी तरफ जीटीए प्रशासन उदासीन है. उन्होंने कहा कि यहां के पीड़ित परिवार घर से पलायन कर रहे हैं. यहां स्थिति अत्यंत भयावह और दयनीय बन चुकी है. जीटीए प्रशासन को सिक्किम से कुछ सीखने की जरूरत है.
सिक्किम में भी हालत कुछ अच्छी नहीं है. परंतु वहां का प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. माल ब्लाक के बागराकोट ग्राम पंचायत का एक गांव है टोट गांव. तीस्ता नदी इसी गांव से होकर गुजरती है. 3 अक्टूबर को आई त्रासदी में यह पूरा गांव पानी में डूब गया था. इस गांव के लोग काफी सहमे हुए हैं. क्रांति प्रखंड के चापाडांगा और चेंगमारी ग्राम पंचायत के विभिन्न इलाकों में भी जलप्लावन की स्थिति देखी जा रही है. इन दोनों ग्राम पंचायत के लगभग 100 परिवार बाढ़ में घिर गए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्राम पंचायत ईकाई लोगों की जान माल की रक्षा के लिए तत्पर हो गई है. तीस्ता नदी से सटे इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पंचायत प्रशासन तीस्ता नदी की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है. तीस्ता का पानी सुबह लगभग 4:00 बजे गांव की ओर बढ़ाना शुरू हुआ था. लेकिन यह बोल्डर बांध से टकराकर मुख्य धारा में लौट गया. यह स्थिति बागराकोट इलाके की है. आपको बता दें कि तीस्ता नदी सेवक के रेलवे पुल को पार करने के बाद दो धाराओं में बट गई है. एक धारा चमक डांगी, लाल टांग बस्ती की ओर चली गई है तो दूसरी धारा टोट गांव की ओर चली गई है.
यहां के लोग इस बात से डरे हुए हैं कि तीस्ता नदी कब किस स्वरूप में तब्दील हो जाए, पहले से कुछ पता नहीं होता. लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि अगर बांध की व्यवस्था हो जाती तो संकट कुछ हद तक कम हो जाता. मगर अब समय नहीं है. क्योंकि कुछ ही दिनों में मानसून भी सक्रिय होने वाला है. अभी गनीमत है कि तीस्ता का पानी खतरे के निशान को पार नहीं किया है. पर इस तरह से अगर बरसात जारी रहती है तो खतरा बढ़ जाएगा. स्थानीय प्रशासन के द्वारा स्थिति पर नजर रखने के लिए आपदा प्रबंधन टीम, सिविल डिफेंस और इलाके के सभी जनप्रतिनिधियों को लगाया गया है.
सिंचाई विभाग की ओर से माल के एसडीओ प्रसनजीत चौधरी ने कहा है कि तीस्ता का पानी लालट॔ग के कई इलाकों में घुस गया है. गांव के किसानों की खेती तो पहले ही चौपट हो चुकी है. अब जान की रक्षा करने की चिंता है. क्रांति प्रखंड में लगभग एक करोड रुपए की खेती चौपट हो चुकी है. सूत्रों ने बताया कि चेंगमारी ग्राम पंचायत में एक राहत शिविर खोला गया है. मिली सूचना के अनुसार तीस्ता का पानी क्रांति ब्लॉक के बासु सुबा ग्राम पंचायत के केरानी पाडा, मास्टर पाडा आदि इलाके में घुस गया है. चेंगमारी ग्राम पंचायत के अंतर्गत साहेब बाडी, डांगा पाड़ा और अपालचंद इलाके में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. वहां कई घर जलमग्न हो गए हैं. इस तरह से मानसून से पूर्व ही सिक्किम और कालिमपोंग के कई गांव बाढ़ का सामना कर रहे हैं.
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