क्या होगा मोहम्मद अब्बास का? कितनी सजा होगी उसे? जेल जाएगा या अदालत उस पर रहम करेगी? या फिर मोहम्मद अब्बास को फांसी होगी या आजीवन कारावास? ऐसे बहुत से सवाल उठ रहे हैं. सिलीगुड़ी कोर्ट 9 अगस्त को फैसला सुनाने जा रहा है. कोर्ट की कार्यवाही के बाद फैसले की घड़ी आ चुकी है. इस दिन के लिए काफी शिद्दत से इंतजार किया जा रहा था.
आज पीड़ित पक्ष के वकील वीरेंद्र रसायली ने टेलीफोन पर खबर समय को बताया कि 9 अगस्त को सिलीगुड़ी के इस बहु चर्चित हत्याकांड का फैसला सिलीगुड़ी एसडीम कोर्ट करने जा रहा है. पोक्सो एक्ट के अंतर्गत इस मामले की सुनवाई की जा रही है. यही कारण है कि 1 साल के अंदर ही सिलीगुड़ी कोर्ट मुकदमे का फैसला सुनाएगा. आपको बताते चलें कि 21 अगस्त 2023 को सिलीगुड़ी के एक सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाली एक नाबालिक छात्रा का माटीगाड़ा के इलाके में कत्ल हो गया था.
यह मामला तब तूल पकड़ने लगा, जब पुलिस ने कत्ल के आरोपी के रूप में मोहम्मद अब्बास नामक एक लड़के को गिरफ्तार किया था. जिसने बाद में पुलिस हिरासत में कबूल कर लिया कि उसने ही नाबालिग बालिका का कत्ल किया था. इसके बाद पूरे सिलीगुड़ी शहर में इस कांड ने खूब सुर्खिया बटोरी. विभिन्न पक्षों की ओर से मोहम्मद अब्बास को फांसी देने की मांग की जाने लगी. पूरा शहर गुस्से में था. पुलिस ने आरोपी को सजा दिलाने के लिए काफी परिश्रम किया.
सिलीगुड़ी कोर्ट में भी मोहम्मद अब्बास पर एक पक्ष के लोगों ने हमला करने की कोशिश की.पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए निर्धारित समय के भीतरी चार्जशीट दाखिल कर दिया. चूंकि यह मामला पोक्सो एक्ट के अंतर्गत चल रहा था, इसलिए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मुकदमे की कार्यवाही तीव्र गति से पूरी करते हुए अदालत को समय पर सभी साक्ष्य और सबूत जुटाए. एक समय ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब आरोपी पक्ष को वकील नहीं मिल रहा था. सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के लोगों ने मोहम्मद अब्बास का केस लड़ने से मना कर दिया.
बाद में अदालत के निर्देश पर कोलकाता से मोहम्मद अब्बास का केस देखने के लिए एक वकील को हायर किया गया. कई सुनवाई हुई.कोर्ट की हर सुनवाई में मुहम्मद अब्बास कोर्ट के सामने उपस्थित हुआ. उसका बयान रिकॉर्ड किया गया. 20 से ज्यादा गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए. हर तारीख पर पीड़िता पक्ष की तरफ से मृतका की मां और उसके भाई अदालत में आते रहे.
हर बार मृतका की मां ने अदालत से मामले का फैसला जल्द से जल्द करने का अनुरोध किया. इसके अलावा मोहम्मद अब्बास को फांसी देने की मांग की गई. पीड़ित पक्ष की ओर से धरना प्रदर्शन भी किया गया. उधर जब-जब मोहम्मद अब्बास को कोर्ट में पेश किया गया, उसकी बुडढी बीमार मां भी कोर्ट में आती रही. इस तरह से पुलिस, कोर्ट और त्वरित प्रक्रिया के कारण इस मामले का 1 साल के भीतर ही फैसला होने जा रहा है!
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