उत्तर बंगाल की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाला बहुचर्चित स्वर्ण व्यवसायी अपहरण हत्याकांड सुर्खियों में है. यह मामला इसलिए भी सुर्खियों में है कि इस बहुचर्चित हत्याकांड में सिलीगुड़ी से सटे राजगंज प्रखंड के बीडियो प्रशांत बर्मन पर हत्या का और सत्तारूढ पार्टी के एक नेता की उसमें मिलीभगत का आरोप लगा है.
यह एक ऐसा मामला है, जहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार के एक नौकरशाह और नेता दोनों ही हत्याकांड से जुड़े हैं. पुलिस के पास वीडियो फुटेज भी है. राजगंज का बीडियो प्रशांत बर्मन भूमिगत हो चुके हैं. वे मूल रूप से कूचबिहार दो ब्लॉक के निवासी हैं. बिधाननगर पुलिस ने सिलीगुड़ी के चंपासारी इलाके से जिस व्यक्ति को हिरासत में लिया है, उनके बारे में कहा जाता है कि वे सत्तारूढ पार्टी में अपना महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं. चर्चा तो यह भी है कि उन्हें सत्तारूढ पार्टी का संरक्षण प्राप्त है.
जब एक स्वर्ण व्यवसायी अपहरण एवं हत्याकांड में दो-दो महत्वपूर्ण हस्ती किसी सत्तारूढ पार्टी से जुड़े हों, ऐसे में बंगाल पुलिस ने चंपासारी इलाके से सजल सरकार को गिरफ्तार तो कर लिया है, पर सवाल यह है कि क्या पुलिस सजल सरकार से स्वर्ण व्यवसायी की हत्या का राज खुलवा पाएगी? सबसे पहले यह जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है?
अगस्त महीने की बात है. राजगंज के बीडियो के घर से सोने के आभूषण चोरी हो गए थे. आभूषण चोरी करने के मामले में घर का केयर टेकर पकड़ा गया था. उसने बताया कि उसने चोरी का सोना स्वप्न कामेलिया नामक एक स्वर्ण व्यवसायी को बेच दिया था. स्वप्न कामलिया मूल रूप से पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मोहनपुर थाना इलाके के दिलमेटिया गांव के निवासी थी. यह जानने के बाद राजगंज के बीडियो प्रशांत बर्मन पश्चिम मेदिनीपुर में स्थित कामेलिया के घर गए. लेकिन स्वर्ण व्यवसायी उस समय घर पर नहीं मिले.
कामेलिया के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि बीडियो प्रशांत बर्मन काफी गुस्से में थे और उन्होंने कामेलिया को जान से मारने की धमकी दी थी. परिवार वालों ने इसका वीडियो मोहनपुर थाने में जमा किया था. जब कामेलिया घर लौटे तो घर वालों ने पूरी बात बताई. इसके बाद कामेलिया ने स्वयं ही प्रशांत बर्मन को फोन करके कहा कि वह उनके सारे गहने वापस कर देंगे. 27 अक्टूबर की बात है. प्रशांत बर्मन अपने साथ पांच लोगों को लेकर कामेलिया की सोने की दुकान पर पहुंचे.
उन्होंने कामेलिया तथा उनके मकान मालिक गोविंद बाग को अपनी कार में बैठाया और न्यू टाउन की ओर ले गये. कुछ दूर आगे जाने के बाद कामेलिया के मकान मालिक को रास्ते में छोड़ दिया गया. पुलिस को अगले दिन कामेलिया का खून से लथपथ क्षत विक्षत शव न्यूटाउन इलाके के जतरागाछी में स्थित एक नहर से मिला था. स्वर्ण व्यवसायी के घर वालों ने बिधाननगर दक्षिण थाने में बीडियो के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था.
बिधाननगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि राजगंज के बीडियो प्रशांत बर्मन का एक दोस्त तूफान थापा और बीडीओ का कार चालक राजू ढाली इस मामले में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. तूफान थापा एक ठेकेदार है. वह कालचीनी का रहने वाला है. जबकि राजू बीडियो प्रशांत बर्मन के कोलकाता आने पर उनकी गाड़ी चलाता था. पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से जानकारी हाथ लगी थी कि दो लोग एक नीली बत्ती लगी कार से शव को ठिकाने लगा रहे थे. पुलिस ने उनकी पहचान की और इसके आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की थी.
उनसे पूछताछ के बाद पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी थी. आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को सजल सरकार तक पहुंचने का अवसर मिल गया. सजल सरकार कूचबिहार जिला के खगड़ाबाड़ी के रहने वाले हैं.वे तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष हैं. सजल सरकार की भाभी गायत्री सरकार कूचबिहार दो पंचायत समिति की अध्यक्षा हैं.
पुलिस में अपना नाम आने के बाद वे अपनी गिरफ्तारी के डर से सिलीगुड़ी के मिलन मोड में छिपकर रह रहे थे. बिधाननगर पुलिस ने सजल सरकार की गिरफ्तारी में सिलीगुड़ी पुलिस से सहयोग मांगा था. इस तरह से सजल सरकार को गिरफ्तार कर विधान नगर पुलिस उसी रात उन्हें कोलकाता ले गई और अगली सुबह बिधाननगर अदालत में पेश कर दिया.
अदालत ने सजल सरकार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.इस बीच पुलिस की रडार में के एल ओ चीफ आतंकी जीवन सिंह भी आ चुके हैं. के एल ओ एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है और जीवन सिंह उसके सुप्रीमो हैं. आरोप है कि मोस्ट वांटेड आतंकी जीवन सिंह बीडियो प्रशांत बर्मन के करीबी हैं. उन्होंने बीडियो प्रशांत बर्मन का समर्थन किया है और कहा है कि इस मामले में प्रशांत बर्मन का कोई हाथ नहीं है. उधर प्रशांत बर्मन ने गिरफ्तारी के डर से खुद को राजवंशी का बेटा बता कर एक खूबसूरत चाल चली है और सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है.
बहरहाल यह देखना होगा कि पुलिस की यह कार्रवाई कहां तक जाती है और इस मामले में और कितने लोगों की गिरफ्तारी होती है. पर असल सवाल यह है कि क्या पुलिस स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड से पर्दा उठा भी पाएगी?

