प्याज और टमाटर दो ऐसी खाद्य वस्तुएं हैं, जिनकी महंगाई का असर सामाजिक और राजनीतिक रिश्ते पर अवश्य ही होता है. इतिहास गवाह है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी ने कई राज्य सरकारों को हिला कर रख दिया. प्याज की कीमत में बढ़ोतरी से सरकार बदल गई. चाहे वह दिल्ली हो या बिहार या फिर देश में कहीं और. जब-जब प्याज की कीमत बढ़ती है, सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है.
सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में प्याज की कीमत लगातार बढ़ रही है. कोलकाता में प्याज की कीमत एक हफ्ते में बढ़कर दोगुनी हो गई है. कोलकाता में खुदरा बाजारों में प्याज 75 रुपए से लेकर ₹80 किलो तक मिल रही है. सिलीगुड़ी में भी हाल कुछ ऐसा ही है. यहां भी प्याज की कीमत खुदरा बाजार में ₹70 किलो से ज्यादा बढ़ गई है. कीमत में इतना भारी इजाफा केवल एक डेढ हफ्ते में ही हुआ है.
प्याज की कीमतों में लगभग दोगुनी वृद्धि त्यौहारी सीजन में नागरिकों के लिए कष्टदायक है. एक प्याज की कीमत में बढ़ोतरी से इसका असर दूसरी साग सब्जियों पर पड़ना निश्चित है. यही कारण है कि आम लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़े, राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. टास्क फोर्स के सदस्य राज्य के सभी जिलों में बाजार पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फिलहाल कोई लाभ नहीं मिलेगा.
सिलीगुड़ी में विभिन्न छोटे बड़े बाजारों में प्याज का दाम दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. 2 दिन पहले तक बाजार में प्याज ₹60 प्रति किलो बिक रहा था. अब बढ़कर ₹70 75 प्रति किलो हो गया है.दुकानदार भी ज्यादा प्याज नहीं रख रहे हैं.क्योंकि प्याज के खरीदार बहुत कम मात्रा में प्याज ले रहे हैं. टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि प्याज की कीमत में फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी.
बाजार के विशेषज्ञों और टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि त्यौहारी सीजन चल रहा है. ऐसे सीजन में प्याज की आपूर्ति कम होना तय माना जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों से प्याज की आवक कम हो गई है. जबकि मांग बढ़ रही है. यही कारण है कि खुदरा बाजार में प्याज की कीमत लगातार बढ़ रही है और अब तक यह दोगुनी हो चुकी है. टास्क फोर्स के सदस्यों की आशंका है कि नवंबर महीने में प्याज की कीमत में और उछाल आएगी. क्योंकि इस महीने काली पूजा ,दीपावली, भाई दूज ,छठ पूजा आदि त्यौहार है.ऐसे में प्याज की कीमत में और बढ़ोतरी होगी.
और बढ़ोतरी का मतलब यह है कि प्याज खुदरा बाजार में ₹100 प्रति किलो तक जा सकता है. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के कई दुकानदारों और जानकारों की यह आशंका है. सरकार कोशिश कर रही है कि प्याज की कीमत नियंत्रित हो सके. राज्य सरकार की ओर से उत्पाद का अपना स्टॉक जारी कर खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने टास्क फोर्स के सदस्यों तथा राज्य पुलिस की प्रवर्तन शाखा ईबी के अधिकारियों को प्याज के साथ-साथ अन्य सब्जियों की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए खुदरा बाजारों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है. लेकिन इसका कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा. फिलहाल प्याज के दाम ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है.