July 17, 2025
Sevoke Road, Siliguri
inflation bjp petrol

पेट्रोल-डीजल के दाम घटेंगे!

Petrol and diesel prices will decrease!

ऐसा लगता है कि आने वाले एक दो महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी आ सकती है. खुद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह संकेत दे दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर कच्चे तेल की कीमत वर्तमान में 65 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रहती है तो अगले दो-तीन महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी देखने को मिलेगी.

वर्तमान में देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर है. दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 94 रुपए 77 पैसे हैं. जबकि डीजल प्रति लीटर 87 रुपए 67 पैसे हैं. कोलकाता में पेट्रोल 103 रुपए 50 पैसे हैं. जबकि डीजल ₹90 76 पैसे हैं. इसी तरह से मुंबई में डीजल और पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर क्रमशः ₹90 और 103 रुपए 50 पैसे हैं. चेन्नई में पेट्रोल ₹100 75 पैसे जबकि डीजल 92 रुपए 34 पैसे हैं.भोपाल में पेट्रोल 106 रुपए 52 पैसे जबकि डीजल 91 रुपए 89 पैसे हैं. जयपुर मैं डीजल ₹90 21 पैसे जब भी पेट्रोल 104 रुपए 72 पैसे हैं.

पेट्रोल और डीजल दो ऐसे पेट्रोलियम पदार्थ हैं, जिन पर वैट अधिक लगता है. अगर सरकार वैट और एक्साइज ड्यूटी में कटौती करे तो डीजल और पेट्रोल दोनों की दरें काफी कम हो जाएंगी. वर्तमान में पेट्रोल का बेस प्राइस प्रति लीटर 52 रुपए 83 पैसे हैं. जबकि डीजल का बेस प्राइस प्रति लीटर 53 रुपए 75 पैसे हैं. ढुलाई भाड़ा पेट्रोल पर मात्र 24 पैसे जबकि डीजल पर 26 पैसे आता है.

एक्साइज ड्यूटी के नाम पर पेट्रोल पर ₹21 90 पैसे और डीजल पर 17 रुपए 80 पैसे सरकार वसूल करती है और वैट पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹15 40 पैसे जबकि डीजल पर ₹12.83 पैसे प्रति लीटर है. इस तरह से देखा जाए तो पेट्रोल पर सरकारों का कुल टैक्स लगभग ₹37 जबकि डीजल पर लगभग ₹31 का है. अगर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर कुल टैक्स में कुछ कमी लाती है तो डीजल और पेट्रोल के दामों मे अपने आप कमी हो जाएगी. मगर ना तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार इस मलाई से दूर रहना चाहती है.

आंकड़ों के अनुसार पेट्रोल पर केंद्र सरकार ₹17. 80 पैसे प्रति लीटर टैक्स वसूल करती है जबकि राज्य सरकार वैट के रूप में 12 रुपए 83 पैसे प्रति लीटर वसूल करती है. देश में हर महीने हर व्यक्ति की पेट्रोल की खपत लगभग 2.80 लीटर और डीजल की खपत 6.32 लीटर है. यानी पेट्रोल पर हर महीने व्यक्ति को 104 रुपए 44 पैसे जबकि डीजल पर 193 रुपए 58 पैसे का टैक्स देना होता है. दोनों को मिला दिया जाए तो प्रति महीने 298 रुपए का टैक्स देना पड़ता है.

इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ता है. वर्तमान में डीजल और पेट्रोल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल पर काफी समय से बनी हुई है और तेल कंपनियां दोनों हाथों से मुनाफा कमा रही है. चुनाव का मौसम देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को ही जनता के हित का ध्यान रखते हुए टैक्स में कम मुनाफा के लिए पहल करना चाहिए. लेकिन क्या सरकारें ऐसा कर सकेंगी. शायद नहीं.

आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा समय में तेल कंपनियां पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹12 से ₹15 तक और डीजल पर ₹6 से लेकर 12 रुपए का मुनाफा कमा रही है. क्या सरकार यह देख नहीं रही है? डीजल और पेट्रोल के दाम घटाने को लेकर कई महीनो से विचार मंथन चल रहा है. लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. आज पेट्रोलियम मंत्री ने सिर्फ संकेत दिया है और यह भी कहा है कि अगर कोई बड़ा भू राजनीतिक घटनाक्रम नहीं होता है तो पेट्रोल और डीजल के दाम घटेंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *