भारत के खुफिया विभाग द्वारा सूचना के बाद सिलीगुड़ी जंक्शन और एनजेपी स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा असम से आने वाली ट्रेनों की तलाशी शुरू कर दी गई है. खुफिया विभाग ने कहा है कि असम से आने वाली ट्रेनों में रोहिंग्या भारत में घुसपैठ कर सकते हैं और सिलीगुड़ी उनका पहला पड़ाव हो सकता है.
उधर बांग्लादेश में हालांकि अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक हिंसा थम नहीं रही है. अंतरिम सरकार ने आंदोलनकारियों के आगे घुटने टेक दिए हैं. सबसे ज्यादा बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा है. उनके घरों को जलाया जा रहा है. उन्हें रोटी, कपड़ा और मकान से महरूम कर दिया गया है. हजारों की संख्या में हिंदुओं ने भारत का रूख किया है. लेकिन बीएसएफ ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. जिसके चलते बांग्लादेशी हिंदू भारत नहीं आ रहे. दरअसल खुफिया विभाग ने रोहिंग्या की घुसपैठ की भी जानकारी दी है.
बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता का माहौल ऐसा है कि यहां के गोपालगंज इलाके में सेना के गश्ती वाहनों पर हमला हो गया. इस हमले में चार अधिकारियों और पांच सैनिकों के घायल होने की जानकारी है. आंदोलनकारियों ने सेना के एक वाहन को फूंक डाला जबकि दो वाहनों में तोड़फोड़ की गई. बांग्लादेश से लगने वाली पश्चिम बंगाल की सभी सीमाओं पर बांग्लादेशी हिंदुओं का जत्था भारत में घुसपैठ करने के लिए भारत सरकार के आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है. बीएसएफ के जवान उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
हिंदू सुरक्षा मंच, उत्तर बंग ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा तथा उन्हें बचाने को लेकर चिंता व्यक्त की है और भारत के सभी राजनीतिक दलों से आगे आने का अनुरोध किया है.
इस बीच खुफिया विभाग से डरावनी खबर मिल रही है. खुफिया विभाग ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए खासतौर पर रोहिंग्या भारत में घुसपैठ करने का मौका देख रहे हैं. रेलवे सुरक्षा बल ने भी अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है. विभिन्न बड़े रेलवे स्टेशनों पर उनकी निगरानी की जा रही है. सिलीगुड़ी में रोहिंग्या की घुसपैठ की संभावना को देखते हुए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा सतर्कता बढ़ा दी गई है. बीएसएफ के जवान सीमा पर पूरी तरह से चौकसी बरत रहे हैं. असम से आने वाली हर ट्रेन पर एनजेपी स्टेशन पर चौकसी बढ़ा दी गयी है. एनजेपी स्टेशन पर ट्रेनों की तलाशी की जा रही है. सिलीगुड़ी जंक्शन पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है.
इस बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के विरोध में विश्व भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है. भारत के साथ-साथ अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने व्हाइट हाउस के बाहर एकत्र होकर हिंदुओं पर हमले का विरोध किया. इस मामले में अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की है. प्रदर्शनकारी हिंदुओं की संपत्ति और मंदिरों पर हमले के दोषियों को गिरफ्तार किए जाने की भी मांग कर रहे थे. इनमें से बहुत से लोगों ने वी वांट जस्टिस के नारे वाले पोस्टर हाथों में ले रखे थे.
अमेरिका के विभिन्न शहरों में यह प्रदर्शन शुरू हो गया है. इनमें वाशिंगटन, मेरी लैंड, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क शामिल है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर हिंदुओं पर हमले के विरोध में प्रदर्शन हुआ था. लंदन में भी ब्रिटिश संसद के बाहर हिंदुओं पर हमले के विरोध में प्रदर्शन हुआ. मंदिरों पर हमले की कड़ी निंदा की गई.दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. इस बीच हमले के शिकार बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लोग चटगांव में सड़कों पर उतर गए और हमला करने वालों को दंडित करने की मांग की.
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