भारत भूटान सीमा पर स्थित एक छोटा सा शहर जय गांव में जन आक्रोश तब उबल पड़ा, जब पता चला कि गायब हुई एक 7 साल की बच्ची की हत्या कर दी गई है. पिछले एक हफ्ते से पुलिस बच्ची की तलाश कर रही थी. यह भी पता चला कि बच्ची के शव को कुछ लोग जलाने की कोशिश कर रहे हैं. जय गांव के आक्रोशित लोगों ने तुरंत ही थाने का घेराव शुरू कर दिया. इसके अलावा व्यापारियों ने अपनी दुकान बंद कर दी. जिस तरह से यहां देखते-देखते तनाव बढा, पूरा शहर आक्रोशित हो उठा. भीड को काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. बड़ी संख्या में पुलिस बल को यहां बुलाना पड़ा. हालांकि तनाव और उत्तेजना अभी भी बरकरार है.
पुलिस सूत्रों तथा स्थानीय लोगों के अनुसार यह घटना मंगलवार की है, जब पुलिस को पता चला कि एक 7 साल की लापता बच्ची का कत्ल कर दिया गया है. यह बच्ची जय गांव की रहने वाली थी और पिछले एक हफ्ते से लापता थी. मंगलवार को पुलिस ने उसकी लाश बरामद की. स्थानीय लोगों के अनुसार जय गांव के ही एक व्यक्ति ने बच्ची को अगवा किया था, जो इस इलाके में रहता था. जहां बच्ची के माता-पिता रहते थे. उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ाया जा रहा था. लेकिन पुलिस ने अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया था. इस वजह से भी लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्से में थे. बच्ची के गायब होने के बाद ही शहर में तनाव बढ़ने लगा था. हालांकि जय गांव पुलिस बच्ची की तलाश में जुटी हुई थी.
मंगलवार की सुबह जब लापता बच्ची के शव मिलने की खबर आई तो चारों तरफ हड़कंप मच गया. पुलिस को यह भी सूचना मिली कि कुछ लोग उसकी लाश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं. जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक वहां कोई नहीं था. इस बीच सूचना पाकर बच्ची के माता-पिता भी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने अधजले शव की शिनाख्त की. पुलिस ने आवश्यक पूछताछ के बाद बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए अलीपुरद्वार जिला अस्पताल भेज दिया. इस बीच इस घटना की खबर जंगल में लगी आग की तरह चारों तरफ फैल गई तो इस पर राजनीति भी शुरू हो गई.
दार्जिलिंग के भाजपा नेता सांसद राजू बिष्ट को जैसे ही घटना के बारे में पता चला, वे तुरंत ही घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. लेकिन मौके पर पहुंचने से लगभग 1 किलोमीटर पहले ही पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया. उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार भी साथ थे. पुलिस ने दोनों को ही मौके पर जाने से रोक दिया. उनके साथ कुछ और स्थानीय भाजपा नेता और विधायक थे.
कुछ देर तक पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच कहा सुनी हुई. सांसद राजू बिष्ट ने कानून व व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया. कहा कि वह जनप्रतिनिधि है और इस नाते उन्हें मौके पर जाना जरूरी है. पुलिस उन्हें रोक नहीं सकती है और ना ही डरा सकती है. अगर पुलिस उन्हें जाने से रोकती है तो कम से कम स्थानीय विधायक को वहां जाने दे. लेकिन खबर है कि जय गांव पुलिस ने भाजपा नेताओं को मौके पर जाने से रोक दिया. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया है और कहा है कि यहां कानून एवं व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. इस घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है और सरकार तथा पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठने लगे हैं.
आज जयगांव के पुलिस अधिकारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी बबलू मियां को भारत नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया है. ऐसा लगता है कि घटना को अंजाम देने के बाद बबलू मियां नेपाल फरार हो जाना चाहता था. लेकिन पुलिस ने अपने गोपनीय सूत्रों से जानकारी हासिल करके उसे गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके पुलिस ने अलीपुरद्वार जिला अदालत में पेश किया जहां से उसे अन्य दो साथियों के साथ रिमांड में ले लिया गया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. उसके बाद ही इस घटना के बारे में सही जानकारी सामने आ सकेगी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले के दो अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
यह पूछे जाने पर कि पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगाया? पुलिस अधिकारी ने जवाब दिया कि मुख्य आरोपी के पास मोबाइल फोन नहीं था. इसलिए पुलिस उसके लोकेशन का पता तत्काल नहीं लगा सकी. मुख्य आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस को सीसीटीवी फुटेज का सहारा लेना पड़ा. पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि एक व्यक्ति एक 7 साल की बच्ची की उंगली पकड़कर उसे चाऊमीन खिलाने ले जा रहा है. इसके बाद उसे धर दबोचने के लिए पुलिस ने एक टीम का गठन किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर आरोपी के पास मोबाइल फोन होता तो आरोपी कब का पकड़ा जा चुका होता! पुलिस ने अपहरण और पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. घटना की विस्तृत छानबीन की जा रही है. अभी यह पता नहीं चल सका है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था अथवा नहीं.पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है!
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